• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

क्या हार्दिक मान सम्मान की परिभाषा भी जानते हैं?

    • डॉ नीलम महेंन्द्र
    • Updated: 18 नवम्बर, 2017 11:42 AM
  • 18 नवम्बर, 2017 11:42 AM
offline
पिछड़ेपन के नामपर आरक्षण का अधिकार मांगकर युवाओं का नेता बनने की कोशिश करने वाला एक 24 साल का युवक, देश के युवाओं के सामने किस प्रकार का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है?

मैं वो भारत हूं जो समूचे विश्व के सामने अपने गौरवशाली अतीत पर इठलाता हूं.

गर्व करता हूं अपनी सभ्यता और अपनी संस्कृति पर, जो समूचे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है.

अभिमान होता है उन आदर्शों पर जो हमारे समाज के महानायक हमें विरासत में देकर गए हैं.

कोशिश करता हूं उन आदर्शों को अपनी हवा में, आकाश में और मिट्टी में आत्मसात करने की. ताकि इस देश की भावी पीढ़ियां अपने आचरण से मेरी गरिमा और विरासत को आगे ले कर जाएं.

लेकिन आज मैं आहत हूं...

क्षुब्ध हूं

व्यथित हूं

घायल हूं आखिर क्यों इतना बेबस हूं?

किससे कहूं कि देश की राजनीति आज जिस मोड़ पर पहुंच गई है या फिर पहुंचा दी गई है उससे मेरा दम घुट रहा है?

मैं चिंतित हूं यह सोचकर कि गिरने का स्तर भी कितना गिर चुका है.

जिस देश में दो व्यक्तियों के बीच के हर रिश्ते के बीच भी एक गरिमा होती है, वहां आज व्यक्तिगत आचरण सभी सीमाओं को लांघ चुका है!

लेकिन आशावान भी हूं कि जिस देश की मिट्टी ने अपने युवा को कभी सरदार पटेल, सुभाष चन्द्र बोस, राम प्रसाद बिस्मिल, चन्द्र शेखर आजाद, भगत सिंह जैसे आदर्श दिए थे, उस देश का युवा आज किसी हार्दिक पटेल या जिग्नेश जैसे युवा को अपना आदर्श कतई नहीं मानेगा.

क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं हार्दिक पटेल?

इसलिए नहीं कि किसी सीडी में हार्दिक आपत्तिजनक कृत्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं. बल्कि इसलिए कि वे इसे अपनी मर्दानगी का सुबूत बता रहे हैं.

इसलिए नहीं कि जिग्नेश उनका समर्थन करते हुए कहते हैं कि सेक्स करना हमारा मूलभूत अधिकार है. बल्कि इसलिए कि ये लोग अवैधानिक और अनैतिक आचरण में अन्तर नहीं कर पा रहे.

इसलिए नहीं कि हर वो काम जो कानूनन अपराध की श्रेणी में नहीं आता, उसे यह जायज...

मैं वो भारत हूं जो समूचे विश्व के सामने अपने गौरवशाली अतीत पर इठलाता हूं.

गर्व करता हूं अपनी सभ्यता और अपनी संस्कृति पर, जो समूचे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है.

अभिमान होता है उन आदर्शों पर जो हमारे समाज के महानायक हमें विरासत में देकर गए हैं.

कोशिश करता हूं उन आदर्शों को अपनी हवा में, आकाश में और मिट्टी में आत्मसात करने की. ताकि इस देश की भावी पीढ़ियां अपने आचरण से मेरी गरिमा और विरासत को आगे ले कर जाएं.

लेकिन आज मैं आहत हूं...

क्षुब्ध हूं

व्यथित हूं

घायल हूं आखिर क्यों इतना बेबस हूं?

किससे कहूं कि देश की राजनीति आज जिस मोड़ पर पहुंच गई है या फिर पहुंचा दी गई है उससे मेरा दम घुट रहा है?

मैं चिंतित हूं यह सोचकर कि गिरने का स्तर भी कितना गिर चुका है.

जिस देश में दो व्यक्तियों के बीच के हर रिश्ते के बीच भी एक गरिमा होती है, वहां आज व्यक्तिगत आचरण सभी सीमाओं को लांघ चुका है!

