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कौन सी वैक्सीन ज्यादा असरदार है, कोविशिल्ड, कोवाक्सिन या फिर स्पूतनिक वी?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 15 मई, 2021 01:02 PM
  • 15 मई, 2021 01:00 PM
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कोरोना का टीका (covid vaccine) लगवाने से पहले आइये जानते हैं कि तीनों वैक्सीन (covaxin vs covishield vs sputnik comparison) में क्या अंतर है और किसका असर सबसे ज्यादा है, क्योंकि अगले सप्ताह से ये तीनों वैक्सीन मार्केट में मौजूद हैं.

cornavirus कोरोना (coronavirus) के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी है. नीति आयोग के सदस्य ने केंद्र सरकार की योजना की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी, जिसमें कुल आठ COVID-19 टीके शामिल हैं. यानी देश को जल्द ही पांच और वैक्सीन मिलने की उम्मीद हैं. इनमें से चार वैक्सीन बायोलॉजिकल ई सबयूनिट, जायडस कैडिला, नोवावैक्स अथवा कोवावैक्स और भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का निर्माण भारत में किया जा रहा है. फिलहाल कोविशील्ड और कोवैक्सीन की मदद से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसी बीच डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik V) अगले सप्ताह भारत के बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी. मौजूदा हालात में यह खबर भारत के लोगों के लिए राहत देने वाली है.

स्पूतनिक वी रूस कोरोना वैक्सीन अगले सप्ताह से मार्केट में मौजूद

दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस साल के अंत यानी दिसंबर तक देश में लगभग 2 अरब से अधिक वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होने की बात कही थी. भारत में कई लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीका लगवा लिया है. वहीं अभी भी ज्यादातर लोग स्पूतनिक-वी वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं. वे तभी टीकाकरण कराएंगे जब ये वैक्सीन उपलब्ध होगी.

तो टीका (vaccine) लगवाने से पहले आइये जानते हैं कि तीनों वैक्सीन (covaxin vs covishield vs sputnik comparison) में क्या अंतर है और किसका असर सबसे ज्यादा है, क्योंकि अगले सप्ताह से ये तीनों वैक्सीन मार्केट में मौजूद होंगी.

1- स्पूतनिक वी एक एडेनोवायरस Ad26 और Ad5 पर आधारित टीका है. जिसका उपयोग रूस द्वारा बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए किया जा रहा है और इसे दुनिया भर के 59 से अधिक देशों ने मंजूरी दी है. इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र तैयार करने...

cornavirus कोरोना (coronavirus) के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी है. नीति आयोग के सदस्य ने केंद्र सरकार की योजना की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी, जिसमें कुल आठ COVID-19 टीके शामिल हैं. यानी देश को जल्द ही पांच और वैक्सीन मिलने की उम्मीद हैं. इनमें से चार वैक्सीन बायोलॉजिकल ई सबयूनिट, जायडस कैडिला, नोवावैक्स अथवा कोवावैक्स और भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का निर्माण भारत में किया जा रहा है. फिलहाल कोविशील्ड और कोवैक्सीन की मदद से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसी बीच डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik V) अगले सप्ताह भारत के बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी. मौजूदा हालात में यह खबर भारत के लोगों के लिए राहत देने वाली है.

स्पूतनिक वी रूस कोरोना वैक्सीन अगले सप्ताह से मार्केट में मौजूद

दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस साल के अंत यानी दिसंबर तक देश में लगभग 2 अरब से अधिक वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होने की बात कही थी. भारत में कई लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीका लगवा लिया है. वहीं अभी भी ज्यादातर लोग स्पूतनिक-वी वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं. वे तभी टीकाकरण कराएंगे जब ये वैक्सीन उपलब्ध होगी.

तो टीका (vaccine) लगवाने से पहले आइये जानते हैं कि तीनों वैक्सीन (covaxin vs covishield vs sputnik comparison) में क्या अंतर है और किसका असर सबसे ज्यादा है, क्योंकि अगले सप्ताह से ये तीनों वैक्सीन मार्केट में मौजूद होंगी.

1- स्पूतनिक वी एक एडेनोवायरस Ad26 और Ad5 पर आधारित टीका है. जिसका उपयोग रूस द्वारा बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए किया जा रहा है और इसे दुनिया भर के 59 से अधिक देशों ने मंजूरी दी है. इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र तैयार करने में किया जाता है. इसकी दो अलग-अलग खुराक 21-21 दिन के अंतराल में दी जाती है. आमतौर पर सभी कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक में एक ही दवा दी जाती है, लेकिन स्पूतनिक-वी की दोनों खुराक में अलग-अलग दवा दी जाती है. स्पूतनिक V की कीमत 948 रुपये प्लस 5% जीएसटी होगी यानी इसका एक डोज 995.40 रुपए की पड़ेगा. स्पुतनिक-वी वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 91.6 फीसदी असरदार साबित हुई है. Sputnik V के डिवेलपर्स के अनुसार, इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है.

2- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है. यह “चिम्पांजी के एक सामान्य कोल्ड वायरस के कमजोर संस्करण से बनाया गया है". इसे कोरोना वायरस की तरह दिखने के लिए संशोधित किया गया है. हालांकि इसकी वजह से बीमारी नहीं हो सकती. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की Covishield 80 फीसदी असरकारी है. हालांकि डेढ़ डोज देने पर एफेकसी 90% तक पहुंच गई थी.

Covishield की दो डोज 4-8 हफ्तों के अंतराल पर दी जाती हैं. इसे स्टोर करने के लिए सब जीरो तापमान की जरूरत नहीं होती है. यह सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में लगाई जा रही है. वहीं प्राइवेट अस्पताल में इसकी कीमत 250 प्रति डोज है.

3- Covaxin एक निष्क्रिय टीका है, जो मारे गए कोरोना वायरस से बना है. यह क्लिनिकल ट्रायल में 81% की एफेकसी हासिल की थी. यानी कोवैक्सीन 81 प्रतिशत असरदार है. Covaxin की दो डोज 4-6 हफ्तों के अंतर में दी जाती हैं. इसे भी 2-8 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर स्‍टोर कर किया जाता है. Covaxin सरकारी अस्‍पतालों में मुफ्त में लगाई जा रही है.

दरअसल, "भारत बायोटेक ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा पृथक कोरोना वायरस के नमूने का उपयोग किया. जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को महामारी वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. कोवाक्सिन पर अन्य रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह एसएआरएस-सीओवी-2 कोरोनावायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को सिखाता है.

अब आप इन तीनों वैक्सीन के अंतर को समझ सकते हैं और अपनी सहूलियत के हिसाब से टीका लगवा सकते हैं. कोई सी भी वैक्सीन लगवाएं लेकिन लगवाएं जरूर, ताकि कोरोना वायरस को मात दिया जा सके. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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