इन दिनों दिल्ली में पुलिस (Delhi Police) और वकील (Advocates) आमने-सामने हैं. वैसे तो इन दोनों की कभी भी पटती नहीं है, लेकिन इस बार मामला मारपीट (Delhi Police and Lawyers fight) तक पहुंच गया है. शनिवार को इसकी शुरुआत हुई थी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से. शनिवार को ही बार काउंसिल के चुनाव की कैपेंनिंग की आखिरी तारीख थी. ऐसे में प्रचार तेजी से हो रहा था और इस वजह से कोर्ट और पार्किंग तक पूरी तरह से भर गई थीं. तभी कोर्ट के आउट गेट क पास बने लॉकरूम के सामने एक आकर रूकी, जो पुलिसवैन के बिल्कुल बगल में पार्क की गई. आपको बता दें कि लॉकरूम में विचाराधीन कैदियों को पेशी के लिए लाकर रखा जाता है और गाड़ियों को ऐसे खड़ा किया जाता है कि अगर कोई अपराधी भागने की कोशिश करे तो उसे तुरंत ही पकड़ा जा सके. ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर लॉकअप के आसपास पुलिस के अलावा किसी को भी गाड़ी खड़ी करने की इजाजत नहीं होती है. कई बार बदमाश दूसरा भेष धारण कर के भी अपने साथियों को भगाने की कोशिश करते हैं.
सीसीटीवी के मुताबिक ठीक 1 बजकर 53 मिनट पर एक जीप लॉकअप के सामने आकर रुकी. जब ये गाड़ी यहां पार्क की गई उस वक्त एक पुलिस वैन उसके बगल में और दूसरी सड़क किनारे खड़ी हुई थी, जिसमें से निकलकर कुछ पुलिसवाले लॉकरूम की तरफ आए. गाड़ी खड़ी कर जीप के दोनों तरफ से काली पैंट और सफेद शर्ट पहने हुए दो वकील उतरे. तभी एक पुलिसवाला वकीलों से गाड़ी को कहीं और पार्क करने को बोला. दोनों में इसी बात पर धीरे-धीरे कहासुनी हुई और फिर वो झड़प में बदल गई. झड़प में तो वकील ने पुलिस वाले को दौड़ाकर मारने की कोशिश भी की और फिर पुलिसवालों ने उस वकील को पकड़ लिया और लॉकरूम के अंदर ले...
इन दिनों दिल्ली में पुलिस (Delhi Police) और वकील (Advocates) आमने-सामने हैं. वैसे तो इन दोनों की कभी भी पटती नहीं है, लेकिन इस बार मामला मारपीट (Delhi Police and Lawyers fight) तक पहुंच गया है. शनिवार को इसकी शुरुआत हुई थी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से. शनिवार को ही बार काउंसिल के चुनाव की कैपेंनिंग की आखिरी तारीख थी. ऐसे में प्रचार तेजी से हो रहा था और इस वजह से कोर्ट और पार्किंग तक पूरी तरह से भर गई थीं. तभी कोर्ट के आउट गेट क पास बने लॉकरूम के सामने एक आकर रूकी, जो पुलिसवैन के बिल्कुल बगल में पार्क की गई. आपको बता दें कि लॉकरूम में विचाराधीन कैदियों को पेशी के लिए लाकर रखा जाता है और गाड़ियों को ऐसे खड़ा किया जाता है कि अगर कोई अपराधी भागने की कोशिश करे तो उसे तुरंत ही पकड़ा जा सके. ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर लॉकअप के आसपास पुलिस के अलावा किसी को भी गाड़ी खड़ी करने की इजाजत नहीं होती है. कई बार बदमाश दूसरा भेष धारण कर के भी अपने साथियों को भगाने की कोशिश करते हैं.
सीसीटीवी के मुताबिक ठीक 1 बजकर 53 मिनट पर एक जीप लॉकअप के सामने आकर रुकी. जब ये गाड़ी यहां पार्क की गई उस वक्त एक पुलिस वैन उसके बगल में और दूसरी सड़क किनारे खड़ी हुई थी, जिसमें से निकलकर कुछ पुलिसवाले लॉकरूम की तरफ आए. गाड़ी खड़ी कर जीप के दोनों तरफ से काली पैंट और सफेद शर्ट पहने हुए दो वकील उतरे. तभी एक पुलिसवाला वकीलों से गाड़ी को कहीं और पार्क करने को बोला. दोनों में इसी बात पर धीरे-धीरे कहासुनी हुई और फिर वो झड़प में बदल गई. झड़प में तो वकील ने पुलिस वाले को दौड़ाकर मारने की कोशिश भी की और फिर पुलिसवालों ने उस वकील को पकड़ लिया और लॉकरूम के अंदर ले गए.
वकीलों ने लॉकरूम में घुसकर की मारपीट
अपने साथी वकील को पुलिस द्वारा खींचकर (Delhi Police and Lawyers fight) लॉकरूम में ले जाना बाकी वकीलों को रास नहीं आया. उन्होंने देखते ही देखते एक भीड़ जमा कर ली और वह भीड़ पुलिसवालों पर टूट पड़ी. लॉकअप के बाहर खड़े वकील मिर्च का स्प्रे कर रहे थे. इसकी वजह से पुलिसवाले इधर उधर भागने लगे. पुलिसवाले नाक पर रूमाल रखकर खुद को बचाने लगे. अपनी बेगुनाही दिखाने के लिए एक पुलिसवाला पूरी घटना की वीडियो भी बनाने लगा, जिसे वकील लगातार धमकाते रहे. आखिरकार वकीलों ने लॉकरूम का दरवाजा तोड़ दिया और अंदर घुस गए.
