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कोरोना की तीसरी लहर आ गई है, जानिए 5 जरूरी बातें...

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 05 जनवरी, 2022 03:59 PM
  • 05 जनवरी, 2022 03:59 PM
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बीते आठ दिनों में कोरोना संक्रमण (Covid 19) के मामले 10 गुना बढ़ गए हैं. 81 दिनों बाद भारत में कोरोना एक्टिव मामलों की संख्या भी 2 लाख से ऊपर पहुंच गई है. बीते दिन में 50 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं. ये कोरोना की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) का ही इशारा हैं.

क्रिसमस और नए साल पर जश्न के माहौल के बीच भारत में रोजाना सामने आने वाले कोरोना संक्रमण के मामलों में जबरदस्त उछाल देखा गया है. बीते साल के आखिरी दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले करीब 7 हजार तक सिमट गए थे. लेकिन, बीते एक हफ्ते के अंदर ही बढ़ते हुए 50 हजार से ज्यादा हो गए हैं. बीते आठ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले 10 गुना बढ़ गए हैं. इन सबके बीच बीते एक महीने के अंदर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. भारत में कोरोना एक्टिव मामलों की संख्या भी 2 लाख से ऊपर पहुंच गई है. कोरोना महामारी की वजह से हो रही मौतों का आंकड़ा भी रोजाना बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए सभी राज्यों को अलर्ट रहने की चेतावनी जारी कर दी है. कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधाओं के ढहने से उपजे भयावह हालातों से निपटने की तैयारियां भी की जा रही हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है. आइए जानते हैं कोरोना की इस तीसरी लहर से जुड़ी जरूरी बातें...

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बीच कहा है कि आम खांसी-जुकाम को बिल्कुल भी हल्के में न लें.

केवल ओमिक्रॉन ही डरने की वजह नहीं

भारत में केवल ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों के साथ ही कोरोना संक्रमण के मामलों में भी इजाफा हो रहा है. जो एक बड़ी चिंता का विषय है. देश के दो लाख से ज्यादा कोरोना एक्टिव मामलों में से करीब 2000 मामले ही ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने के हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों में डेल्टा वेरिएंट के फिर से फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान...

क्रिसमस और नए साल पर जश्न के माहौल के बीच भारत में रोजाना सामने आने वाले कोरोना संक्रमण के मामलों में जबरदस्त उछाल देखा गया है. बीते साल के आखिरी दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले करीब 7 हजार तक सिमट गए थे. लेकिन, बीते एक हफ्ते के अंदर ही बढ़ते हुए 50 हजार से ज्यादा हो गए हैं. बीते आठ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले 10 गुना बढ़ गए हैं. इन सबके बीच बीते एक महीने के अंदर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. भारत में कोरोना एक्टिव मामलों की संख्या भी 2 लाख से ऊपर पहुंच गई है. कोरोना महामारी की वजह से हो रही मौतों का आंकड़ा भी रोजाना बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए सभी राज्यों को अलर्ट रहने की चेतावनी जारी कर दी है. कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधाओं के ढहने से उपजे भयावह हालातों से निपटने की तैयारियां भी की जा रही हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है. आइए जानते हैं कोरोना की इस तीसरी लहर से जुड़ी जरूरी बातें...

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बीच कहा है कि आम खांसी-जुकाम को बिल्कुल भी हल्के में न लें.

केवल ओमिक्रॉन ही डरने की वजह नहीं

भारत में केवल ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों के साथ ही कोरोना संक्रमण के मामलों में भी इजाफा हो रहा है. जो एक बड़ी चिंता का विषय है. देश के दो लाख से ज्यादा कोरोना एक्टिव मामलों में से करीब 2000 मामले ही ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने के हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों में डेल्टा वेरिएंट के फिर से फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाने वाला डेल्टा वेरिएंट अगर इसी तेजी से फैलता रहा, तो कोरोना की तीसरी लहर पर लगाम लगाना आसान नहीं होगा.

