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Bulli Bai App मामले में तीन गिरफ्तारियां, आरोपियों के बारे में ये पता चला है...

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 06 जनवरी, 2022 01:20 PM
  • 06 जनवरी, 2022 01:20 PM
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बुल्‍ली बाई एप मामले (Bulli Bai App Case) में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने अब तक तीन गिरफ्तारियां की हैं. इनमें से दो लोगों को उत्तराखंड और एक को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है.

ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट GitHub पर बनाई गई बुल्‍ली बाई एप मामले (Bulli Bai App Case) में मुंबई पुलिस ने अब तक तीन गिरफ्तारियां की हैं. इनमें से दो लोगों को उत्तराखंड और एक को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, सुल्ली डील्स एप की तरह ही बुल्ली बाई एप को भी गिटहब पर ही बनाया गया था. इस बुल्ली बाई एप के जरिये कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को आपत्तिजनक तरीके से दिखाते हुए उनकी नीलामी के लिए डाला गया था. बुल्ली बाई एप में खासतौर से उन महिलाओं को निशाना बनाया गया था, जो सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर एक्टिव रहती हैं और अपनी बेबाक राय रखती हैं. एक मुस्लिम महिला पत्रकार ने बुल्ली बाई एप पर अपनी तस्वीर के बारे में जानकारी मिलने के बाद दिल्ली साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. आइए जानते हैं कि बुल्ली बाई एप मामले में गिरफ्तार लोगों के बारे में सामने आई जानकारियां...

बुल्ली बाई एप के जरिये कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को आपत्तिजनक तरीके से दिखाते हुए उनकी नीलामी के लिए डाला गया था.

कौन है विशाल झा?

महाराष्ट्र पुलिस ने बुल्ली बाई एप मामले में सबसे पहले बेंगलुरु से 21 साल वर्षीय विशाल कुमार झा नाम के एक इंजीनियरिग छात्र को गिरफ्तार किया था. कर्नाटक में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे विशाल कुमार को 10 जनवरी तक मुंबई पुलिस की रिमांड में भेज दिया गया है. गिरफ्तार किए जाने के बाद मुंबई पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में विशाल झा ने उत्तराखंड में रहने वाली श्वेता सिंह का नाम लिया था. पूछताछ में सामने आया था कि विशाल कुमार झा ने खालसा सुपरिमेसिस्ट नाम से एक अकाउंट बनाया था. इसके साथ ही विशाल ने कई अन्य...

ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट GitHub पर बनाई गई बुल्‍ली बाई एप मामले (Bulli Bai App Case) में मुंबई पुलिस ने अब तक तीन गिरफ्तारियां की हैं. इनमें से दो लोगों को उत्तराखंड और एक को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, सुल्ली डील्स एप की तरह ही बुल्ली बाई एप को भी गिटहब पर ही बनाया गया था. इस बुल्ली बाई एप के जरिये कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को आपत्तिजनक तरीके से दिखाते हुए उनकी नीलामी के लिए डाला गया था. बुल्ली बाई एप में खासतौर से उन महिलाओं को निशाना बनाया गया था, जो सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर एक्टिव रहती हैं और अपनी बेबाक राय रखती हैं. एक मुस्लिम महिला पत्रकार ने बुल्ली बाई एप पर अपनी तस्वीर के बारे में जानकारी मिलने के बाद दिल्ली साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. आइए जानते हैं कि बुल्ली बाई एप मामले में गिरफ्तार लोगों के बारे में सामने आई जानकारियां...

बुल्ली बाई एप के जरिये कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को आपत्तिजनक तरीके से दिखाते हुए उनकी नीलामी के लिए डाला गया था.

कौन है विशाल झा?

