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महंगी होने वाली Beer, नाली में बहाई गई Vodka युद्ध में क्रांति अब शराब की बोतलों से ही होगी!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 01 मार्च, 2022 05:43 PM
  • 01 मार्च, 2022 05:43 PM
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Russia-Ukraine Conflict का खामियाजा बीयर के शौकीनों को चुकाना पड़ रहा है और इसके पीछे जो कारण हैं वो खासे दिलचस्प हैं. वहीं रूस के प्रति अपना विरोध दर्ज करने के लिए वोदका के साथ जो अमेरिकन लास वेगास में कर रहे हैं वो मूर्खता की पराकाष्ठा है. बाकी जैसे हालात हैं, विरोध और समर्थन के नामपर क्रांति अब शराब की बोतलों से होगी.

रूस और यूक्रेन युद्ध एक आम भारतीय के लिए इन देशों में पढ़ रहे बच्चों की फिक्र और दो- चार फेसबुक पोस्ट और ट्वीट्स के अलावा Nato, N और अमेरिका की कड़े शब्दों से ज्यादा कुछ नहीं है. लेकिन वो लोग जरूर परेशान हैं जो शराब और उसमें भी वोदका और बीयर के शौकीन हैं. ऐसे लोगों के लिए मुश्किलों भरा वक़्त है. सवाल होगा क्यों? वजह है 'कीमतें.' माना यही जा रहा है कि रूस- यूक्रेन युध्द का सीधा असर बीयर की कीमतों पर दिख सकता है और वो दिन दूर नहीं है जब भारत में बीयर की कीमतों में हमें जेब को प्रभावित करने वाला इजाफा दिखेगा. हो सकता है कि ये बातें मजाक या फिर अतिशयोक्ति लगें. मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. रूस- यूक्रेन युद्ध के परिदृश्य में बीयर और उसकी कीमतों के तहत जो जानकारियां सामने आई हैं, वो चौंकाने वाली हैं. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से जौ की कीमतों और आपूर्ति पर असर पड़ने की संभावना है, जो मादक पेय पदार्थों में प्रमुख घटक है.

माना जा रहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध बीयर की कीमतों को भी जल्द ही अपनी चपेट में लेगा

पहले ही, रूस-यूक्रेन संघर्ष की कीमत वोदका को चुकानी पड़ी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और कनाडा के कई राज्यो ने रूसी-निर्मित और रूसी-ब्रांडेड स्पिरिट का बहिष्कार करना शुरु कर दिया है. बताते चलें कि रूस दुनिया में जौ का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादन करता है, यूक्रेन विश्व स्तर पर माल्ट के चौथे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में अपनी जगह बनाए हुए है. ऐसे में यदि यह संकट और बढ़ता है, तो वैश्विक जौ की कीमतें बढ़ सकती हैं जिसका सीधा असर हमें बीयर प्राइसिंग में देखने को मिलेगा.

यूं तो भारत भी जौ का उत्पादन करता है और देश में कई ब्रुअरीज केवल जौ के घरेलू उत्पादन पर निर्भर हैं. हालांकि, जौ की वैश्विक कीमतों से घरेलू दरें भी प्रभावित हो सकती...

रूस और यूक्रेन युद्ध एक आम भारतीय के लिए इन देशों में पढ़ रहे बच्चों की फिक्र और दो- चार फेसबुक पोस्ट और ट्वीट्स के अलावा Nato, N और अमेरिका की कड़े शब्दों से ज्यादा कुछ नहीं है. लेकिन वो लोग जरूर परेशान हैं जो शराब और उसमें भी वोदका और बीयर के शौकीन हैं. ऐसे लोगों के लिए मुश्किलों भरा वक़्त है. सवाल होगा क्यों? वजह है 'कीमतें.' माना यही जा रहा है कि रूस- यूक्रेन युध्द का सीधा असर बीयर की कीमतों पर दिख सकता है और वो दिन दूर नहीं है जब भारत में बीयर की कीमतों में हमें जेब को प्रभावित करने वाला इजाफा दिखेगा. हो सकता है कि ये बातें मजाक या फिर अतिशयोक्ति लगें. मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. रूस- यूक्रेन युद्ध के परिदृश्य में बीयर और उसकी कीमतों के तहत जो जानकारियां सामने आई हैं, वो चौंकाने वाली हैं. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से जौ की कीमतों और आपूर्ति पर असर पड़ने की संभावना है, जो मादक पेय पदार्थों में प्रमुख घटक है.