पॉजिटिविटी रेट का बढ़ना खतरे का आगाज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते 81 दिनों में पहली बार कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले दो लाख को पार कर गए हैं. देश का डेली टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 4.18 फीसदी पहुंच चुका है. डेली टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से ज्यादा होने पर यह बहुत खराब स्थिति में गिना जाता है. भारत में वीकली पॉजिटिविटी रेट 2.60 फीसदी पहुंच चुका है. महाराष्ट्र, दिल्ली, गोवा जैसे राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर का असर दिखने लगा है. गोवा में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी पहुंच चुका है. राजधानी दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट फिलहाल 8 फीसदी से कुछ ज्यादा है. लेकिन, इसके 10 फीसदी होने की संभावना जता दी गई है. महाराष्ट्र में मंगलवार को सामने आए कोरोना संक्रमण के मामले बीते दिन से 51 फीसदी ज्यादा थे. लगातार बढ़ रहा पॉजिटिविटी रेट कोरोना की तीसरी लहर का आगाज कहा जा सकता है.

ओमिक्रॉन वेरिएंट चिंता का कारण

कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट अब तक 140 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. भारत में भी ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों के करीब दो हजार मामले सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बीच कहा है कि सर्दियों के मौसम में होने वाले आम खांसी-जुकाम को बिल्कुल भी हल्के में न लें. हालांकि, अभी तक ये कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से तुलना में कम घातक नजर आ रहा है. लेकिन, इसकी वजह से कोरोना के नए और घातक वेरिएंट सामने आने की संभावना भी बढ़ सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड का कहना है कि ओमिक्रॉन जितना ज्यादा फैलेगा, इससे कोरोना के किसी नए वेरिएंट के फैलने की संभावना है. और, हो सकता है कि ये ओमिक्रॉन वेरिएंट से ज्यादा घातक हो. 

बिना लक्षण के मामले बनेंगे सिरदर्द

कोरोना संक्रमण के सामने आ रहे मामलों में से ज्यादातर मरीज बिना लक्षणों वाले यानी Asymptomatic और हल्के लक्षणों वाले हैं. इन सभी मरीजों की पहचान कोरोना टेस्ट की बाद हो सकी है. क्योंकि, भारत में हर व्यक्ति खुद से कोरोना टेस्ट नहीं करा सकता है, तो इस बात की संभावना कहीं ज्यादा है कि बिना लक्षणों वाले ऐसे बहुत से कोरोना संक्रमित लोगों के आसपास हों. सर्दियों में खांसी-जुकाम को एक रुटीन बीमारी के तौर पर देखा जाता है. और, ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण के ज्यादातर मरीज बिना लक्षणों वाले ही मिल रहे हैं, जो चिंता का बड़ा कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी के बाद कहा जा सकता है कि लोगों को ऐसे कोई भी लक्षण नजर आएं, तो कोरोना की जांच जरूर कराएं.

कोरोना वायरस के लिए आम-ओ-खास में कोई अंतर नहीं

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के डिप्टी सीएम समेत कई विधायक, महाराष्ट्र के कई विधायक समेत बॉलीवुड के कई सितारे बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो कोरोना वायरस के लिए आम-ओ-खास में कोई अंतर नहीं है. कोरोना महामारी लोगों के बीच किसी तरह का भेद नहीं करती है. तो, लोगों को कोरोना वायरस को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. अगर फिर से कोरोना के मामले बढ़ेंगे, तो राज्यों में प्रतिबंध लगाए जाएंगे. जिससे करोड़ों लोगों के रोटी-रोजगार पर असर पड़ेगा. कोरोना को खत्म करने के लिए सोशल डिस्टेंसिग और मास्क का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करना जरूरी है, तो इसे जीवन बचाने की कोशिश के तौर पर देखा जाना चाहिए.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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