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सुधरी हुई मूडीज रेटिंग से क्या मोदी के 'घर' का मूड ठीक होगा?

    • आलोक रंजन
    • Updated: 17 नवम्बर, 2017 03:18 PM
  • 17 नवम्बर, 2017 03:18 PM
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गुजरात विधानसभा चुनाव में नोटबंदी और जीएसटी का मुद्दा बीजेपी के लिए गले की फांस बन गयी है. व्यापारी वर्ग में इन दोनों के कारण काफी रोष है. ऐसे में मोदी सरकार के लिए ये संजीवनी से कम नहीं है.

मोदी सरकार को पिछले कुछ दिनों से आर्थिक मोर्चे पर लगातार अच्छी खबर मिल रही है. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में इजाफा के बाद अमेरिका की ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी मूडीज (Moody's) ने भारत की रेटिंग में सुधार किया है. मूडीज की रेटिंग में अब भारत BAA3 ग्रुप से BAA2 ग्रुप में आ गया है. मूडीज ने माना है कि इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैं.

इस रेटिंग में करीब 13 साल बाद बदलाव हुआ है. 2004 में भारत की रेटिंग BAA3 थी. इससे पहले 2015 में रेंटिंग को स्टेबल से पॉजिटिव की कैटेगिरी में रखा गया था. हाल के दिनों में आर्थिक मोर्चे पर सरकार की जमकर खिंचाई की गयी है. ना केवल विपक्ष बल्कि उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा भी नोटबंदी, जीएसटी, आर्थिक दर में गिरावट, बेरोजगारी आदि कई मसलों पर मोदी सरकार पर बार-बार निशाना साधती रहे हैं. जिन मुद्दों को लेकर सरकार को बार-बार विपक्ष के कोप-भाजन का शिकार बनना पड़ रहा है उस पर मूडीज के बयान में सरकार को सराहा गया है.

ताजा मूडीज रेटिंग में भारत की रेटिंग पॉजिटिव से स्थायी हो गयी है. जाहिर सी बात है इससे सरकार का मनोबल बढ़ेगा. एक तो आलोचकों का इससे मुंह बंद हो जायेगा और दूसरा सरकार आर्थिक सुधारों को जारी रखेगी, जिससे देश में विकास की गति में वृद्धि हो. मूडीज रेटिंग के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर मूडीज के ताजा फैसले का स्वागत किया.

गुजरात चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए ये संजीवनी से कम नहीं है. इस बार के विधानसभा चुनाव में नोटबंदी और जीएसटी का मुद्दा बीजेपी के लिए गले की फांस बन गयी है. व्यापारी वर्ग में इन दोनों के कारण काफी रोष है. कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाते हुए बीजेपी पर लगातार हमले बोल रही है. राहुल गांधी अपने चुनावी अभियानों में लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. जहां एक ओर नोटबंदी को देश के लिए नुकसानदायक बताया. वहीं जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स की संज्ञा दे दी. गुजरात के टेक्सटाइल और डायमंड हब सूरत और अन्य...

मोदी सरकार को पिछले कुछ दिनों से आर्थिक मोर्चे पर लगातार अच्छी खबर मिल रही है. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में इजाफा के बाद अमेरिका की ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी मूडीज (Moody's) ने भारत की रेटिंग में सुधार किया है. मूडीज की रेटिंग में अब भारत BAA3 ग्रुप से BAA2 ग्रुप में आ गया है. मूडीज ने माना है कि इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैं.

इस रेटिंग में करीब 13 साल बाद बदलाव हुआ है. 2004 में भारत की रेटिंग BAA3 थी. इससे पहले 2015 में रेंटिंग को स्टेबल से पॉजिटिव की कैटेगिरी में रखा गया था. हाल के दिनों में आर्थिक मोर्चे पर सरकार की जमकर खिंचाई की गयी है. ना केवल विपक्ष बल्कि उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा भी नोटबंदी, जीएसटी, आर्थिक दर में गिरावट, बेरोजगारी आदि कई मसलों पर मोदी सरकार पर बार-बार निशाना साधती रहे हैं. जिन मुद्दों को लेकर सरकार को बार-बार विपक्ष के कोप-भाजन का शिकार बनना पड़ रहा है उस पर मूडीज के बयान में सरकार को सराहा गया है.

