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'डांसिंग अंकल' ने सिखा दिया जिंदगी जीने का असल तरीका

    • आईचौक
    • Updated: 07 जून, 2018 05:30 PM
  • 07 जून, 2018 05:28 PM
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मस्त होकर नाचना. दुनिया को भूलकर नाचना. खुद के लिए नाचना. ये ऐसी अभिव्यक्ति है जिसे अब लोग भूल चुके हैं.

हमेशा तो नहीं पर कभी-कभी इंटरनेट हमें बहुत सी अनचाही खुशियां दे देता है. जैसा पिछले हफ्ते हुआ. लगभग चालीस की उम्र का एक आदमी बॉलीवुड के एक पुराने गाने पर मस्त होकर नाच रहा है.

'डांसिंग अंकल' फिल्मी धुन पर नाच रहे हैं. ऐसे नाच रहे हैं जैसे कोई देख ही नहीं रहा. मस्त. मग्न. रातों रात इंटरनेट सनसनी बन गए. हर किसी ने इस वीडियो को हाथों हाथ लिया. सुबह से शाम तक इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर धूम मचा कर रख दी.

चीजों को आमतौर पर मीम कल्चर वायरल बनाती है. यह एक भयानक चीज है. मीम बनाने के पीछे का असल उद्देश्य लोगों का मजाक बनाना ही होता है. ये बनाया ही दुखी और हताश लोगों द्वारा गया है ताकि वे दूसरों पर हंसकर खुद के लिए थोड़ा बेहतर महसूस कर सकें. मीम कल्चर में खुद को दूसरों से ज्यादा बौद्धिक समझने वाले, लोगों का मजाक बनाने वाले लोग दूसरों को टैग करके, उनका मजाक बनाकर खुशी पाते हैं.

पिछले साल दुर्गेश और उनके विकलांग पिता मीम के शिकार हुए थे

लेकिन कभी-कभी डांसिंग अंकल जैसे कुछ वीडियो भी हमें मिल जाते हैं जो इस घुटन भरे सोशल मीडिया में ठंडी हवा के झोंके सी खुशी दे जाते हैं.

डांसिंग अंकल भोपाल के प्रोफेसर संजीव श्रीवास्तव हैं. अपने साले की शादी में उन्होंने वो डांस किया जिसका वीडियो हर किसी का दिल जीत रहा है.

स्टेज पर पति पत्नी खड़े हैं. बैकग्राउंड में 1987 का एक गाना बजना शुरु होता है- "आप के आ जाने से". फिल्म में इस गाने को गोविंद और नीलम पर फिल्माया गया है.

हमेशा तो नहीं पर कभी-कभी इंटरनेट हमें बहुत सी अनचाही खुशियां दे देता है. जैसा पिछले हफ्ते हुआ. लगभग चालीस की उम्र का एक आदमी बॉलीवुड के एक पुराने गाने पर मस्त होकर नाच रहा है.

'डांसिंग अंकल' फिल्मी धुन पर नाच रहे हैं. ऐसे नाच रहे हैं जैसे कोई देख ही नहीं रहा. मस्त. मग्न. रातों रात इंटरनेट सनसनी बन गए. हर किसी ने इस वीडियो को हाथों हाथ लिया. सुबह से शाम तक इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर धूम मचा कर रख दी.

चीजों को आमतौर पर मीम कल्चर वायरल बनाती है. यह एक भयानक चीज है. मीम बनाने के पीछे का असल उद्देश्य लोगों का मजाक बनाना ही होता है. ये बनाया ही दुखी और हताश लोगों द्वारा गया है ताकि वे दूसरों पर हंसकर खुद के लिए थोड़ा बेहतर महसूस कर सकें. मीम कल्चर में खुद को दूसरों से ज्यादा बौद्धिक समझने वाले, लोगों का मजाक बनाने वाले लोग दूसरों को टैग करके, उनका मजाक बनाकर खुशी पाते हैं.

पिछले साल दुर्गेश और उनके विकलांग पिता मीम के शिकार हुए थे

लेकिन कभी-कभी डांसिंग अंकल जैसे कुछ वीडियो भी हमें मिल जाते हैं जो इस घुटन भरे सोशल मीडिया में ठंडी हवा के झोंके सी खुशी दे जाते हैं.

