• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

एक पेड़ को बचाने का ऐसा प्रयास पहले कभी नहीं देखा होगा

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 21 अप्रिल, 2018 11:02 AM
  • 20 अप्रिल, 2018 06:56 PM
offline
आपने बहुतों को देखा होगा अपने अपनों की जान बचाने के लिए अपनी जान लड़ाते हुए. लेकिन यकीनन किसी पेड़ को बचाने के लिए कोई ऐसा कर सकता है आप सोच भी नहीं सकते.

अगर किसी के घर का कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए, तो घरवाले उसे बचाने के लिए क्या कुछ नहीं करते. आपने बहुतों को देखा होगा अपने अपनों की जान बचाने के लिए अपनी जान लड़ाते हुए. लेकिन यकीनन किसी पेड़ को बचाने के लिए कोई ऐसा कर सकता है आप सोच भी नहीं सकते.

अपने पूरे जीवन को उठाकर देख लीजिए, ये नजारा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा.

700 साल पुराना बरगद का पेड़, जिसे बचाने के लिए सलाइन चढ़ाई जा रही है

तेलंगाना के महबूबनगर में 700 साल पुराना एक बरगद का पेड़ है, जो इस वक्त मरणासन्न हालत में है. उसकी एक शाखा में दीमक लग गई है, जो इसे धीरे-धीरे खोखला कर रही है. इसे बचाने के लिए अधिकारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं. और इसी के चलते उस पेड़ को कीटनाशक से भरी हुई ड्रिप चढ़ाई जा रही हैं.

3 एकड़ तक फैला है ये पेड़

ये पेड़ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बरगद का पेड़ है, जो करीब 3 एकड़ तक फैला हुआ है. इसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं. लेकिन पेड़ की हालत खराब होने पर दिसंबर से ये साइट बंद कर दी गई थी.

पेड़ में लगी दीमक उसे खोखला कर रही है

पर पेड़ को ड्रिप चढ़ाना अपने आप में अजीब लगता है, पर इसके पीछे भी एक कारण है, वो ये कि पहले कीटनाशक को डायल्यूट करके पेड़ में छोटे-छोटे सुराख करके कीटनाशक अंदर डाला जा रहा था, लेकिन वो तुरंत ही बाहर आ जाता था....

अगर किसी के घर का कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए, तो घरवाले उसे बचाने के लिए क्या कुछ नहीं करते. आपने बहुतों को देखा होगा अपने अपनों की जान बचाने के लिए अपनी जान लड़ाते हुए. लेकिन यकीनन किसी पेड़ को बचाने के लिए कोई ऐसा कर सकता है आप सोच भी नहीं सकते.

अपने पूरे जीवन को उठाकर देख लीजिए, ये नजारा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा.

700 साल पुराना बरगद का पेड़, जिसे बचाने के लिए सलाइन चढ़ाई जा रही है

तेलंगाना के महबूबनगर में 700 साल पुराना एक बरगद का पेड़ है, जो इस वक्त मरणासन्न हालत में है. उसकी एक शाखा में दीमक लग गई है, जो इसे धीरे-धीरे खोखला कर रही है. इसे बचाने के लिए अधिकारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं. और इसी के चलते उस पेड़ को कीटनाशक से भरी हुई ड्रिप चढ़ाई जा रही हैं.

3 एकड़ तक फैला है ये पेड़

ये पेड़ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बरगद का पेड़ है, जो करीब 3 एकड़ तक फैला हुआ है. इसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं. लेकिन पेड़ की हालत खराब होने पर दिसंबर से ये साइट बंद कर दी गई थी.

पेड़ में लगी दीमक उसे खोखला कर रही है

पर पेड़ को ड्रिप चढ़ाना अपने आप में अजीब लगता है, पर इसके पीछे भी एक कारण है, वो ये कि पहले कीटनाशक को डायल्यूट करके पेड़ में छोटे-छोटे सुराख करके कीटनाशक अंदर डाला जा रहा था, लेकिन वो तुरंत ही बाहर आ जाता था. उसका असर नहीं हो रहा था, लेकिन बाद में जब सलाइन ड्रिप की तरह जब रसायन को बूंद बूंद करके पेड़ को दिया जाने लगा, तो रसायन बाहर नहीं आया, ये उपाय काम करने लगा. और पेड़ पर इसका असर भी धीरे-धीरे दिखाई देने लगा. खुशी की बात ये है कि इतने प्रयासों के बाद अब पेड़ की हालत बेहतर हो रही है. उम्मीद है कि धी-धीरे ये बूढ़ा पेड़ फिर से स्वस्थ हो सकेगा.

