• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

Burari case postmortem report: 10 मौत की वजह पता चली लेकिन राज और गहरा गया

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 11 जुलाई, 2018 04:50 PM
  • 10 जुलाई, 2018 09:18 PM
offline
Burari case में postmortem report आ गई है. भाटिया परिवार के 10 लोगों की मौत की वजह अब राज नहीं रही है. लेकिन इस परिवार की सबसे बुजुर्ग नारायणी देवी की मौत की वजह पता न चलना, इस पूरे मामले के रहस्‍य को गहरा देता है.

Burari case सिर्फ अंधविश्वास में फंसकर की गई आत्महत्या का मामला है या फिर किसी ने बहुत ही चालाकी के साथ 11 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है? 1 जुलाई की वो सुबह कोई कैसे भूल सकता है, जब दिल्ली के बुराड़ी में स्थित एक ही घर में परिवार के 11 लोग फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुके थे. कुछ के हाथ बंधे थे. आंखों और मुंह पर पट्टी बंधी हुई थी. घर से कुछ रजिस्टर भी मिले हैं, जिसमें बहुत सारी बातें लिखी हैं. यूं तो रजिस्टर में लिखी बातों से कई रहस्यों से पर्दा उठ चुका है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही रहा कि कहीं ये सब किसी की सोची समझी साजिश तो नहीं. खैर, 10 शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (postmortem report) आ गई है. आइए जानते है यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट इस केस से पर्दा हटाने में क्‍या भूमिका निभा पाएगी-

1. फंदे पर लटके मिले भाटिया परिवार के सभी 10 मौते फांसी लगने के कारण हुई है. शरीर पर चोट का कोई निशान नही हैं. साफ है कि सभी लोगो ने फांसी लगाकर खुदकुशी की है.

2. घर की सबसे बुजुर्ग महिला नारायणी देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है. नारायणी देवी की बॉडी कमरे में जमीन पर पड़ी मिली थी. इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी डॉक्टर्स की राय मेल नही खा रही है.

3. डॉक्टर्स की टीम एक बार फिर आपस मे नारायणी देवी के केस पर चर्चा करके फाइनल रिपोर्ट देगी. जिससे नारायणी देवी की मौत की असल वजह पता चल पाये.

4. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद विसरा रिपोर्ट का इंतजार. इस रिपोर्ट से यह पता चल पाएगा कि शरीर में जहर की मात्रा तो नहीं है.

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आते ही बुराड़ी मामले में बड़े खुलासे होंगे.

वे राज, जो अब भी राज ही हैं :

1. किसने देखा पहले?

11 लोगों के इस परिवार को फांसी का फंदा लगाकर झूलते हुए...

Burari case सिर्फ अंधविश्वास में फंसकर की गई आत्महत्या का मामला है या फिर किसी ने बहुत ही चालाकी के साथ 11 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है? 1 जुलाई की वो सुबह कोई कैसे भूल सकता है, जब दिल्ली के बुराड़ी में स्थित एक ही घर में परिवार के 11 लोग फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुके थे. कुछ के हाथ बंधे थे. आंखों और मुंह पर पट्टी बंधी हुई थी. घर से कुछ रजिस्टर भी मिले हैं, जिसमें बहुत सारी बातें लिखी हैं. यूं तो रजिस्टर में लिखी बातों से कई रहस्यों से पर्दा उठ चुका है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही रहा कि कहीं ये सब किसी की सोची समझी साजिश तो नहीं. खैर, 10 शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (postmortem report) आ गई है. आइए जानते है यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट इस केस से पर्दा हटाने में क्‍या भूमिका निभा पाएगी-

1. फंदे पर लटके मिले भाटिया परिवार के सभी 10 मौते फांसी लगने के कारण हुई है. शरीर पर चोट का कोई निशान नही हैं. साफ है कि सभी लोगो ने फांसी लगाकर खुदकुशी की है.

2. घर की सबसे बुजुर्ग महिला नारायणी देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है. नारायणी देवी की बॉडी कमरे में जमीन पर पड़ी मिली थी. इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी डॉक्टर्स की राय मेल नही खा रही है.

3. डॉक्टर्स की टीम एक बार फिर आपस मे नारायणी देवी के केस पर चर्चा करके फाइनल रिपोर्ट देगी. जिससे नारायणी देवी की मौत की असल वजह पता चल पाये.

4. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद विसरा रिपोर्ट का इंतजार. इस रिपोर्ट से यह पता चल पाएगा कि शरीर में जहर की मात्रा तो नहीं है.

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आते ही बुराड़ी मामले में बड़े खुलासे होंगे.

वे राज, जो अब भी राज ही हैं :

1. किसने देखा पहले?

