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सीखने लायक है हरियाणा की लड़कियों का बोल्‍ड अंदाज

    • अमित अरोड़ा
    • Updated: 20 नवम्बर, 2017 12:26 PM
  • 20 नवम्बर, 2017 12:26 PM
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जिस तरह के स्पोर्ट्समेन और स्पोर्ट्वुमन हरियाणा से निकल कर आ रहे हैं. अगर ऐसा कहा जाए कि हरियाणा भारत का चीन बनता जा रहा है तो गलत नहीं होगा..

मिस वर्ल्ड का खिताब जीत कर मानुषी छिल्लर ने भारत का नाम उँचा कर दिया है. आखरी बार सन् 2000 में प्रियंका चोपड़ा ने यह जीता था. 17 साल बाद यह खिताब भारत के नाम हुआ है. मानुषी इसे पाने वाली छठी भारतीय महिला है. मानुषी की जीत से उनके गृह राज्य हरियाणा में सरकार के कार्यक्रम 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को बल मिलेगा.

यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि जिस राज्य के पुरुष महिला लिंग अनुपात में इतना फ़र्क हो, वहीं की लड़कियाँ देश-विदेश में नाम कमा रही हैं. हाल फिलहाल में हरियाणा की लड़कियों ने खेल के मैदान में भारत को कई इनाम दिए है. रोहतक की साक्षी मलिक हो या भिवानी की फ़ोगट बहने, किसी ने यह उम्मीद भी नहीं की होगी थी कि हरियाणा जैसे प्रदेश से महिला कुश्ती के क्षेत्र में भारत को ऐसे अनमोल रत्न मिलेंगे. साक्षी मलिक ने कुश्ती में रियो ओलंपिक्स 2016 में कांस्य पदक, कॉमनवेल्थ खेल 2014 में रजत पदक जीता है. फ़ोगट बहनों - गीता, बबिता और विनेश ने भी कुश्ती में कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया है. 2016 की आमिर ख़ान की फिल्म 'दंगल' फ़ोगट बहनों के जीवन पर आधारित थी.

रोहतक की ममता खरब भी भारत की महिला हॉकी की कप्तान रह चुकी है. ममता ने ही 2002 कॉमनवेल्थ खेलों में विजयी गोल करके भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. फिल्म 'चक दे इंडिया' में कोमल चौटाला का किरदार ममता खरब पर ही आधारित था.

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कल्पना चावला, फिल्म जगत में जूही चावला, परिणीति चोपड़ा हो, बैडमिंटन में साइना नेहवाल हो - हरियाणा की लड़कियों ने अलग अलग क्षेत्रों में झंडे गाड़ दिए हैं. इन महिलाओं की सफलता के पीछे उनका दृढ़ संकल्प और मेहनत है.

आने वाले समय में यह महिलाएँ न केवल हरियाणा अपितु पूरे देश की महिलाओं की प्रेरणा स्रोत होगी. हरियाणा के माता-पिता जब अपने प्रदेश की...

मिस वर्ल्ड का खिताब जीत कर मानुषी छिल्लर ने भारत का नाम उँचा कर दिया है. आखरी बार सन् 2000 में प्रियंका चोपड़ा ने यह जीता था. 17 साल बाद यह खिताब भारत के नाम हुआ है. मानुषी इसे पाने वाली छठी भारतीय महिला है. मानुषी की जीत से उनके गृह राज्य हरियाणा में सरकार के कार्यक्रम 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को बल मिलेगा.

यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि जिस राज्य के पुरुष महिला लिंग अनुपात में इतना फ़र्क हो, वहीं की लड़कियाँ देश-विदेश में नाम कमा रही हैं. हाल फिलहाल में हरियाणा की लड़कियों ने खेल के मैदान में भारत को कई इनाम दिए है. रोहतक की साक्षी मलिक हो या भिवानी की फ़ोगट बहने, किसी ने यह उम्मीद भी नहीं की होगी थी कि हरियाणा जैसे प्रदेश से महिला कुश्ती के क्षेत्र में भारत को ऐसे अनमोल रत्न मिलेंगे. साक्षी मलिक ने कुश्ती में रियो ओलंपिक्स 2016 में कांस्य पदक, कॉमनवेल्थ खेल 2014 में रजत पदक जीता है. फ़ोगट बहनों - गीता, बबिता और विनेश ने भी कुश्ती में कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया है. 2016 की आमिर ख़ान की फिल्म 'दंगल' फ़ोगट बहनों के जीवन पर आधारित थी.

रोहतक की ममता खरब भी भारत की महिला हॉकी की कप्तान रह चुकी है. ममता ने ही 2002 कॉमनवेल्थ खेलों में विजयी गोल करके भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. फिल्म 'चक दे इंडिया' में कोमल चौटाला का किरदार ममता खरब पर ही आधारित था.

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कल्पना चावला, फिल्म जगत में जूही चावला, परिणीति चोपड़ा हो, बैडमिंटन में साइना नेहवाल हो - हरियाणा की लड़कियों ने अलग अलग क्षेत्रों में झंडे गाड़ दिए हैं. इन महिलाओं की सफलता के पीछे उनका दृढ़ संकल्प और मेहनत है.

आने वाले समय में यह महिलाएँ न केवल हरियाणा अपितु पूरे देश की महिलाओं की प्रेरणा स्रोत होगी. हरियाणा के माता-पिता जब अपने प्रदेश की लड़कियों को सफल होता देखेंगे तो स्वयम वहाँ पुरुष महिला लिंग अनुपात में सुधार आएगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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