पेड़ कितने जरूरी हैं, ये सबको पता है लेकिन इन्हें बचाने के लिए हर कोई प्रयास नहीं करता. फिर भी बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो पेड़ों की कीमत समझते हैं और उसके लिए कुछ भी कर गुजरते हैं. जानते हैं कुछ ऐसे ही असाधारण प्रयासों के बारे में-

चिपको आंदोलन- आपको चिपको आंदोलन तो याद ही होगा. 1974 में पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए चमोली ज़िले के जंगलों में शांत और अहिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसमें महिलाएं वृक्षों से चिपककर खड़ी हो गई थीं.

पेड़ों को कटने से रोकने के लिए पोड़े से चिपककर खड़ी हो गई थीं महिलाएं.

पेड़ बचाने के लिए पेड़ से ही शादी-

मेक्सिको में भी हाल ही में पेड़ों को बचाने के लिए वहां की महिलाओं ने पेड़ों से सामूहिक विवाह का आयोजन किया जिसका नाम रखा गया 'Marry a Tree'. पेड़ों से शादी रचाने का उद्देश्य भी पेड़ों के प्रति जागरुक करना और वनों को कटने से रोकना था.

मेक्सिको में महिलाएं पेड़ों से शादी कर रही हैं

अब यहां लोग पेड़ों से शादियां कर रहे हैं जिससे उनके जीते जी कोई भी उन्हें काट न सके. ये अभियान पेरू के अभिनेता और पर्यावरण प्रेमी रिचर्ड टोर्स ने शुरू किया जिन्होंने कोलंबिया में 2014 में खुद एक पेड़ से शादी की थी.

देखिए वीडियो-

फ्लोरिडा में एक विशाल गूलर का पेड़ जो करीब सौ सालों से एक परिवार के बागीचे में अपनी छाया दे रहा था, उसे काटने की तैयारी की जा रही थी. लेकिन एक महिला ये नहीं चाहती थी, उन्होंने भी पेड़ को बचाने के लिए पूरे रीति रिवाज के साथ पेड़ से शादी की और कहा कि 'अगर कोई इसे काटेगा तो मैं विधवा हो जाउंगी'.

 'अगर कोई पेड़ को काटेगा तो मैं विधवा हो जाउंगी'

पेड़ों से शादी की बात शायद आपने पहले भी सुनी होगी, भारत में तो ये होता है, लेकिन पेड़ को बचाने के लिए नहीं, बल्कि खुद को बचाने के लिए. पीपल के पेड़ या केले के पेड़ से शादी तो भारत में काफी प्रचलित है. मांगलिक दोष के बुरे प्रभाव को खत्म करने के लिए महिला को अपने जीवनसाथी से पहले एक पेड़ से शादी करवाई जाती है जिससे उसका दोष खत्म हो जाता है. मांगलिक होने के कारण एश्वर्या राय को अभिषेक बच्चन से शादी करने से पहले एक पेड़ से शादी करनी पड़ी थी.

लेकिन पर्यावरण और पेड़ों से प्यार करने वाले लोग आपको पूरी दुनिया में मिल जाएंगे, जो उन्हें बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार बैठे हैं. शुक्र है ऐसे लोगों का जिनके मात्र होने से कमसे कम ये अहसास तो होता है कि अपना पर्यावरण लंबे समय तक सुरक्षित रह सकता है.

ये भी पढ़ें-

जब पेड़ बन जाएं कैनवस, तो किस्मत बदलेगी शहरों की

गौरैया को मारने का अंजाम ढाई करोड़ चीनियों ने अपनी जान लेकर चुकाया था

इस हथिनी और उसके झुलसते बच्चे के दोषी हम इंसान ही हैं




इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