वकीलों की तादात इतनी अधिक थी कि बहुत से पुलिसवालों को लॉकरूम में छुपकर अपनी जान बचानी पड़ी. एक पुलिसवाले को तो वकीलों ने इतना मारा कि उसे मारते-मारते (Delhi Police and Lawyers fight) अधमरा कर दिया. कोई बेल्ट से मार रहा था, तो कोई लात घूंसों से मार रहा था. आखिरकार उसे छोड़कर वकील बाहर चले गए.
पुलिसवालों ने भी तुरंत बदला ले लिया
पुलिसवाले वकीलों के हमले से आग बबूला हो गए और उन्होंने वकीलों को पीटने की ठान ली. एक पुलिसवाले ने जख्मी जवान को उठाया और अंदर ले गया. इसके बाद सभी पुलिस वाले लॉकरूम के गेट तक गए, जहां एक वकील ने फिर उनसे मारपीट करनी चाही तो पुलिसवालों ने उसे अंदर खींच लिया और मारते-मारते लॉकरूम तक ले गए.
गुस्साए वकीलों ने आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी
पुलिसवालों की तरफ से हुए हमले से गुस्साए वकीलों ने कोर्ट परिसर में हर तरफ तोड़-फोड़ मचानी शुरू कर दी. पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. वकील तो इतने गुस्से में थे कि खुद को लॉकअप में बंद किए पुलिसवालों पर लोहे की जंजीरों से हमला करने लगा, क्योंकि वह आगजनी कर रहे वकीलों की वीडियो बना रहा था.
मामला बढ़ा तो पुलिस के बड़े अधिकारी और तीन डिस्ट्रिक्ट जज मौके पर पहुंचे, लेकिन मामला सुलझने के बजाए उलझता ही चला गया. और एक बार फिर वकीलों और पुलिसवालों में जजों की मौजूदगी में ही हाथापाई शुरू हो गई. गरमाहट इतनी बढ़ी कि पुलिसवालों ने कथित तौर पर तीन से चार हवाई फायरिंग कर दी. जिसमें ऐसा बताया जा रहा है कि एक वकील को गोली लग गई. बस इतना होना था कि कोर्ट में मौजूद करीब 3-4 हज़ार वकील लॉकअप के सामने इकट्ठा हो गए. जिसे देखते हुए स्पेशल सीपी ने भी फोर्स बुलाकर वकीलों पर कथित तौर पर लाठीचार्ज (Delhi Police and Lawyers fight) करवा दिया.
साकेत पुलिस पोस्ट में भी वकीलों ने तोड़फोड़ की. सीसीटीवी कैमरे तक तोड़ दिए ताकि कुछ रिकॉर्ड ना हो सके.
इसके बाद तो जो जहां जिसके हत्थे चढ़ा वो पीटा गया. कोर्ट में गाड़ियां तोड़ी गईं. कार में आग लगा दी गई. पुलिसवाले वकीलों को पीट रहे थे, तो वकील भी पुलिसवालों को पीट रहे थे. मामला बढ़ता गया, क्योंकि पुलिसवालों ने लाठीचार्ज में कई वकीलों के चैंबर तोड़ डाले. इस चक्कर में महिला वकीलों को भी चोट आईं. फिर तो वकील सड़कों पर उतर आए और जमकर हंगामा काटने लगे. ट्रैफिक को रोक दिया गया. पुलिस ही नहीं, बल्कि आम जनता और पत्रकारों को भी पीटना शुरू कर दिया.
इस बीच पुलिसवालों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. मंगलवार देर शाम को उनकी मांगें मानी गईं और धरना खत्म करवाया गया. आपको बता दें कि पुलिस वालों की सबसे अहम मांग ये थी कि उनकी भी यूनियन हो. इसके अलावा उन्होंने पुलिस पर हाथ उठाने वाले वकीलों को गिरफ्तार करने की भी मांग की थी. लेकिन अगले ही दिन वकीलों ने अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. कोई बिल्डिंग की छत से कूदने की धमकी देता नजर आया तो किसी ने खुद पर तेल डालकर खुद को जलाना चाहा.
इस पूरे मामले में पुलिस पर एक बड़ा आरोप ये भी लगाया जा रहा है कि उन्होंने सीसीटीवी अपने कब्जे में ले लिया है और जरूरत के हिसाब से वीडियोज जारी कर रहे हैं. वकीलों का आरोप है कि सिर्फ वही वीडियो दिखाए जा रहे हैं, जिनमें वकीलों ने पुलिस को पीटा है, वो वीडियो जारी नहीं किए जा रहे हैं, जिसमें पुलिस ने वकीलों को मारा है. खैर, जो भी हो लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि वकीलों और पुलिसवालों की लड़ाई का ये दौर कहां जाकर रुकेगा.
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