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Bulli Bai app की साजिश एक औरत ने रची! पुरुष होने के नाते कुछ कहा नहीं जा रहा है...

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 जनवरी, 2022 02:57 PM
  • 05 जनवरी, 2022 02:57 PM
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बुल्ली बाई ऐप विवाद के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से एक महिला को हिरासत में लिया है जिसे मामले का मुख्य अभियुक्त बताया जा रहा है. घटना की वजह वो नफरत है जो इन दिनों दो समुदायों के बीच है. साफ़ है कि सिर्फ नफरत के चलते एक महिला का अन्य महिलाओं को यूं इस तरह बदनाम करना कई मायनों में शर्मनाक है.

1 जनवरी 2022. कोरोना के चलते उदासी भरे इस दौर में साल का पहला दिन. नए साल के रंगों में रंगी दुनिया जहां एक दूसरे को मुबारकबाद देने के लिए बेताब थी और एक से एक क्रिएटिव आइडियाज का सहारा ले रही थी. यहां हिंदुस्तान में साल के पहले दिन भी दो समुदायों के बीच की नफरत अपने चरम पर थी. हिंदू मुस्लिम बदस्तूर खेला जा रहा था. बुल्ली बाई नाम की ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों की नीलामी चल रही थी. जैसे ही ये खबर वाया इंटरनेट हमारे पास आई अलग अलग बातें होनी शुरू हो गईं और उन बातों में भी दिलचस्प ये कि एक बड़ा वर्ग था जिसका मानना था कि इस घिनौनी साजिश को अंजाम देने वाले यकीनन लड़के होंगे जिनका ब्रेन वॉश करके नफ़रत भर दिया गया है.

अच्छा क्योंकि मामला ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर और उसकी नीलामी से जुड़ा था. मर्द इसे देख रहे थे. मर्द इसपर बोलियां लगा रहे थे तो एक बार को ये बात सही भी लगी कि साजिश को अंजाम तक ले जाने के लिए लड़कों ने ही दिमाग लगाया है. मामले के मद्देनजर शरारती लड़कों' की लानत मलामत चल ही रही थी ऐसे में जो खुलासा उत्तराखंड पुलिस ने किया है वो विचलित करता है.

बुल्लीबाई ऐप के जरिये एक महिला का अन्य महिलाओं को बदनाम करना शर्मनाक है

पुलिस के अनुसार बुल्ली बाई साजिश एक औरत के दिमाग का फितूर है. अब जबकि मामला सामने आ गया है तो कहना गलत नहीं है कि पुरुष होने के नाते कुछ कहा नहीं जा रहा है.

जी हां उपरोक्त बातें भले ही विचलित कर दें लेकिन ये एक ऐसा सच है जिसे नकारा नहीं जा सकता. ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर मुखर होकर अपने मन की बात कहने वाली 100 जानी मानी मुस्लिम महिलाओं का रवैया उत्तराखंड की एक युवती को अच्छा नहीं लगा फिर अपने एक साथी के साथ मिलकर उसने एक ऐसी साजिश को अंजाम दिया जिसे आज हम बुल्ली बाई ऐप...

1 जनवरी 2022. कोरोना के चलते उदासी भरे इस दौर में साल का पहला दिन. नए साल के रंगों में रंगी दुनिया जहां एक दूसरे को मुबारकबाद देने के लिए बेताब थी और एक से एक क्रिएटिव आइडियाज का सहारा ले रही थी. यहां हिंदुस्तान में साल के पहले दिन भी दो समुदायों के बीच की नफरत अपने चरम पर थी. हिंदू मुस्लिम बदस्तूर खेला जा रहा था. बुल्ली बाई नाम की ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों की नीलामी चल रही थी. जैसे ही ये खबर वाया इंटरनेट हमारे पास आई अलग अलग बातें होनी शुरू हो गईं और उन बातों में भी दिलचस्प ये कि एक बड़ा वर्ग था जिसका मानना था कि इस घिनौनी साजिश को अंजाम देने वाले यकीनन लड़के होंगे जिनका ब्रेन वॉश करके नफ़रत भर दिया गया है.

अच्छा क्योंकि मामला ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर और उसकी नीलामी से जुड़ा था. मर्द इसे देख रहे थे. मर्द इसपर बोलियां लगा रहे थे तो एक बार को ये बात सही भी लगी कि साजिश को अंजाम तक ले जाने के लिए लड़कों ने ही दिमाग लगाया है. मामले के मद्देनजर शरारती लड़कों' की लानत मलामत चल ही रही थी ऐसे में जो खुलासा उत्तराखंड पुलिस ने किया है वो विचलित करता है.

बुल्लीबाई ऐप के जरिये एक महिला का अन्य महिलाओं को बदनाम करना शर्मनाक है

पुलिस के अनुसार बुल्ली बाई साजिश एक औरत के दिमाग का फितूर है. अब जबकि मामला सामने आ गया है तो कहना गलत नहीं है कि पुरुष होने के नाते कुछ कहा नहीं जा रहा है.

