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हर महिला अपनी जिंदगी की हीरोइन होती है...

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 23 फरवरी, 2023 04:20 PM
  • 23 फरवरी, 2023 04:00 PM
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वह अपने लिए आवाज उठाना जानती है. वह अपने लिए लड़ सकती है. इसलिए वह लड़ाकू है, अड़ियल है, जिद्दी है मगर वह नहीं जिसे दुनिया कुचलकर आगे बढ़ जाए.

तुम खुद को समझती क्या हो, कोई हीरोइन हो क्या?  

इस सवाल से लगभग हर महिला का सामना हुआ होगा. हो सकता है कि सवाल इससे मिलता-जुलता हो. जब उन्हें किसी बात पर ताना मारा गया होगा. कभी किसी महिला के पहनावे के लिए, कभी किसी के फैशन सेंस तो कभी किसी के एडीट्यूड को लेकर. इस तरह की बातें लोग करते हैं.

असल में वे उस महिला को अपनी नजरों में कम समझने की गलती हैं, मगर उन्हें पता नहीं है कि हर वह महिला अपनी जिंदगी की हीरोइन होती है जो अपनी जिंदगी अपने शर्तों पर जीना जानती है. जो दूसरों के हिसाब से अपनी जिंदगी को बदलती नहीं है. वह अपनी जिंदगी में वही करती है जो करना चाहती है. जो किसी की मर्जी को खुद पर थोपती नहीं है. वह सपने देखती है औऱ उसे पूरा करती है.

उसका मन चाहें वह हाउसवाइफ बने या वर्किंग वुमन...वह अपनी जिंदगी की बॉस है. कोई उसपर जबरदस्ती नहीं कर सकता है. उसकी मर्जी चाहें वह शादी करे या ना करे. उसे परवाह नहीं कि उसके सिंगल रहने पर दुनिया वाले क्या कहते हैं. वह मां बनती है तो अच्छा वह नहीं बनना चाहती तो भी ठीक.

हर वह महिला अपनी जिंदगी की हीरोइन होती है जो अपनी जिंदगी अपने शर्तों पर जीना जानती है

वह लोगों को हैंडल करना जानती है. वह लोगों की बुरी नजरों को पहचानती है. उसके तलाकशुदा होने की वजह से कोई उसे नीचा नहीं दिखा सकता. उसे अपना हक लेना आता है. वह जोर से हंसती है, बोलती है और खुलकर नाचती है. उसने अपने खुशियों की चाबी किसी औऱ को नहीं दी.

वह पति को साथी समझती है ना कि अपनी जिंदगी का मालिक. उसे हर बार किसी के परमिशन लेने की जरूरत नहीं है. वह जानती है कि उसने कुछ गलत नहीं किया है. वह अपने लिए आवाज उठाना जानती है. वह अपने लिए लड़ सकती है इसलिए वह लड़ाकू है, अड़ियल है, जिद्दी है. मगर वह नहीं जिसे दुनिया कुचलकर...

तुम खुद को समझती क्या हो, कोई हीरोइन हो क्या?  

इस सवाल से लगभग हर महिला का सामना हुआ होगा. हो सकता है कि सवाल इससे मिलता-जुलता हो. जब उन्हें किसी बात पर ताना मारा गया होगा. कभी किसी महिला के पहनावे के लिए, कभी किसी के फैशन सेंस तो कभी किसी के एडीट्यूड को लेकर. इस तरह की बातें लोग करते हैं.

असल में वे उस महिला को अपनी नजरों में कम समझने की गलती हैं, मगर उन्हें पता नहीं है कि हर वह महिला अपनी जिंदगी की हीरोइन होती है जो अपनी जिंदगी अपने शर्तों पर जीना जानती है. जो दूसरों के हिसाब से अपनी जिंदगी को बदलती नहीं है. वह अपनी जिंदगी में वही करती है जो करना चाहती है. जो किसी की मर्जी को खुद पर थोपती नहीं है. वह सपने देखती है औऱ उसे पूरा करती है.