लेकिन आशावान भी हूं कि जिस देश की मिट्टी ने अपने युवा को कभी सरदार पटेल, सुभाष चन्द्र बोस, राम प्रसाद बिस्मिल, चन्द्र शेखर आजाद, भगत सिंह जैसे आदर्श दिए थे, उस देश का युवा आज किसी हार्दिक पटेल या जिग्नेश जैसे युवा को अपना आदर्श कतई नहीं मानेगा.

क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं हार्दिक पटेल?

इसलिए नहीं कि किसी सीडी में हार्दिक आपत्तिजनक कृत्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं. बल्कि इसलिए कि वे इसे अपनी मर्दानगी का सुबूत बता रहे हैं.

इसलिए नहीं कि जिग्नेश उनका समर्थन करते हुए कहते हैं कि सेक्स करना हमारा मूलभूत अधिकार है. बल्कि इसलिए कि ये लोग अवैधानिक और अनैतिक आचरण में अन्तर नहीं कर पा रहे.

इसलिए नहीं कि हर वो काम जो कानूनन अपराध की श्रेणी में नहीं आता, उसे यह जायज ठहरा रहे हैं. बल्कि इसलिए कि कानून की परिभाषा पढ़ाते समय ये मर्यादाओं की सीमा नजरअंदाज करने पर तुले हैं.

इसलिए नहीं कि वे यह तर्क दे रहे हैं कि सीडी के द्वारा मेरे निजी जीवन पर हमले का सुनियोजित षड्यंत्र है. बल्कि इसलिए कि लोगों का नेतृत्व करने वाले का निजी जीवन एक खुली किताब होता है, वे इस बात को भूल रहे हैं. क्योंकि जब एक युवा किसी को अपना नेता मानता है, तो वह उसे एक व्यक्ति नहीं बल्कि व्यक्तित्व के रूप में देखता है.

इसलिए नहीं कि वे शर्मिंदा नहीं हो रहे हैं. बल्कि इसलिए कि वे आक्रामक हो रहे हैं. पश्चाताप की भावना के बजाय बदले की भावना दिखा रहे हैं. यह कहते हुए  कि बीजेपी में भी कई लोग हैं, मैं उनकी भी सीडी लेकर आऊंगा.

इसलिए नहीं कि यह कुतर्क दिया जा रहा है कि दो वयस्क आपसी रजामंदी से जो भी करें, उसमें कुछ गलत नहीं है. बल्कि इसलिए कि दो वयस्कों के बीच जो संबंध भारतीय संस्कृति में विवाह नामक संस्कार का एक हिस्सा मात्र है, आज वे उसे विवाह के बिना भी जीवन शैली का हिस्सा बनाने पर तुले हैं !

और सबसे अधिक व्यथित उस पुरुषवादी सोच से हूं कि "गुजरात की महिलाओं का अपमान किया जा रहा है". क्या हार्दिक मान-सम्मान की परिभाषा भी जानते हैं? जो हार्दिक ने किया क्या वो सम्मानजनक था? यही है भारतीय संस्कृति और उनके संस्कार जिनके आधार पर वह गुजरात की जनता से समर्थन मांग रहे हैं?

पिछड़ेपन के नामपर आरक्षण का अधिकार मांगकर युवाओं का नेता बनने की कोशिश करने वाला एक 24 साल का युवक, देश के युवाओं के सामने किस प्रकार का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है?

देखना चाहूंगा कि क्या वो पाटीदार समाज अब इस पटेल को स्वीकार करेगा, जिसने इस देश को राजनीति के इतिहास में सबसे अधिक सम्मानित शख्सियत भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल दिये?

जो लोग सत्ता के बाहर रहते हुए ऐसे आचरण में लिप्त हैं, वे सत्ता से मिलने वाली ताकत में क्या खुद को संभाल पाएंगे या फिर उसके नशे में डूब जाएंगे?

मैं व्यथित जरूर हूं, लेकिन निराश नहीं हूं.

आशावान हूं कि मेरे देशवासी इस बात को समझेंगे कि जो व्यक्ति अपने भीतर की बुराइयों से ही नहीं लड़ सकता वो समाज की बुराइयों से क्या लड़ेगा?

ये भी पढ़ें-

सुधरी हुई मूडीज रेटिंग से क्या मोदी के 'घर' का मूड ठीक होगा?

हार्दिक पटेल की सेक्स सीडी भाजपा पर ही भारी पड़ने जा रही है !

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