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समाज

ससुराल में दुल्हन को क्या-क्या करने की मनाही होती है?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 30 नवम्बर, 2022 07:58 PM
  • 30 नवम्बर, 2022 07:58 PM
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जमाना भले ही बदल गया है मगर कुछ घरों में आज भी नियम-कानून के नाम पर महिलाओं का शोषण होता है. महिलाएं घुटती रहती हैं मगर कुछ कर नहीं पाती हैं.

शादी के बाद नैना सैकड़ों अरमान लिए ससुराल पहुंची. अगले दिन उसे सुबह जल्दी जगा दिया गया. उससे यह बोला गया कि नहाकर नीचे आ जाओ. नैना हैरान थी कि ठंड में इतनी सुबह नहा धोकर तैयार होकर वह क्या करेगी. उसे ससुराल वालों की बात तो माननी ही थी. सुबह उसे भूख लग रही थी, दिन के 11 बज गए मगर उसे खाने को कुछ नहीं मिला. वह नए घर में गई थी किसी से कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. इसी बीच उसकी सासू मां ने कहा कि पूजा हो जाने के बाद औऱ पुरुषों के खा लेने के बाद ही हमारी घर की महिलाएं भोजन करती हैं. नैना के लिए यह एकदम नई बात थी. जब उसके ससुर, पति औऱ देवर ने खाना खा लिया तब जाकर उसे भोजन नसीब हुआ.

जमाना भले ही बदल गया है मगर कुछ घरों में आज भी नियम-कानून के नाम पर महिलाओं को शोषण होता है

ऐसा सिर्फ नैना के साथ नहीं हुआ, कई लड़कियों के साथ ऐसा होता है. जमाना भले ही बदल गया है मगर कुछ घरों में आज भी नियम-कानून के नाम पर महिलाओं का शोषण होता है. महिलाएं घुटती रहती हैं मगर कुछ कर नहीं पाती हैं.

आइए उनपर नजर डालते हैं-

सुबह देरी से जगना

शादी के बाद लड़की को हर हाल में सुबह जल्दी जगना पड़ता है. एक दिन अगर वह देरी से जगती है तो घर की दूसरी महिलाओं का मुंह फूल जाता है. भले ही तबियत खराब हो या वह देरी से सोई हो मगर नई नवेली दुल्हन को देर तक सोना मना होता है.

सबसे पहले खाना खाना

शादी के बाद दुल्हन का सबसे पहले भोजन करना समझो वर्जित है. घर के सारे लोग जब खा लेते हैं उसके बाद ही उसे खाना नसीब होता है. अब अगर उसे भूख लगती है तो बर्दाश्त करना पड़ता है, वरना घर में आए मेहमान औऱ पड़ोसी क्या कहेंगे?

सबसे जल्दी सोना

नवेली बहू सबके सोने के बाद...

शादी के बाद नैना सैकड़ों अरमान लिए ससुराल पहुंची. अगले दिन उसे सुबह जल्दी जगा दिया गया. उससे यह बोला गया कि नहाकर नीचे आ जाओ. नैना हैरान थी कि ठंड में इतनी सुबह नहा धोकर तैयार होकर वह क्या करेगी. उसे ससुराल वालों की बात तो माननी ही थी. सुबह उसे भूख लग रही थी, दिन के 11 बज गए मगर उसे खाने को कुछ नहीं मिला. वह नए घर में गई थी किसी से कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. इसी बीच उसकी सासू मां ने कहा कि पूजा हो जाने के बाद औऱ पुरुषों के खा लेने के बाद ही हमारी घर की महिलाएं भोजन करती हैं. नैना के लिए यह एकदम नई बात थी. जब उसके ससुर, पति औऱ देवर ने खाना खा लिया तब जाकर उसे भोजन नसीब हुआ.

जमाना भले ही बदल गया है मगर कुछ घरों में आज भी नियम-कानून के नाम पर महिलाओं को शोषण होता है

ऐसा सिर्फ नैना के साथ नहीं हुआ, कई लड़कियों के साथ ऐसा होता है. जमाना भले ही बदल गया है मगर कुछ घरों में आज भी नियम-कानून के नाम पर महिलाओं का शोषण होता है. महिलाएं घुटती रहती हैं मगर कुछ कर नहीं पाती हैं.

आइए उनपर नजर डालते हैं-

सुबह देरी से जगना

शादी के बाद लड़की को हर हाल में सुबह जल्दी जगना पड़ता है. एक दिन अगर वह देरी से जगती है तो घर की दूसरी महिलाओं का मुंह फूल जाता है. भले ही तबियत खराब हो या वह देरी से सोई हो मगर नई नवेली दुल्हन को देर तक सोना मना होता है.

सबसे पहले खाना खाना

शादी के बाद दुल्हन का सबसे पहले भोजन करना समझो वर्जित है. घर के सारे लोग जब खा लेते हैं उसके बाद ही उसे खाना नसीब होता है. अब अगर उसे भूख लगती है तो बर्दाश्त करना पड़ता है, वरना घर में आए मेहमान औऱ पड़ोसी क्या कहेंगे?

सबसे जल्दी सोना

नवेली बहू सबके सोने के बाद ही बिस्तर पर जा पाती है. उसके काम ही खत्म नहीं होते हैं. घर की लाइट बंद करने से लेकर रसोई में बर्तन समेटने, गैस सिलेण्डर बंद करने का जिम्मा उसके ऊपर आ पड़ता है.

नेवली दुल्हन मन ही मन घुटती है मगर किसी से कुछ कह नहीं पाती है

बिना पूछे बाहर जाना

घर की बहू बिना किसी के परमिशन के कहीं आ-जा नहीं सकती है. कई बार उसे बाहर कुछ काम होता है फिर भी घऱवाले उसे बाहर निकलने से मना कर देते हैं. कुल मिलाकर उसकी अपनी मर्जी नहीं चलती है.

धीरे से जवाब देना

घर की बहू किसी से कोई भले ही ऊंची आवाज में बात करे मगर उसे हर किसी को धीमी आवाज में ही जवाब देना होता है. वह तेज बोल नहीं सकती, जोर से हंस नहीं सकती. वरना लोग कहेंगे कि फलाने की बहू बहुत तेज है.

हैरानी की बात यह है कि ये नियम कानून बनाने वाली खुद बड़ी-बजुर्ग महिलाएं है. कुछ लोगों को लग सकता है कि इस समय में यह सब कहां होता है? मगर आज भी कस्बों में, गावों में और शहर के कुछ घरों में नई बहू के साथ इस तरह का ही व्यवहार किया जाता है. यकीन ना हो तो जिस लड़की की नई-नई शादी हुई हो उससे पूछकर देख लेना. बाहर से लोग जितना मॉडर्न होने का दिखावा करते हैं अंदर से वे उतने ही पिछड़े हैं...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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