• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

बेटे के फेल होने पर जश्न मनाने वाले पिता की बात सुनना बेहद जरूरी है

    • आईचौक
    • Updated: 22 मई, 2018 09:14 PM
  • 16 मई, 2018 08:02 PM
offline
परीक्षा में अव्वल आने पर या पास हो ने पर मिठाइयां बंटते देखा होगा, लेकिन अगर कोई बच्चे के फेल होने पर मिठाई बांटे तो समझिए कि माता-पिता का डर जायज है.

बच्चे अपने माता-पिता के लिए कितने कीमती होते हैं, ये बताने की जरूरत तो नहीं, लेकिन इसे आप इस बात से समझ सकते हैं कि एक पिता ने अपने बेटे के फेल होने पर भी जश्न मनाया.

बेटे की असफलता को भी किया सेलिब्रेट

जी हां, मध्यप्रदेश के सागर जिले से एक ऐसा ही उदाहरण सामने आया है जो हर माता-पिता के लिए सीख हो सकता है. बेटा 10वीं में एक नहीं 4 विषयों में फेल हो गया. लेकिन बच्चे का मनोबल न टूटे और वो कोई गलत कदम न उठा ले, इस बात को जेहन में रखते हुए पिता ने लोगों में मिठाई बांटी, ढोल नगाड़े बजवाए और आतिशबाजी करके ऐसा माहौल बना दिया कि बच्चे के जेहन से ये बात बिल्कुल निकल गई कि वो फेल हुआ था.

देखिए वीडियो

हाल ही में मध्यप्रदेश बोर्ड के रिजल्ट आए हैं और 10वीं में इस बार 34% और कक्षा 12वीं में 32% बच्चे फेल हुए हैं. रिजल्ट के ने के बाद मध्य प्रदेश में 11 बच्चों ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी, जिनमें से छह की मौत हो गई थी.

पेरेंट्स बच्चों की फिक्र करते हैं लेकिन अपनी उम्मीदों के आगे वो बच्चों की भावनाओं को अनदेखा कर बैठते हैं. रिजल्ट आने पर, अगर बच्चा फेल हो जाए या नंबर कम आएं तो माता-पिता ऐसे रिएक्ट करते हैं जैसे वो नंबर ही उनके लिए सबकुछ थे. माता-पिता की उम्मीदों पर खरे न उतर पाने की वजह से बच्चों में अपराध बोध घर कर जाता है, डिप्रेशन में चले जाते हैं या आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठा लेते हैं, लेकिन इस बेटे के पिता को जब ये पता चला कि बेटा 4 विषयों में फेल हुआ है तो उन्होंने अपने बेटे को गले से लगा लिया. उसे ये महसूस ही नहीं होने दिया कि उससे कुछ गलत हुआ है. बल्कि पिता का कहना है कि 'केवल एक जगह फेल हो जाने से जीवन के सभी रास्ते बंद नहीं हो जाते. मेरे बच्चे को सकारात्मकता के साथ जीवन के अन्य...

बच्चे अपने माता-पिता के लिए कितने कीमती होते हैं, ये बताने की जरूरत तो नहीं, लेकिन इसे आप इस बात से समझ सकते हैं कि एक पिता ने अपने बेटे के फेल होने पर भी जश्न मनाया.

बेटे की असफलता को भी किया सेलिब्रेट

जी हां, मध्यप्रदेश के सागर जिले से एक ऐसा ही उदाहरण सामने आया है जो हर माता-पिता के लिए सीख हो सकता है. बेटा 10वीं में एक नहीं 4 विषयों में फेल हो गया. लेकिन बच्चे का मनोबल न टूटे और वो कोई गलत कदम न उठा ले, इस बात को जेहन में रखते हुए पिता ने लोगों में मिठाई बांटी, ढोल नगाड़े बजवाए और आतिशबाजी करके ऐसा माहौल बना दिया कि बच्चे के जेहन से ये बात बिल्कुल निकल गई कि वो फेल हुआ था.

देखिए वीडियो

हाल ही में मध्यप्रदेश बोर्ड के रिजल्ट आए हैं और 10वीं में इस बार 34% और कक्षा 12वीं में 32% बच्चे फेल हुए हैं. रिजल्ट के ने के बाद मध्य प्रदेश में 11 बच्चों ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी, जिनमें से छह की मौत हो गई थी.

पेरेंट्स बच्चों की फिक्र करते हैं लेकिन अपनी उम्मीदों के आगे वो बच्चों की भावनाओं को अनदेखा कर बैठते हैं. रिजल्ट आने पर, अगर बच्चा फेल हो जाए या नंबर कम आएं तो माता-पिता ऐसे रिएक्ट करते हैं जैसे वो नंबर ही उनके लिए सबकुछ थे. माता-पिता की उम्मीदों पर खरे न उतर पाने की वजह से बच्चों में अपराध बोध घर कर जाता है, डिप्रेशन में चले जाते हैं या आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठा लेते हैं, लेकिन इस बेटे के पिता को जब ये पता चला कि बेटा 4 विषयों में फेल हुआ है तो उन्होंने अपने बेटे को गले से लगा लिया. उसे ये महसूस ही नहीं होने दिया कि उससे कुछ गलत हुआ है. बल्कि पिता का कहना है कि 'केवल एक जगह फेल हो जाने से जीवन के सभी रास्ते बंद नहीं हो जाते. मेरे बच्चे को सकारात्मकता के साथ जीवन के अन्य रास्तों का पता लगाना चाहिए, और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए.'

ये सिर्फ वो डर था जिसकी वजह से एक पिता ने ऐसा किया, लेकिन ज्यादातर माता-पिता इस डर को समझ नहीं पाते. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा युवा आत्महत्याएं भारत में ही होती हैं. भारत में  आत्महत्या की दर सबसे ज्यादा 15 से 29 साल की उम्र के लोगों की है. हाल ही में किए एक सर्वे के अनुसार भारत के 66% छात्रों ने माना कि उनके माता-पिता उनपर अच्छे नंबर लाने के लिए दबाब डालते हैं. और इसी दबाव की वजह से हर रोज 6.23 बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं.

हम यही सोचते हैं कि हमारा बच्चा तो ऐसा कर ही नहीं सकता. लेकिन कब कौन सी बात एक नन्हे मन को विचलित कर जाए, ये कहना मुश्किल है, इसलिए बच्चों को जीवन का महत्व समझाना माता-पिता की ही जिमेमदारी है, और उन्हें ये भी बताना उतना ही जरूरी है कि परीक्षा में फेल होने का मतलब जीवन में फेल होना कतई नहीं है.

ये भी पढ़ें-

बच्चों के दिल का दर्द बयां कर रही ये चिट्ठी हर मां-बाप को पढ़नी चाहिए

एक नोट फेल होकर सुसाइड नोट लिखने वालों के नाम...

क्या फेल होने का मतलब मौत है?



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