• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

Coronavirus: जिन मुसलमानों को जरा भी शंका है, मक्का मदीना के हाल जान लें

    • आईचौक
    • Updated: 03 अप्रिल, 2020 09:15 PM
  • 03 अप्रिल, 2020 09:15 PM
offline
कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर अन्य देशों की तरह सऊदी अरब (Saudi Arab) भी गंभीर है. सऊदी ने मक्का और मदीना में 24 घंटे का कर्फ्यू (Mecca-Madina Curfew) लगा दिया है. सवाल ये है कि क्या भारत (Indian Muslims ) के मुसलमान कोरोना के प्रति सऊदी की इस गंभीरता से कुछ सबक लेंगे?

बीते दिनों दिल्ली (Delhi) स्थित निजामुददीन (Nizamuddin) में जो हुआ सारे देश ने देखा और वो बातें भी सुनीं जो वर्तमान में फरारी काट रहे तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) ने कहीं. साफ था कि उनकी बातों से कट्टरपंथ की बू आ रही थी. इसके बाद हमने वो विजुअल्स भी देखे जिसमें मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में covid-19 की जांच करने आई डॉक्टर्स की टीम पर लोगों ने पथराव किया और मारपीट की. इसके बाद जयपुर (Jaipur) और मुम्बई (Mumbai) के सबसे बड़े स्लम में शामिल धारावी में भी एक धर्म के लोगों का डॉक्टर्स के प्रति रवैया कुछ ऐसा ही रहा. कुल मिलाकर देखा जाए तो अपनी रूढ़िवादिता के कारण भारत के मुसलमान (Muslims) कोरोना वायरस (Coronavirus) को हल्के में ले रहे हैं. इसके ठीक विपरीत अगर हम मुसलमानों के सबसे बड़े हब मक्का और मदीना का रुख करें तो वहां हालात अलग हैं. ध्यान रहे कि सऊदी अरब (Saudi Arab) ने अपने दो बड़े शहरों मक्का (Mecca) और मदीना (Madina) में 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है.

कोरोना वायरस के चलते सऊदी अरब भी खासा फिक्रमंद है और तमाम जरूरी सावधानियां बरत रहा है

बता दें कि तेजी से फैलते कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सऊदी अरब बहुत गंभीर है और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वहां 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है. ध्यान रहे कि कोरोना वायरस के चलते सऊदी अरब में 16 लोगों की मौत हुई है जबकि 1700 लोग इस बीमारी की चपेट में हैं.

सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी हुई...

बीते दिनों दिल्ली (Delhi) स्थित निजामुददीन (Nizamuddin) में जो हुआ सारे देश ने देखा और वो बातें भी सुनीं जो वर्तमान में फरारी काट रहे तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) ने कहीं. साफ था कि उनकी बातों से कट्टरपंथ की बू आ रही थी. इसके बाद हमने वो विजुअल्स भी देखे जिसमें मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में covid-19 की जांच करने आई डॉक्टर्स की टीम पर लोगों ने पथराव किया और मारपीट की. इसके बाद जयपुर (Jaipur) और मुम्बई (Mumbai) के सबसे बड़े स्लम में शामिल धारावी में भी एक धर्म के लोगों का डॉक्टर्स के प्रति रवैया कुछ ऐसा ही रहा. कुल मिलाकर देखा जाए तो अपनी रूढ़िवादिता के कारण भारत के मुसलमान (Muslims) कोरोना वायरस (Coronavirus) को हल्के में ले रहे हैं. इसके ठीक विपरीत अगर हम मुसलमानों के सबसे बड़े हब मक्का और मदीना का रुख करें तो वहां हालात अलग हैं. ध्यान रहे कि सऊदी अरब (Saudi Arab) ने अपने दो बड़े शहरों मक्का (Mecca) और मदीना (Madina) में 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है.

कोरोना वायरस के चलते सऊदी अरब भी खासा फिक्रमंद है और तमाम जरूरी सावधानियां बरत रहा है

बता दें कि तेजी से फैलते कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सऊदी अरब बहुत गंभीर है और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वहां 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है. ध्यान रहे कि कोरोना वायरस के चलते सऊदी अरब में 16 लोगों की मौत हुई है जबकि 1700 लोग इस बीमारी की चपेट में हैं.

सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी हुई है जिसमें इस बात के साफ संकेत दिए गए हैं कि ये सब जहां एक तरफ बीमारी की रोकथाम के लिए किया गया है तो वहीं इसका उद्देश्य स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा है. सरकारी आदेश के अनुसार ज़रूरी सामानों की खरीद फरोख्त के लिए लोगों को कुछ छूट दी जाएगी.

इसके अलावा विज्ञप्ति में इस बात का भी वर्णन है कि जो लोग भी इस दौरान अपनी अपनी गाड़ियों से निकलेंगे वो अपने साथ केवल एक व्यक्ति को बैठा सकते हैं. यदि कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके साथ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा. हुकूमत का मानना है कि यदि ऐसा होता है तो इससे इस खरतनाक वायरस के प्रसार पर रोक लगेगी.

गौरतलब है कि सऊदी अरब में सरकार कोरोना को लेकर बहुत फिक्रमंद है और सुरक्षा के लिहाज से सारी इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है साथ ही सभी प्रमुख पब्लिक प्लेस को बंद कर दिया है. इसके अलावा काबे को बंद करते हुए हज उमरा जैसे धार्मिक अनुष्ठानों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.

बता दें कि सऊदी हुकूमत ने मक्का, मदीना, रियाद और जेद्दाह जैसे शहरों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. कोरोना के मद्देनजर सऊदी अरब जो कि एक मुस्लिम देश है उसके प्रयास और फिक्र हमारे सामने हैं दूसरी तरफ भारत के मुसलमान हैं जिनका रवैया न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व को विचलीत करता नजर आ रहा है.

आए रोज जो जड़ता भारत के मुसलमान दिखा रहे हैं वो न सिर्फ एक गहरी चिंता का विषय है. बल्कि इस बात के भी साफ़ संकेत दे रहा है कि जब तक इन्हें बात समझ आएगी स्थिति हाथ से निकल जाएगी तब पछताने के अलावा और कोई चारा पूरे समुदाय के पास नहीं रहेगा.  

ये भी पढ़ें -

Maulana Saad के संदेश पर अक्षरशः अमल कर रहे हैं डॉक्टरों पर हमला करने वाले

Tablighi Jamaat पर हमलावर केजरीवाल अभिमन्यु जैसे घिर गए

क़िस्मत हो तो सिर्फ तब्लीगी जमात वालों जैसी...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