डांसिंग अंकल भोपाल के प्रोफेसर संजीव श्रीवास्तव हैं. अपने साले की शादी में उन्होंने वो डांस किया जिसका वीडियो हर किसी का दिल जीत रहा है.

स्टेज पर पति पत्नी खड़े हैं. बैकग्राउंड में 1987 का एक गाना बजना शुरु होता है- "आप के आ जाने से". फिल्म में इस गाने को गोविंद और नीलम पर फिल्माया गया है.

1987 में बनी फिल्म में गोविंदा और नीलम का डांस भी डांसिंग अंकल के आगे फीका ही नजर आ रहा है

अंकल ने धूम मचा रखी है. गाने के हर बोल और बीट के साथ अपने स्टेप्स बदलते हैं. चेहरे के भाव बदलते हैं. गाने का फील लेकर नाच रहे हैं. उनके डांस में कोरियाग्राफी की कमी भी नहीं दिख रही. बिल्कुल सधे हुए डांसर की तरह. प्रोफेशनल.

यह शानदार है. आकर्षित करने वाला भी.

और वो इतनी तन्मयता से नाच रहे हैं कि बस खुद में ही डूबे हैं. बाकी लोगों की तरह उनकी पत्नी भी बस गाहे बगाहे उनका साथ दे रही है. लेकिन स्टार तो अंकल ही हैं. सारी जनता उनके लिए हूट कर रही है. उनका हौसला बढ़ा रही है.

अब आखिर ऐसा क्या था जिसने इतने सारे लोगों को अपना दीवाना बना दिया? जिस मस्ती में और जितना डूब के वो नाच रहे हैं वही उनकी खासियत है और वीडियो में नाचते हुए उनकी वो खुशी साफ दिख रही है. वो शानदार नाचते हैं इसमें कोई शक नहीं है. और अगर रिपोर्ट की मानें तो जवानी के दिनों में डांस के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. लेकिन सिर्फ इतना नहीं, उन्होंने अपने डांस मूव्स पर गोविंदा की तरह ही कंट्रोल बना रखा है.

लेकिन यहां जिस चीज ने अनजाने अनाम इंटरनेट यूजर्स को अपील किया वो थी अंकल की खुशी. उनकी एनर्जी.

यहां तक कि एक मिनट लंबे वीडियो में भी, लोग अपनी खुशी को छुपा नहीं पा रहे. सभी उनकी एनर्जी के कायल हो रहे हैं. यह उस वीडियो की तरह है जो कुछ समय पहले दिखाया गया था. एक ट्रेन के डिब्बे में एक व्यक्ति ठहाके लगाकर हंसने लगता है. पहले तो एक आदमी उसकी इस हंसी पर हंसा. और फिर दूसरा. और देखते ही देखते पूरी बोगी ही हंस रही थी. हंसी संक्रामक होती है. हंसी हंसी को जन्म देती है. खुशी को देखकर खुशी होती है.

मस्त होकर नाचना. दुनिया को भूलकर नाचना. खुद के लिए नाचना. ये ऐसी अभिव्यक्ति है जिसे अब लोग भूल चुके हैं. आप कुछ सुनते हैं तो आपके पांव खुद ब खुद थिरकने लगते हैं. आप उस गाने में डूब जाते हैं. डांस के साथ एक अजीब सी आंतरिक खुशी जुड़ी होती है. और जब आप डांसिंग अंकल की तरह के किसी व्यक्ति को उसी उत्साह और जुनून के साथ देखते हैं तो खुशी महसूस करते हैं.

यह मन खुश करने वाली कहानी है. सुकुन पहुंचाने वाली. पहले लोगों ने उनके डांस की भरपूर तारीफ की. और अब लोग उनके स्टेप्स को कॉपी कर रहे हैं. यहां तक की खुद गोविंदा ने उनकी तारीफ की है और शाबाशी दी.

अब उनके आगे पीछे प्रेस वाले मौजूद हैं. वो लगातार प्रेस से बात कर रहे हैं. अभी तक के लिए तो एक सेलिब्रिटी बन गए हैं. ये आज के अवसाद, आक्रामकता और बकवास बातों से भरी दुनिया के लिए बहुत ही स्वागत योग्य बदलाव है.

(इस लेख को अखिल सूद ने DailyO के लिए लिखा था)

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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