उसका मन चाहें वह हाउसवाइफ बने या वर्किंग वुमन...वह अपनी जिंदगी की बॉस है. कोई उसपर जबरदस्ती नहीं कर सकता है. उसकी मर्जी चाहें वह शादी करे या ना करे. उसे परवाह नहीं कि उसके सिंगल रहने पर दुनिया वाले क्या कहते हैं. वह मां बनती है तो अच्छा वह नहीं बनना चाहती तो भी ठीक.

हर वह महिला अपनी जिंदगी की हीरोइन होती है जो अपनी जिंदगी अपने शर्तों पर जीना जानती है

वह लोगों को हैंडल करना जानती है. वह लोगों की बुरी नजरों को पहचानती है. उसके तलाकशुदा होने की वजह से कोई उसे नीचा नहीं दिखा सकता. उसे अपना हक लेना आता है. वह जोर से हंसती है, बोलती है और खुलकर नाचती है. उसने अपने खुशियों की चाबी किसी औऱ को नहीं दी.

वह पति को साथी समझती है ना कि अपनी जिंदगी का मालिक. उसे हर बार किसी के परमिशन लेने की जरूरत नहीं है. वह जानती है कि उसने कुछ गलत नहीं किया है. वह अपने लिए आवाज उठाना जानती है. वह अपने लिए लड़ सकती है इसलिए वह लड़ाकू है, अड़ियल है, जिद्दी है. मगर वह नहीं जिसे दुनिया कुचलकर आगे बढ़ जाए.

हां वह खुद को किसी हीरोइन से कम नहीं समझती. आप उसे डराकर, धमकाकर पीछे नहीं ढकेल सकते क्योंकि वह खुद को पहचानती है. जो महिलाएं हाउसवाइफ होती हैं वे घर संभालती है, बच्चों को देखती हैं, सबकी जरूरतों का ध्यान रखती हैं. उनके बिना एक दिन घरवालों का गुजारा नहीं हो सकता. जो महिलाएं घर के बाहर जाती हैं, काम करती हैं उनकी जिम्मेदारी दोहरी हो जाती है. वे घर भी देखती हैं औऱ बाहर काम भी करती हैं.

मगर हाउसवाइफ को आप वर्किंग वुमेन से कम समझने की भूल मत कीजिएगा क्योंकि उनका अपना काम है अपनी जिंदगी है. वे अपने छोटे-छोटे ट्रिक्स से घरवालों की जिंदगी आसान कर देती हैं. वे ये सब खुशी-खुशी करती हैं. घर संभालना उनका अपना फैसला है. इसलिए उन्हें हाय बेचारी की नजर से तो मत देखिएगा.

हर महिला अपनी जिंदगी की जंग लड़ रही है. पता नहीं उसकी क्या परेशानियां है इसलिए उसे जज करने की कोशिश तो मत ही कीजिएगा. देखिए न वह फिर भी हार नहीं मानती है, गिरती है, उठती है फिर आगे बढ़ती है...इसलिए वह हीरोइन है.

एक महिला चाहें बेटी है, बहन हो, दोस्त है, प्रेमिका हो, पत्नी हो या मां...जब तक उनकी मर्जी है तभी तक आपकी सुनेंगी. वह आपसे राय लेती हैं, या आपका काम करती हैं इसका मतलब यह नहीं है कि वह कमजोर हैं. वे सच में अपनी जिंदगी की हीरोइन हैं और हीरोइन होने का मतलब तो आप अच्छे से जानते ही होंगे.

इसलिए उनसे ये मत कहना की ये तुमसे ना हो पाएगा. आप उन्हें कभी नीचा दिखाने की कोशिश ना ही करें तो बेहतर है क्योंकि वे जो कर सकती हैं आप सपने में भी सोच नहीं सकते...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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