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Covid 19 Second Wave: कोरोना से न घबराएं, खुद बचें दूसरों को बचाएं

    • मशाहिद अब्बास
    • Updated: 09 मई, 2021 08:39 PM
  • 09 मई, 2021 08:39 PM
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कोरोना वायरस की बेरहम दूसरी लहर ने भय और दहशत का वह माहौल तैयार कर दिया है कि लोग बैठे बिठाए बीमार पड़े जा रहे हैं, या फिर संक्रमित होने के बाद इतना तनाव ले ले रहे हैं कि उन्हें दिल का दौरा तक पड़ा जा रहा है. एक बात को हमेशा ध्यान में रखें कि कोरोना वायरस का मतलब मौत नहीं है.

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने लोगों इतना डरा दिया है कि अब लोग कोरोना से तो बचे जा रहे हैं. लेकिन नई-नई बीमारियों से ग्रसित हुए जा रहे रहे हैं. बेचैनी, उलझन और नींद न आने समेत कई ऐसी समस्याएं हैं जो आमतौर पर लोगों को होने लगी है. कोरोना का डर इस कद्र पैदा हो गया है कि सुकून नहीं मिल पा रहा है. उलझन, बेचैनी या नींद का न आना तो सामान्य सी चीज़े हैं लेकिन यह अगर लंबे समय तक रह गई तो समस्या बेहद बड़ी हो सकती है.

कोरोना वायरस से बचना ज़रूरी है लेकिन उसके लिए हमें सावधानियां बरतने की ज़रूरत है. हमें मन में डर या भय बिल्कुल भी नहीं पैदा करना चाहिए. ज़्यादा से ज़्यादा हमें घरों में रहना चाहिए और परिवारजनों में एक खुशहाल माहौल बना कर रखना चाहिए ताकि किसी भी तरह की डिप्रेशन या अवसाद की स्थिति न उत्पन्न होने पाए. कोरोना वायरस से बचाव ज़रूरी है लेकिन इसका डर पैदा करने की ज़रूरत नहीं है. यह संक्रमित बीमारी है जो बड़े स्तर पर लोगों को लील रही है लेकिन इसका सामना करके करोड़ों लोग अब तक इस बीमारी को मात भी दे चुके हैं. हिम्मत और भरोसे रखकर इस बीमारी का पूरी तरह से डटकर सामना किया जा सकता है. कोरोना वायरस से बचाव के तरीके स्वास्थ्य विभाग व वैज्ञानिकों ने बता रखे हैं.

कोविड की इस दूसरी लहर में हमें अपने से ज्यादा दूसरों का ख्याल रखना है

मास्क और सेनेटाइज़र के प्रयोग के साथ साथ सामाजिक दूरी का इस्तेमाल करके हमें लोगों के संपर्क में आने से बच सकते हैं. साथ ही अनावश्यक रूप से घर से न निकल कर भी हम सब अपने आप को इस वायरस से कोसों दूर रख सकते हैं. साफ-सफाई और पौष्टिक आहार लेकर हम सब अपना इम्यून सिस्टम भी मजबूत बना सकते हैं. इन सब बातों का ख्याल रखकर कोरोना से संक्रमित होने से काफी हद तक बचा जा सकता है. अगर फिर भी कोई कोरोना वायरस...

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने लोगों इतना डरा दिया है कि अब लोग कोरोना से तो बचे जा रहे हैं. लेकिन नई-नई बीमारियों से ग्रसित हुए जा रहे रहे हैं. बेचैनी, उलझन और नींद न आने समेत कई ऐसी समस्याएं हैं जो आमतौर पर लोगों को होने लगी है. कोरोना का डर इस कद्र पैदा हो गया है कि सुकून नहीं मिल पा रहा है. उलझन, बेचैनी या नींद का न आना तो सामान्य सी चीज़े हैं लेकिन यह अगर लंबे समय तक रह गई तो समस्या बेहद बड़ी हो सकती है.

कोरोना वायरस से बचना ज़रूरी है लेकिन उसके लिए हमें सावधानियां बरतने की ज़रूरत है. हमें मन में डर या भय बिल्कुल भी नहीं पैदा करना चाहिए. ज़्यादा से ज़्यादा हमें घरों में रहना चाहिए और परिवारजनों में एक खुशहाल माहौल बना कर रखना चाहिए ताकि किसी भी तरह की डिप्रेशन या अवसाद की स्थिति न उत्पन्न होने पाए. कोरोना वायरस से बचाव ज़रूरी है लेकिन इसका डर पैदा करने की ज़रूरत नहीं है. यह संक्रमित बीमारी है जो बड़े स्तर पर लोगों को लील रही है लेकिन इसका सामना करके करोड़ों लोग अब तक इस बीमारी को मात भी दे चुके हैं. हिम्मत और भरोसे रखकर इस बीमारी का पूरी तरह से डटकर सामना किया जा सकता है. कोरोना वायरस से बचाव के तरीके स्वास्थ्य विभाग व वैज्ञानिकों ने बता रखे हैं.

