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Viral Prank Video: अंधेरी सड़कों पर घूमने वाले ऐसे भूत पुलिस के डंडे से ही भागते हैं !

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 13 नवम्बर, 2019 01:22 PM
  • 13 नवम्बर, 2019 01:22 PM
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आए दिन यूट्यूब (YouTube) पर हमारे सामने भूत वाले प्रैंक वीडियो (Prank Video) आते हैं. इन वायरल वीडियोज (Viral Video) को देखकर हम खूब ठहाके लगाकर हंसते भी हैं, लेकिन ये सब कितना खतरनाक और गैर-कानूनी है, इसे भी समझ लीजिए.

कुछ लड़कों का एक ग्रुप, जो रात में सड़कों पर निकलता है और लोगों को भूत बनकर डराता है (Ghost Prank Video). वो सिर्फ लोगों को डराता ही नहीं, बल्कि उनके डर को कैमरे में कैद कर के सोशल मीडिया पर परोसता भी है. इसकी सबसे अच्छी बात पता है क्या है, ये वीडियोज वायरल (Viral Video) हो जाते हैं, इन वीडियो को देखने वाले ठहाके लगाकर हंसते हैं. हंसते हैं उन्हें देखकर, जो भूत से डर रहे होते हैं. इसमें लड़का, लड़की, बुजुर्ग हर कोई होता है, जिसे ये लोग डराकर उसका वीडियो बनाते हैं. ऐसे ही 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जी हां, ये लोग रात के अंधेरे में प्रैंक वीडियो (Prank Video) बनाते थे, लोगों को डराकर उनकी रिकॉर्डिंग कर के सोशल मीडिया पर डालते थे और इनके वीडियो वायरल होते थे. लेकिन इन्हीं डरने वालों में से एक ने पुलिस में शिकायत की, तब जाकर पुलिस की आंखें खुलीं. जरा सोचिए, जिसे डरा रहे हैं अगर वह दिल का मरीज हुआ और उसे कुछ हो गया तो ये लड़के क्या कभी खुद को माफ कर पाएंगे? अब सवाल ये है कि इसका फायदा क्या? ये लड़के ऐसा क्यों करते हैं? ऐसा करने से इन्हें मिलता क्या है? सवाल ये भी है कि पुलिस, सरकार और यहां तक कि सोशल मीडिया (Social Media) और यूट्यूब (YouTube) अब तक चुप क्यों बैठा है? उसे कुछ दिख नहीं रहा या वो भी बस मजे लेकर ठहाके लगा रहा है?

बेंगलुरु पुलिस ने 7 युवकों को गिरफ्तार किया है जो रात में भूत बनकर लोगों को डराते थे और प्रैंक वीडियो बनाते थे.

भूत बनकर लोगों को डराने का ये है मकसद

बेंगलुरु पुलिस ने 7 युवकों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों के डराने वाले प्रैंक वीडियो बनाते थे. इन्होंने एक ऑटो ड्राइवर को भी डराया था, जिसने पुलिस में भूत होने की शिकायत की. फिर पुलिस ने भी सादी वर्दी में एक हवलदार को वहां नियुक्त...

कुछ लड़कों का एक ग्रुप, जो रात में सड़कों पर निकलता है और लोगों को भूत बनकर डराता है (Ghost Prank Video). वो सिर्फ लोगों को डराता ही नहीं, बल्कि उनके डर को कैमरे में कैद कर के सोशल मीडिया पर परोसता भी है. इसकी सबसे अच्छी बात पता है क्या है, ये वीडियोज वायरल (Viral Video) हो जाते हैं, इन वीडियो को देखने वाले ठहाके लगाकर हंसते हैं. हंसते हैं उन्हें देखकर, जो भूत से डर रहे होते हैं. इसमें लड़का, लड़की, बुजुर्ग हर कोई होता है, जिसे ये लोग डराकर उसका वीडियो बनाते हैं. ऐसे ही 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जी हां, ये लोग रात के अंधेरे में प्रैंक वीडियो (Prank Video) बनाते थे, लोगों को डराकर उनकी रिकॉर्डिंग कर के सोशल मीडिया पर डालते थे और इनके वीडियो वायरल होते थे. लेकिन इन्हीं डरने वालों में से एक ने पुलिस में शिकायत की, तब जाकर पुलिस की आंखें खुलीं. जरा सोचिए, जिसे डरा रहे हैं अगर वह दिल का मरीज हुआ और उसे कुछ हो गया तो ये लड़के क्या कभी खुद को माफ कर पाएंगे? अब सवाल ये है कि इसका फायदा क्या? ये लड़के ऐसा क्यों करते हैं? ऐसा करने से इन्हें मिलता क्या है? सवाल ये भी है कि पुलिस, सरकार और यहां तक कि सोशल मीडिया (Social Media) और यूट्यूब (YouTube) अब तक चुप क्यों बैठा है? उसे कुछ दिख नहीं रहा या वो भी बस मजे लेकर ठहाके लगा रहा है?

बेंगलुरु पुलिस ने 7 युवकों को गिरफ्तार किया है जो रात में भूत बनकर लोगों को डराते थे और प्रैंक वीडियो बनाते थे.