जी हां उपरोक्त बातें भले ही विचलित कर दें लेकिन ये एक ऐसा सच है जिसे नकारा नहीं जा सकता. ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर मुखर होकर अपने मन की बात कहने वाली 100 जानी मानी मुस्लिम महिलाओं का रवैया उत्तराखंड की एक युवती को अच्छा नहीं लगा फिर अपने एक साथी के साथ मिलकर उसने एक ऐसी साजिश को अंजाम दिया जिसे आज हम बुल्ली बाई ऐप के नाम से जान रहे हैं.

मामले ने शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी तक को आश्चर्य में डाल दिया है. प्रियंका ने ट्वीट किया है कि इस ऑनलाइन उत्पीड़न के पीछे एक महिला का होना यह दुखद है. एक महिला का अन्य महिलाओं को नीचा दिखाने के उद्देश्य से परेशान करना मेरी सोच से परे हैं. लेकिन हां, नफरत का सेवन करने वाले सभी यही कर सकते हैं.

बात बुल्ली बाई ऐप के कंटेंट की हो तो. इसमें वो महिलाएं जिनकी नीलामी हो रही है उनके खिलाफ अपमानजनक और अभद्र बातें लिखी गईं हैं. ऐप का कंटेंट और उत्तराखंड से गिरफ्तार हुई युवती, यदि हम इन दोनों को देखें और इनका अवलोकन करें तो हैरत होती है. और सवाल उठता है कि किसी धर्म को लेकर ऐसी भी क्या नफरत कि एक महिला ही दूसरी महिला की अस्मिता की दुश्मन बन जाए.

ज्ञात हो कि मुंबई साइबर पुलिस ने 'बुली बाई' मामले की मुख्य आरोपी महिला को उत्तराखंड से हिरासत में लिया है, जबकि बेंगलुरु के 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को पहले ही इस मामले के मद्देनजर गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस के अनुसार हिरासत में ली गई महिला इस मामले में मुख्य आरोपी है. जिसे ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा और इसके बाद मुंबई लाया जाएगा.

यूं तो बुल्ली बाई ऐप मामला बीते कुछ दिनों से लोगों की जुबान पर था. लेकिन मामले ने जोड़ तब पकड़ा जब अभी बीते दिन ही पुलिस ने बेंगलुरु से 21 साल के विशाल को गिरफ्तार किया था जोकि स्वयं इंजीनियरिंग का छात्र है. मजिस्ट्रेट ने विशाल को 10 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था और पुलिस को उसके परिसरों की तलाशी लेने की भी अनुमति दी थी. पूछताछ के दौरान जो कुछ भी विशाल ने पुलिस को बताया वो चौंका देने वाला है.

पुलिस के मुताबिक, उत्तराखंड की महिला और विशाल एक दूसरे से फेसबुक पर मिले थे और दोनों अच्छे दोस्त हैं जो एक दूसरे के 'टच' में रहते हैं. पुलिस ने ये भी बताया कि मुख्य आरोपी महिला 'बुली बाई' ऐप से जुड़े तीन अकाउंट हैंडल कर रही थी. वहीं जो जानकारी विशाल के संदर्भ में आई है उसके अनुसार आरोपी विशाल कुमार ने खालसा सुप्रीमिस्ट नाम से अकाउंट बनाया था जिसे बाद में उसने बदल दिया.

गौरतलब है कि अभी बीते दिनों ही पुलिस को ये शिकायत मिली कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें बुल्ली बाई ऐप पर नीलामी के लिए लिस्टेड किया गया है. साइबर सेल ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की.

ध्यान रहे ये कोई पहली बार नहीं था जब इस तरह लड़कियों की तस्वीरों से छेड़छाड़ या उन्हें नीलाम करने का कोई मामला सामने आया है. कुछ माह पहले ही हमने सुल्ली डील्स के बारे में सुना था और उसने भी खूब लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था.

बहरहाल बात बुल्ली बाई ऐप की हो रही है और साथ ही जिक्र उस महिला का भी हो रहा है जिसे पुलिस ने मुख्य अभियुक्त घोषित कर दिया है. तो वाक़ई ये देखकर आश्चर्य होता है कि आज नफरत हम पर कुछ इस हद तक हावी हो गयी है कि अब एक महिला ही दूसरी महिला की दुश्मन बन उसकी इज्जत तार तार करने पर तुली है. 

हमें इस बात को समझना होगा कि कहीं इस नफरत के चक्कर में हम इंसान की खाल में छिपे भेड़िये तो नहीं बन गए हैं? यदि ऐसा है तो स्थिति कई मायनों में चिंताजनक है और साथ ही हमें कहीं न कहीं भविष्य के खतरे भी बताती नजर आ रही है. कुल मिलाकर कहा यही जा सकता है कि नफरत की आड़ लेकर जो एक महिला ने अन्य महिलाओं के साथ किया वो सिर्फ और सिर्फ शर्मनाक है.

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