11 लोगों के इस परिवार को फांसी का फंदा लगाकर झूलते हुए सबसे पहले उनके एक पड़ोसी ने देखा था. 11 में से 10 लोगों के शव फांसी के फंदे से झूलते मिले थे, जिनमें से 8 की आंखों पर पट्टी बंधी थी. 11वां शव 77 साल की महिला नारायणी देवी का था, जो परिवार की मुखिया थीं. उनका शव फर्श पर पड़ा था. अन्य मरने वालों में नारायणी देवी के दो बेटे ललित (42) और भूपी (46), उनकी बेटी प्रतिभा (60), बहुएं सविता (42) और टीना (38), पोतियां प्रियंका (30), नीतू (24) और मीनू (22), पोता ध्रुव (15) और शिवम (15) थे.

2. आंखों पर पट्टी और बंधे हाथ

जिस तरह से शव लटके थे, आंखों पर पट्टी बंधी थी, उनके हाथ बंधे थे, मुंह बंधे थे... इन सब ने पुलिस वालों के अंदर एक शक पैदा किया है कि तंत्र-मंत्र या किसी अंधविश्वास में पड़कर ऐसा किया गया है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चोरी की संभावना को पूरी तरह से नकार दिया है. सीसीटीवी फुटेज से भी यह साफ हो गया है कि उस घर के आस-पास ऐसा कुछ संदेह जनक नहीं हुआ है, जो चोरी की ओर इशारा करे. फिर ये सभी हाथ किसने बांधे और सबसे आखिर में किसने मौत को गले लगाया ?

इस मामले में तंत्र-मंत्र या किसी अंधविश्वास होने की बात भी सामने आ रही है.

3. रहस्यमयी नोट्स

1 जून की रात को पुलिस को बुराड़ी केस में कुछ रजिस्टर मिले जो आने वाले दिनों में इस केस का रुख ही बदल सकते हैं. इन रजिस्टर के बारे में शुरुआती रिपोर्ट के हिसाब से वह एक तरह की डायरी हैं, जिसमें परिवार का ही कोई सदस्य रोज की बातें लिखा करता था. इन रजिस्टर में जो सबसे खतरनाक पोस्ट मिली थी, उनमें पूरे परिवार के लोगों के मरने के तरीके को डीटेल में लिखा गया था.

4. भगवान से एक मीटिंग

इन रजिस्टर में भगवान से मिलने और मोक्ष प्राप्ति की बात भी की गई है. 26 जून को लिखे गए इस नोट (पत्र) में लिखा था- 30 जून को भगवान से मिलना है. दूसरे नोट में लिखा है- स्टूल का इस्तेमाल करते हुए हाथ, आंख और मुंह बांधने से मोक्ष प्राप्ति में मदद मिलेगी. अभी तक संदेह जताया जा रहा है कि ये नोट्स नारायनी देवी के छोटे बेटे ललित ने लिखे हैं. पुलिस को इस बात का भी शक है कि ललित ने यह सब उन सपनों को आधार बनाते हुए किया है, जिसमें उसके स्वर्गीय पिता उससे बात किया करते थे.

5. कोई और भी है शामिल?

बुराड़ी मामले में पिछले ही सप्ताह पुलिस ने गीता नाम की एक महिला से कुछ सवाल-जवाब किए हैं, जिसके इस केस में शामिल होने का शक है. यहां आपको बता दें कि भाटिया परिवार के घर में जो 11 पाइप एक रहस्य बने हुए हैं, गीता उन पाइपों को लगाने वाले राजमिस्त्री की बेटी हैं.

घर में 11 पाइप लगाने वाले राजमिस्त्री की बेटी से भी पुलिस ने पूछताछ की है.

इन सवालों के जवाब भी बाकी :

- मरने वालों में दो छोटे बच्चे भी थे. तो क्या उन्होंने भी बिना कोई शोर किए चुपचाप फांसी लगा ली?

- घर का दरवाजा अंदर से बंद नहीं था. तो क्या उन्होंने दरवाजा जानबूझकर खुला रखा था ?

- कौन-कैसे मरेगा, ये सब पहले से लिखा हुआ था. सवाल ये है कि आखिर ये घर के ही किसी सदस्य ने लिखा था या फिर किसी तांत्रिक या बाबा ने?

लग रहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने से 11 मौतों का राज खुल जाएगा. लेकिन, लगता है कि इन मौतों का मंजर जितना खौफनाक था, उतना ही उसका राज भी उतना ही खौफनाक है.

ये भी पढ़ें-

Shared psychotic disorder : जिसकी एडवांस स्टेज बुराड़ी कांड को जन्म देती है

आत्महत्या करने वाला भाटिया परिवार अब पड़ोसियों को डरा रहा है!

Burari Death mystery: अकेले शहर में इकट्ठे 11 मौत !


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