महाराष्ट्र पुलिस ने बुल्ली बाई एप मामले में सबसे पहले बेंगलुरु से 21 साल वर्षीय विशाल कुमार झा नाम के एक इंजीनियरिग छात्र को गिरफ्तार किया था. कर्नाटक में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे विशाल कुमार को 10 जनवरी तक मुंबई पुलिस की रिमांड में भेज दिया गया है. गिरफ्तार किए जाने के बाद मुंबई पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में विशाल झा ने उत्तराखंड में रहने वाली श्वेता सिंह का नाम लिया था. पूछताछ में सामने आया था कि विशाल कुमार झा ने खालसा सुपरिमेसिस्ट नाम से एक अकाउंट बनाया था. इसके साथ ही विशाल ने कई अन्य फर्जी अकाउंट के नाम भी बदलकर सिख चरमपंथियों के नामों पर रख दिए थे. मुंबई पुलिस इस मामले को पंजाब में हिंसा भड़काने से जोड़कर भी देख रही है. बुल्ली बाई एप मामले में विशाल कुमार झा को सहआरोपी बनाया गया है. बताया जा रहा है कि विशाल झा इस एप पर मुस्लिम महिलाओं की फोटो को एडिट करता था. विशाल के बारे में इसके अलावा और कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है.

कौन है श्वेता सिंह?

बुल्ली बाई एप मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने उत्तराखंड के रुद्रपुर से 18 वर्षीय श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच में पता चला है कि श्वेता सिंह बुल्ली बाई एप से जुड़े तीन अकाउंट को हैंडल कर रही थी. मुंबई पुलिस इसी आधार पर श्वेता सिंह को मास्टमाइंड के तौर पर देख रही है. बताया जा रहा है कि मुंबई बुल्ली बाई एप से कई प्रदेशों के युवाओं के जुड़े होने की संभावना है. श्वेता सिंह को इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए विशाल कुमार झा की निशानदेही पर गिरफ्तार किया गया था. मुंबई पुलिस के अनुसार, विशाल कुमार और श्वेता सिंह फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिये संपर्क में थे. बताया जा रहा है कि श्वेता सिंह ही बुल्ली बाई एप पर मुस्लिम महिलाओं की एडिटेड फोटो अपलोड करती थी. वहीं, श्वेता सिंह के बारे में सामने आया है कि उसके पिता का बीते साल ही कोरोना की वजह से निधन हो गया था. इससे पहले उसकी मां की कैंसर की वजह से मौत हो गई थी. माता-पिता की मौत के बाद श्वेता के घर में एक बड़ी बहन और दो छोटे भाई-बहन हैं.

कौन है मयंक रावत?

मुंबई पुलिस की टीम ने उत्तराखंड के कोटद्वार से मयंक रावत नाम के एक युवक को भी गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि मयंक रावत ने बुल्ली बाई एप के ट्विटर हैंडल से पोस्ट की गईं तस्वीरों को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मयंक रावत दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज में बीएससी का छात्र है. मयंक रावत को भी इस मामले में सहआरोपी बनाया गया है. 

क्या है नेपाल से कनेक्शन?

मुंबई पुलिस ने आशंका जताई है कि बुल्ली बाई एप मामले के तार नेपाल और भारत के अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं. आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्वेता सिंह को बुल्ली बाई एप को हैंडल करने के लिए नेपाल से मैसेज आते थे. बताया गया है कि श्वेता सिंह ने ये काम नेपाल के एक सोशल मीडिया फ्रेंड के कहने पर किया था. जांच दल के सूत्रों के अनुसार, बुल्ली बाई एप मामले में पकड़ी गई श्वेता सिंह ने पूछताछ में जियाउ नाम के एक नेपाली नागरिक से जुड़े होने की बात कही थी. बताया जा रहा है कि जियाउ ही श्वेता को ऐप पर की जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्देश दे रहा था.

जल्द पैसा कमाने का लालच तो, वजह नहीं

बुल्ली बाई एप मामले में फंसी श्वेता सिंह को लेकर उत्तराखंड पुलिस जांच कर रही है कि कहीं परिवार की खराब माली हालत को सुधारने के लिए युवती ने यह गलत रास्ता अख्तियार तो नहीं कर लिया था. संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है, परिवार की परिस्थितियां सुधारने के लिए श्वेता सिंह ने जल्द पैसा कमाने के लालच में इस तरह का कदम उठा लिया हो.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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