कोविड की इस दूसरी लहर में हमें अपने से ज्यादा दूसरों का ख्याल रखना है

मास्क और सेनेटाइज़र के प्रयोग के साथ साथ सामाजिक दूरी का इस्तेमाल करके हमें लोगों के संपर्क में आने से बच सकते हैं. साथ ही अनावश्यक रूप से घर से न निकल कर भी हम सब अपने आप को इस वायरस से कोसों दूर रख सकते हैं. साफ-सफाई और पौष्टिक आहार लेकर हम सब अपना इम्यून सिस्टम भी मजबूत बना सकते हैं. इन सब बातों का ख्याल रखकर कोरोना से संक्रमित होने से काफी हद तक बचा जा सकता है. अगर फिर भी कोई कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है तो उसका एक बेहतर इलाज भी किया जा सकता है.

गंभीर स्थिति है तो ही अस्पतालों की ओर भागना चाहिए वरना इसका इलाज घर पर ही रहकर कराया जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग घर तक दवा मुहैया करा रही है और आवश्यक निर्देश भी दे रही है. अस्पताल की तुलना में घऱ पर ईलाज करा रहे मरीज़ अच्छी संख्या में जल्दी ठीक हो रहे हैं. कोरोना वायरस के क्या क्या लक्षण हैं इसे आप अब जानते हैं इसलिए जैसे ही आपको ऐसे लक्षण नज़र आएं तो सबसे पहले एहतियात के तौर पर खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और फौरन कोरोना की जांच करानी चाहिए.

कोरोना की सही वक्त पर जांच हो जाने से इलाज वक्त पर शुरू हो जाता है और संक्रमित मरीज़ सही समय पर आइसोलेट होकर अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचा लेता है. एक बात अपनी ज़हन से बिल्कुल निकाल दीजिए कि कोरोना जानलेवा बीमारी है. कोरोना वायरस के शिकार हुए लोगों के आंकड़ों पर गौर कीजिए. इस वायरस से हुई मौत से कहीं अधिक मरीज इस वायरस को मात दे चुके हैं.

ये वायरस सिर्फ उनके लिए ही जानलेवा बन रही है जो या तो पहले से किसी बीमारी के शिकार हैं या फिर कोरोना पाजिटिव होने के बाद अत्यधिक तनाव लेकर और बीमार हो गए हैं, फिर उऩ्हें या तो दिल का दौरा पड़ जा रहा है या फिर इम्यून सिस्टम डैमेज हुआ जा रहा है. शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की कमी होने से कोई भी इंसान सामान्य सी बीमारी भी नहीं झेल पाता है. इसलिए संक्रमित होने के बाद भी अपने आपको मजबूत बनाए रखें और तनाव बिल्कुल भी न आने दें.

दिमाग में बस एक ही बात रखिये कि जैसे इस वायरस से करोड़ों लोग ठीक हुए हैं वैसे ही हम भी इस वायरस को पटखनी दे देंगे. दूसरी ओर यह भी सच है कि कोरोना वायरस से जुड़ी तस्वीरें भयावह है लेकिन इन तस्वीरों को अपने मन में बिठा कर अपने आपको कमजोर करने का काम हरगिज़ न करें. जितना हो सके उतना अपने आपको तनावमुक्त रखने का काम कीजिए. घर पर परिवार के साथ रहिये और खेलकूद या व्यायाम करके अपने शरीर को मजबूत बनाइये.

योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाइये ये आपको अंदरूनी तौर पर मजबूत करता है. भारत के अधिकतर हिस्सों में यह समय वायरल बुखार का भी है जिसके लक्षण कोरोना वायरस से मिलते जुलते हैं इसलिए और भी अधिक सावधानी की ज़रूरत है. अगर आपको वायरल बुखार भी होता है तब भी आप खुद को आइसोलेट करके ही इलाज कराएं, वायरल बुखार भी संक्रमित बीमारी है जो घर के अन्य सदस्यों को भी जकड़ लेता है.

अस्पतालों के हाल बुरे हैं इसलिए कोशिश करें अस्पतालों का चक्कर न काटना पड़े और यह तभी मुमकिन हो पाएगा जब आप सावधानियां बरतेंगे. लापरवाही करके खुद को और खुद के परिवार वालों को ही नुकसान पहुंचाया जा सकता है. पहली बात तो घर से निकलिये मत और अगर आवश्यकता पर निकल भी रहे हैं तो मास्क और दो गज की दूरी का पालन अवश्य करें. घर वापस आने पर खुद को सेनेटाइज़ करने के साथ ही कपड़े अलग करके रख दें और पूरी तरह से फ्रेश होने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में जाएं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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