भूत बनकर लोगों को डराने का ये है मकसद

बेंगलुरु पुलिस ने 7 युवकों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों के डराने वाले प्रैंक वीडियो बनाते थे. इन्होंने एक ऑटो ड्राइवर को भी डराया था, जिसने पुलिस में भूत होने की शिकायत की. फिर पुलिस ने भी सादी वर्दी में एक हवलदार को वहां नियुक्त किया, जिसके बाद प्रैंक वीडियो बनाने वालों की पोल खुली. आरोपियों की पहचान शान मलिक, नावीद, साजिल मोहम्मद, मोहम्मद अकीब, साकिब, सैय्यद, यूसुफ अहमद के रूप में हुई है. इन्हें गिरफ्तार करने के बाद जब पूछा गया कि वह ऐसा क्यों करते हैं तो उन्होंने कहा कि वह ये सब यूट्यूब पर हिट्स बटोरने के लिए करते हैं. वैसे तो उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है, लेकिन ऐसा ना करने की चेतावनी दी है.

प्रैंक से मजा भी और पैसा भी

ऐसा नहीं है कि ये पहली बार है जब प्रैंक वीडियो की चर्चा हुई है. यूट्यूब खोलकर प्रैंक वीडियो ढूंढ़ेंगे तो इतनी लंबी लिस्ट मिलेगी कि उन्हें गिन नहीं पाएंगे. गलती से देखते बैठ गए तो शायद महीनों लगातार देखने पर भी सब वीडियो नहीं देख सकेंगे. ये वीडियो एक तो ऐसा प्रैंक करने वालों के लिए मौज-मस्ती का जरिया होते हैं, दूसरा इन वीडियोज को जितने अधिक लोग देखते हैं, यूट्यूब की तरफ से उन्हें उतने ही अधिक पैसे मिलते हैं. इनके यूट्यूब चैनल पर भी 11 वीडियो हैं. ये वीडियो सिर्फ लोगों को डराने वाले नहीं हैं, बल्कि उसमें लड़कियों से और राह चलते लोगों से मस्ती मजाक करने के वीडियो भी हैं. और एक बात बता दें, अधिकतर लोगों को इस तरह के प्रैंक बिल्कुल पसंद नहीं आते, हां वो बात अलग है कि हर कोई इसकी शिकायत नहीं करता, वरना आए दिन कोई न कोई यूट्यूबर गिरफ्तार होता नजर आता.

एक नजर कानूनी दाव-पेंच पर भी डाल लीजिए

इस तरह के प्रैंक वीडियो आए दिन बनाए जाते हैं. यूट्यूबर भी इस तरह वीडियो बनाकर खूब पैसे कमाते हैं. दरअसल, इस तरह के प्रैंक करने का आइडिया उन्हें विदेशी यूट्यूबर्स से मिला है, लेकिन देश के कानूनी दाव-पेंच सबको पता नहीं हैं, वरना ऐसे वीडियो बनाने से पहले 100 बार सोचेंगे. बता दें कि ऐसे किसी को रात के अंधेरे में डराने वाला प्रैंक करने पर IPC की धारा 503 (आपराधिक धमकी), 268 (सार्वजनिक उपद्रव) और 141 (गैरकानूनी तौर पर इकट्ठा होना) के तहत मामला दर्ज हो सकता है और गिरफ्तार किए गए 7 युवकों के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पुलिस और सरकार के साथ-साथ यूट्यूब भी जिम्मेदार

इस तरह की घटनाओं की कोई शिकायत नहीं करता, इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं कि ऐसी कोई घटना नहीं हो रही है. हर किसी की नजरों के सामने आए दिन ऐसे प्रैंक आते हैं, लेकिन पुलिस हो या सरकार, क्या करते हैं? यहां तक कि यूट्यूब भी ऐसे लोगों के खिलाफ क्या करता है? उल्टा वो तो इन्हें पैसे दे रहा है. यानी ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि यूट्यूब ऐसे वीडियो बनाने वालों को प्रेरित कर रहा है, जो गलत है. यूट्यूब को तो ऐसे वीडियोज को ब्लॉक करना चाहिए, ताकि इन पर लगाम लग सके. पुलिस को भी बिना शिकायत के ही कुछ चीजों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेना चाहिए, जो गलत होती हैं या जिससे लोगों को परेशानी होती है. ये प्रैंक वीडियोज बनाने वाले भी अधिकतर लोग इनमें से ही एक हैं.

पहले भी आ चुकी हैं प्रैंक के मामलों की शिकायत

जनवरी 2017 में प्रैंक करने वाला क्रेजी सुमित पकड़ा गया था. वह लड़कियों को किस कर के भागता था और दूसरा साथी उसका वीडियो बनाता था. इन वीडियोज को वह सोशल मीडिया पर डालता था, जिसके वायरल होने पर उसे खूब सारे हिट्स मिलते थे. और यूट्यूब पर जितने अधिक हिट, उतने अधिक पैसे. दिल्ली पुलिस ने सुमित के खिलाफ शील भंग और आईटी एक्ट के तहत अश्लील सामग्री अपलोड करने के आरोप में केस दर्ज किया था. हालांकि, बाद में पता चला था कि प्रैंक में जो लड़कियां थीं, वह सब अपनी मर्जी से ये प्रैंक करवा रही थीं, ना कि वह पीड़िता थीं. यानी ऐसे वीडियो आपसी सहमति से भी बनाए जाते हैं, लेकिन सवाल उठता है कि जो वीडियो सहमति के बिना बन रहे हैं, उनका क्या? हर कोई तो शिकायत करना नहीं, लेकिन पुलिस और कम से कम यूट्यूब तो हर किसी पर लगाम कस ही सकते हैं. देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में प्रैंक वीडियो पर लगाम लगती है या फिर इसकी संख्या और बढ़ती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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