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महिलाओं को लेकर अक्सर ही लोग इन 5 झूठी बातों पर करते हैं भरोसा...

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 30 मार्च, 2021 06:21 PM
  • 30 मार्च, 2021 06:21 PM
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जमाना कहां से कहां चला गया लेकिन, आज भी लोग (Society and women) महिलाओं (Trust on women) को लेकर तमाम गलत बातों पर भरोसा करते हैं. खुद पर यकीन दिलाने के लिए इस जमाने में भी महिलाओं को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है.

जमाना कहां से कहां चला गया लेकिन आज भी लोग (Society and women) महिलाओं (Trust on women) को लेकर तमाम गलत बातों पर ही भरोसा करते हैं. खुद पर यकीन दिलाने के लिए इस जमाने में भी महिलाओं को खासी जद्दोजहद करनी पड़ती है. कुछ लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि महिलाएं भी इन कामों को अच्छी तरह से कर सकती हैं, तो चलिए बताते हैं कि महिलाओं को लेकर लोग किन 5 झूठी बातों पर भरोसा करते हैं.

समय-समय पर महिलाओं ने तोड़े समाज के मिथ्य

1- सोलो ट्रैवल

लोगों को लगता है कि सोलो ट्रैवल (women Safety)  सिर्फ कहने की बात है. लड़कियां और सोलो ट्रैवल इंपॉसिबल. जो घर से अकेले बाहर नहीं जा सकतीं वो सोलो ट्रैवल क्या करेंगी. इनकी सेफ्टी का क्या होगा. यौनशोषण की शिकार तो हो ही जाएंगी. किसी अजनबी से बात कर लिया और उसने फायदा उठा लिया तो. अकेले तो जा ही नहीं सकतीं पक्का किसी लड़के को साथ लेकर गई होंगी. अकेले जाना लड़कियों के लिए खतरे से खाली नहीं होता.

2- कार चलाना

यह बात आज भी कुछ लोग मानने को तैयार ही नहीं होते कि लड़कियां भी गाड़ी चला सकती हैं. अगर कोई लड़की रोड पर कार चलाते दिख जाए तो लोग कमेंट जरूर करते हैं कि भाई संभल के, मोहतरमा ड्राइव कर रही हैं. वहीं कार में बैठने के बाद वे लड़की से जरूर पूछ लेते हैं कि, गाड़ी चलाना कब सीखा? मार्केट में कार ड्राइव करने की प्रैक्टिस तो है ना? बहन, तुम मुझे बस घर पहुंचा देना सही सलामत, तेरी गाड़ी में बैठकर वैसे रिस्क तो ले ही लिया है. गाड़ी बैक करना तो आता है ना?

3- बिजनेस संभालना

बिजनेस वुमेन से कॉमन पूछे जाने वाला सवाल, आप घर और बिजनेस मैनेज कैसे करती हैं. अच्छा भाई साहब तो हैं ही आपको सपोर्ट करने के लिए. अकेले कारोबार संभालना बड़ा मुश्किल है, खासकर महिलाओं के...

जमाना कहां से कहां चला गया लेकिन आज भी लोग (Society and women) महिलाओं (Trust on women) को लेकर तमाम गलत बातों पर ही भरोसा करते हैं. खुद पर यकीन दिलाने के लिए इस जमाने में भी महिलाओं को खासी जद्दोजहद करनी पड़ती है. कुछ लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि महिलाएं भी इन कामों को अच्छी तरह से कर सकती हैं, तो चलिए बताते हैं कि महिलाओं को लेकर लोग किन 5 झूठी बातों पर भरोसा करते हैं.

समय-समय पर महिलाओं ने तोड़े समाज के मिथ्य

1- सोलो ट्रैवल

लोगों को लगता है कि सोलो ट्रैवल (women Safety)  सिर्फ कहने की बात है. लड़कियां और सोलो ट्रैवल इंपॉसिबल. जो घर से अकेले बाहर नहीं जा सकतीं वो सोलो ट्रैवल क्या करेंगी. इनकी सेफ्टी का क्या होगा. यौनशोषण की शिकार तो हो ही जाएंगी. किसी अजनबी से बात कर लिया और उसने फायदा उठा लिया तो. अकेले तो जा ही नहीं सकतीं पक्का किसी लड़के को साथ लेकर गई होंगी. अकेले जाना लड़कियों के लिए खतरे से खाली नहीं होता.

2- कार चलाना

यह बात आज भी कुछ लोग मानने को तैयार ही नहीं होते कि लड़कियां भी गाड़ी चला सकती हैं. अगर कोई लड़की रोड पर कार चलाते दिख जाए तो लोग कमेंट जरूर करते हैं कि भाई संभल के, मोहतरमा ड्राइव कर रही हैं. वहीं कार में बैठने के बाद वे लड़की से जरूर पूछ लेते हैं कि, गाड़ी चलाना कब सीखा? मार्केट में कार ड्राइव करने की प्रैक्टिस तो है ना? बहन, तुम मुझे बस घर पहुंचा देना सही सलामत, तेरी गाड़ी में बैठकर वैसे रिस्क तो ले ही लिया है. गाड़ी बैक करना तो आता है ना?

3- बिजनेस संभालना

बिजनेस वुमेन से कॉमन पूछे जाने वाला सवाल, आप घर और बिजनेस मैनेज कैसे करती हैं. अच्छा भाई साहब तो हैं ही आपको सपोर्ट करने के लिए. अकेले कारोबार संभालना बड़ा मुश्किल है, खासकर महिलाओं के लिए. पति नहीं तो कोई बिजनेस पार्टनर तो होगा ही जो बिजनेस आइडिया, डीलिंग से लेकर अकाउंट तक हैंडल करता होगा. लोगों को लगता है कि कंपनियों में बड़े पोस्ट पर एक महिला कैसे हो सकती है और अगर है भी तो पक्का किसी ना किसी का सिर पर हाथ होगा. 

4- अकेले घर चलाना

महिलाएं भले पूरे घर को संभालती हैं लेकिन जब घर चलाने की बात आती है तो लोगों को लगता है, घर चलाना महिलाओं के बस की बात ही नहीं है. उनकी कमाई से उनका खर्चा निकल जाए वही बहुत है. घर तो पुरुष की कमाई से ही चलता है. इसके अलावा घर की देख-रेख, सामाजिक जिम्मेदारी भी तो पुरुष ही निभाते हैं. महिलाएं कहां घर के लोगों को संभाल पाती हैं. किसी को यह यकीन ही नहीं होता कि पत्नी भी अपने पैसों से घर चला सकती है. 

5- क्रिकेट में रुचि

तुम क्रिकेट देखती हो? अच्छा क्रिकेट खेलती भी हो? दिस इज नॉट पॉसिबल. साइना नेहवाल से लेकर मिताली राज जैसी महिलाएं भले ही स्पोर्ट्स में देश का नाम रोशन कर रही हैं, लेकिन लड़कियों को आज भी स्पोर्ट्स के लिए जीरो ही समझा जाता है. लोगों को लड़कियां सिर्फ टाइम पास के लिए टेनिस खेलती ही अच्छी लगती हैं, एक क्रिकेटर के रूप में नहीं. ऐसी और भी बातें हैं, जिनको लेकर हमारे समाज में गलत धारणा बनी हुई है. हालांकि महिलाओं ने समय-समय पर खुद से जुड़े ऐसे कई मिथ्यों को तोड़ा भी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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