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मोहाली यूनिवर्सिटी गर्ल्‍स हॉस्टल एमएमएस कांड हुआ भी है या फिर...

    • prakash kumar jain
    • Updated: 19 सितम्बर, 2022 10:24 PM
  • 19 सितम्बर, 2022 10:24 PM
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Chandigarh Girls Hostel MMS मामले में अभी तक पुलिस की जांच में भी सिर्फ़ एक ही वीडियो सामने आया है जो आरोपी का ही है. इसके अलावा और कोई वीडियो अभी तक की जांच में सामने नहीं आया है.

जितने मुंह उतनी बातें. लेकिन देखा किसी ने नहीं. किसी भी लड़की का कथित नहाते हुए कोई विडियो किसी भी सोशल मीडिया साइट पर नहीं है और ना ही किसी के किसी भी तरह के प्राइवेट इन्बॉक्स में होने के या फ़ॉर्वर्ड किए जाने के सबूत मिले हैं.  दरअसल वीडियो वायरल नहीं हुए बल्कि वीडियो वायरल होने की खबर वायरल हो गई. इसे फ़ेकिंग कहते हैं. हर फ़ेक न्यूज़ का कुत्सित उद्देश्य होता है और सोचना समझना और पता इसी बात का लगाना है! हां, आग बिना धुआं  नहीं तो आरोपी लड़की ने माना है कि वह स्वयं का विडियो बनाती थी और इन्हें अपने बॉयफ़्रेंड को भेजती थी.

शायद किसी ने उसे ऐसा करते देख लिया और बात एक से दूसरे को शेयर करने की प्रक्रिया में 50-60  लड़कियों के वीडियो बनाकर वायरल करने तक पहुंच गई, 6-7  आत्महत्या करने की कोशिशें भी जुड़ गईं और और भी ना जाने क्या क्या मसलन वीडियो 2-3  होस्टलों तक बन रहे थे.

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं का कथित एमएमएस वायरल होने का मामला एक साथ कई सवालों को खड़े करता है

अभी तक पुलिस की जांच में भी सिर्फ़ एक ही वीडियो सामने आया है जो आरोपी का ही है. इसके अलावा और कोई वीडियो अभी तक की जांच में सामने नहीं आया है. यूनिवर्सिटी की शुरुआती जांच में भी पाया गया कि किसी भी छात्र का आपत्तिजनक वीडियो नहीं बना है, केवल एक निजी वीडियो मिला है जिसे एक लड़की ने शूट किया था और उसी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ इसे शेयर किया था.

अफ़वाहों ने तो इस देश में टनों दूध पिला दिया था चूंकि गणेश जी दूध पी रहे हैं. ऐसा ही कुछ यूनिवर्सिटी में हुआ, सारी छात्राएं और उनके साथ अन्य भी आक्रोशित होकर बाहर निकल आए, हंगामा सा मच गया. कोई अनहोनी ना हो जाए, यूनिवर्सिटी ने दो दिनों की छुट्टी कर दीं, पुलिस ने आरोपी लड़की...

जितने मुंह उतनी बातें. लेकिन देखा किसी ने नहीं. किसी भी लड़की का कथित नहाते हुए कोई विडियो किसी भी सोशल मीडिया साइट पर नहीं है और ना ही किसी के किसी भी तरह के प्राइवेट इन्बॉक्स में होने के या फ़ॉर्वर्ड किए जाने के सबूत मिले हैं.  दरअसल वीडियो वायरल नहीं हुए बल्कि वीडियो वायरल होने की खबर वायरल हो गई. इसे फ़ेकिंग कहते हैं. हर फ़ेक न्यूज़ का कुत्सित उद्देश्य होता है और सोचना समझना और पता इसी बात का लगाना है! हां, आग बिना धुआं  नहीं तो आरोपी लड़की ने माना है कि वह स्वयं का विडियो बनाती थी और इन्हें अपने बॉयफ़्रेंड को भेजती थी.

शायद किसी ने उसे ऐसा करते देख लिया और बात एक से दूसरे को शेयर करने की प्रक्रिया में 50-60  लड़कियों के वीडियो बनाकर वायरल करने तक पहुंच गई, 6-7  आत्महत्या करने की कोशिशें भी जुड़ गईं और और भी ना जाने क्या क्या मसलन वीडियो 2-3  होस्टलों तक बन रहे थे.

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं का कथित एमएमएस वायरल होने का मामला एक साथ कई सवालों को खड़े करता है

अभी तक पुलिस की जांच में भी सिर्फ़ एक ही वीडियो सामने आया है जो आरोपी का ही है. इसके अलावा और कोई वीडियो अभी तक की जांच में सामने नहीं आया है. यूनिवर्सिटी की शुरुआती जांच में भी पाया गया कि किसी भी छात्र का आपत्तिजनक वीडियो नहीं बना है, केवल एक निजी वीडियो मिला है जिसे एक लड़की ने शूट किया था और उसी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ इसे शेयर किया था.

अफ़वाहों ने तो इस देश में टनों दूध पिला दिया था चूंकि गणेश जी दूध पी रहे हैं. ऐसा ही कुछ यूनिवर्सिटी में हुआ, सारी छात्राएं और उनके साथ अन्य भी आक्रोशित होकर बाहर निकल आए, हंगामा सा मच गया. कोई अनहोनी ना हो जाए, यूनिवर्सिटी ने दो दिनों की छुट्टी कर दीं, पुलिस ने आरोपी लड़की को गिरफ़्तार कर लिया और शायद बॉयफ़्रेंड भी शिमला में धर लिया गया है.

अंततः यही निष्कर्ष निकलता है कि लड़की ने प्राइवेट फ़ोटो सिर्फ़ लड़के के साथ शेयर किए और वे उसी तक सीमित रहे तो हो गया ना दोनों की निजता का, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का घोर हनन. पहले मोरल पुलिसिंग भुगतनी पड़ी लड़की को जैसा वार्डन उसे हड़काती नज़र आती है वायरल वीडियो में और फिर दोनों को पुलिस ने गिरफ़्तार भी कर लिया, शायद छानबीन करनी है कहकर अदालत से उन्हें बेल भी न मिलने दें.

लग गई दोनों के कैरियर की वाट. सो तमाम लड़कियां ही एक लड़की की दुश्मन बन गई, गलती यही थी कि उसकी वजह से लड़के लड़कियों के आम हो चले रिलेशन की पोल जो खुल गाईं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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