ताजा मूडीज रेटिंग में भारत की रेटिंग पॉजिटिव से स्थायी हो गयी है. जाहिर सी बात है इससे सरकार का मनोबल बढ़ेगा. एक तो आलोचकों का इससे मुंह बंद हो जायेगा और दूसरा सरकार आर्थिक सुधारों को जारी रखेगी, जिससे देश में विकास की गति में वृद्धि हो. मूडीज रेटिंग के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर मूडीज के ताजा फैसले का स्वागत किया.

गुजरात चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए ये संजीवनी से कम नहीं है. इस बार के विधानसभा चुनाव में नोटबंदी और जीएसटी का मुद्दा बीजेपी के लिए गले की फांस बन गयी है. व्यापारी वर्ग में इन दोनों के कारण काफी रोष है. कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाते हुए बीजेपी पर लगातार हमले बोल रही है. राहुल गांधी अपने चुनावी अभियानों में लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. जहां एक ओर नोटबंदी को देश के लिए नुकसानदायक बताया. वहीं जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स की संज्ञा दे दी. गुजरात के टेक्सटाइल और डायमंड हब सूरत और अन्य जगहों में व्यापारियों से मिलकर मोदी सरकार के विरुद्ध जनमत तैयार करने का प्रयास किया. ताकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी मत दी जा सके.

मडीज रैंकिंग भाजपा के लिए खुशखबरी ले आकर आई

मूडीज ने रेटिंग अपग्रेड करते हुए कहा कि- सरकार की नीतियों का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा है. भारत में निवेश का माहौल सुधरा है. जो आर्थिक फैसले लिए जा रहे हैं, उनसे व्यापार, विदेशी निवेश आदि की स्थिति भी बदलेगी. भारत की जीडीपी ग्रोथ मार्च 2018 तक 6.7 फीसदी होगी. वहीं अनुमान लगाया है कि 2019 तक जीडीपी एक बार फिर 7.5 फीसदी तक पहुंचेगी. कांग्रेस ने गुजरात के चुनाव में विकास के मुद्दे को लेकर भी मोदी सरकार को घेरने का काम किया है. मूडीज रेटिंग आने के बाद कांग्रेस को बीजेपी के तीखे सवालों का सामना करना पड़ सकता है. अब शायद जब बीजेपी गुजरात की जनता से वोट मांगने जाये तो कम से कम आर्थिक आकड़ों के जाल से सामना नहीं करना पड़ेगा.

ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में लगायी थी लम्बी छलांग-

अक्टूबर के महीने में विश्व बैंक ने अपनी वार्षिक ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में 190 देशों के बीच भारत को 100वें पायदान पर जगह दी है. पिछले साल भारत इस इंडेक्स में 130वें स्थान पर था. यह पहली बार हुआ जब भारत ने इतनी लंबी छलांग लगाई. भारत का प्रदर्शन कई क्षेत्रों में पहले के मुकाबले बेहतर हुआ है. इन क्षेत्रों मे बेहतर प्रदर्शन के कारण ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की ओवरऑल रैंकिंग में सुधार दर्ज हुआ. विशेषज्ञों ने उस समय कहा था कि कारोबार करने के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार से कई क्षेत्र को लाभ होगा.

Pew के सर्वे में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता रेटिंग में इजाफा-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से सबसे लोकप्रिय राजनेता के रूप में उभरकर आए हैं. अमेरिकी थिंक टैंक Pew रिसर्च सेंटर द्वारा करवाए गए सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति में इस बार भी सबसे लोकप्रिय राजनेता है. सर्वेक्षण के अनुसार 88 प्रतिशत लोगों ने मोदी को सबसे लोकप्रिय हस्ती माना है. 2016 में नोटबंदी के सख्त फैसले के बाद पीएम मोदी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. लेकिन इसके बाद भी उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है.

जब ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग की रिपोर्ट आयी थी तो राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाये थे. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि ''ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की हकीकत सबको मालूम है, खुद को खुश करने के लिए जेटली जी ख्याल अच्छा है.'' अब मूडीज रेटिंग आने के बाद कांग्रेस क्या रुख अपनाती है ये देखने वाली बात हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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