माना जा रहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध बीयर की कीमतों को भी जल्द ही अपनी चपेट में लेगा

पहले ही, रूस-यूक्रेन संघर्ष की कीमत वोदका को चुकानी पड़ी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और कनाडा के कई राज्यो ने रूसी-निर्मित और रूसी-ब्रांडेड स्पिरिट का बहिष्कार करना शुरु कर दिया है. बताते चलें कि रूस दुनिया में जौ का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादन करता है, यूक्रेन विश्व स्तर पर माल्ट के चौथे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में अपनी जगह बनाए हुए है. ऐसे में यदि यह संकट और बढ़ता है, तो वैश्विक जौ की कीमतें बढ़ सकती हैं जिसका सीधा असर हमें बीयर प्राइसिंग में देखने को मिलेगा.

यूं तो भारत भी जौ का उत्पादन करता है और देश में कई ब्रुअरीज केवल जौ के घरेलू उत्पादन पर निर्भर हैं. हालांकि, जौ की वैश्विक कीमतों से घरेलू दरें भी प्रभावित हो सकती हैं. जैसा कि हम बता चुके है युद्ध का खामियाजा बीयर भुगतेगी तो इसकी पुष्टि cnbctv18 की उस रिपोर्ट से हो जाती है.

रिपोर्ट के अनुसार, अगर वैश्विक जौ की आपूर्ति प्रभावित होती है और घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों के साथ चलती हैं, तो जौ की खरीद लागत बढ़ जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि आने वाले वक्त में आपको अपनी पसंदीदा बीयर ऊंची कीमतों पर मिलेगी.

बहरहाल एक तरफ बीयर और आने वाले वक्त में उसकी कीमतों में इजाफा होने से जुड़ी ये बातें हैं दूसरी तरफ अमरीका के शराबी हैं जो रूस - यूक्रेन युद्ध के चलते जो कुछ रशियन वोदका के साथ कर रहे हैं वो विरोध के नाम पर मूर्खता की पराकाष्ठा ही है.

अमेरिका के लास वेगास में रशियन वोदका को नाली में बहाती पियक्कड़ बिरादरी

असल मे संयुक्त राज्य अमेरिका के लास वेगास में रूसी वोदका की बिक्री बढ़ गई है क्योंकि लोग यूक्रेन पर रूस के अटैक का विरोध करने के लिए रूस का माल खरीद रहे हैं? ये बात किसी को भी हैरत में डाल देगी तो आइए पहले माजरा समझें.

संयुक्त राज्य अमेरिका में 'पियक्कड़ों ' ने मानवीय सहायता प्रयासों का समर्थन करने के लिए वो कर दिया है जो हमारी आपकी सोच और कलपना से परे है. पियक्कड़ बिरादरी रूसी आक्रमण के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए नाले में रूसी वोदका को गिरा रही है?

ये कारस्तानी लास वेगास में के एक बार की है. उसी ने अपनी तरह की अनोखी ये शुरूआत की है और इसके वीडियो भी इंटरनेट पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लास वेगास में पियक्कड़ रशियन वोदका को नाली में बहा सकें इसके लिए वो जमकर वोदका खरीद रहे हैं. मामले में दिलचस्प ये कि इस पहल से जो भी पैसे कि लेंगे उसे मानवीय सहायता प्रयासों' के तहत युद्ध से प्रभावित यूक्रेनियों को दिया जाएगा.

बताया ये भी जा रहा है कि लास वेगास में लोग रशियन वोदका का बहिष्कार करते हुए यूक्रेनी शराब के नजदीक आ गए हैं. शायद आपको हैरत हो रूस के बहिष्कार के नाम पर अमेरिकन रशियन वोदका की बोतल को नाली में बहाने के लिए 300 डॉलर तक हंसी खुशी में दान कर दे रहे हैं.

अपनी इस पहल को मानवाधिकार का नाम देते हुए अमेरिकन कुछ भी बता दें लेकिन साफ और एकदम सीधे लेकर में ये मूर्खता की पराकाष्ठा से ज्यादा कुछ नहीं है. अंत में बस इतना ही कि विरोध के नाम पर क्रांति अब शराब की बोतलों से होगी. कुछ उसके लिए महंगी और मुंह मांगी कीमत चुकाएंगे. कुछ उसे पीने के बजाए नाली में बहाएंगे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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