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जानिए, बीयर पीने से लड़कियों को कौन सी ताकत मिलती है

    • प्रियंका ओम
    • Updated: 12 फरवरी, 2018 03:06 PM
  • 12 फरवरी, 2018 03:06 PM
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मनोहर पर्रिकर के बीयर पर बयान के बाद विवाद तेज हो गया है और माना जा रहा है कि अपने अधिकार क्षेत्र में महिलाओं के आ जाने के कारण पुरुष बौखला गए हैं.

गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने कहा 'लड़कियों के बीयर पीने से उन्हें डर लगने लगा है.' मनोहर पर्रिकर का ये कहना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. सत्तासीन पार्टी के विधायक, सांसद और मंत्री कभी कभी तो स्वयं प्रधानमंत्री जी भी ऐसी बहकी बयानबाज़ी करते रहते हैं. ऐसा लगता है सम्पूर्ण भाजपा समुदाय सत्ता के नशे में मदहोश है. लड़कियों के बीयर पीने से मंत्री जी को डर लगता है.

लेकिन आजतक एक भी ऐसी ख़बर नहीं आई कि फलां लकड़ी ने बीयर के नशे में एक लड़के का बलात्कार किया. या उस लड़के को छेड़ दिया. या एक लड़के का पीछा करते हुए सुबह कर दी. इस बयान को सुनकर ऐसा लग रहा है या तो मंत्री जी ख़ुद बीयर के नशे में थे या बीयर के नशे से डरे हुए थे.

मनोहर पर्रिकर के बीयर बयान के बाद बहस और तर्कों का दौर शुरू हो गया है

यह समाज पुरुषों का है. और नशा पुरुषों के अधिकार क्षेत्र में आता है. स्त्री का बीयर पीना मतलब उनके अधिकार क्षेत्र में हमला. एक स्त्री के बीयर सेवन से उनको अपनी सत्ता हिलती हुई मालूम पड़ती है. घर, दफ़्तर, सांसद में बराबरी के बाद बीयर पीने वाली लड़कियों के बिस्तर पर भी बराबरी के हक़ की चाह से वो डरे हुए हैं. ये लड़कियां बीयर के नशे में जब उन्मुक्त हंसती हैं तो उनके पैर तले की ज़मीन हिल जाती है. इस अट्टहास पर अब तक तो मात्र पुरुषों का वर्चस्व था यहां भी स्त्रियों की घुसपैठ. सच तो ये है कि आप लड़कियों के बीयर पीने से नही डरते, बल्कि अपने बराबर खड़े होकर आंख से आंख मिलाकर बात करने से डरते हैं. आप इस बात से डरते हैं कि अब अपना पौरुष किसपर झाड़ेंगे, ये स्त्रियां तो आपके पुरुषत्व के शीशमहल को ढहा रही हैं जिसके भीतर आप नंगे खड़े हैं.

बीयर पीने वाली वो लडकियां होती हैं, जो सुसंस्कृत और शर्मीली लड़कियों की तरह मर्दों की तमाम कुंठाओ को बर्दाश्त नही करती...

गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने कहा 'लड़कियों के बीयर पीने से उन्हें डर लगने लगा है.' मनोहर पर्रिकर का ये कहना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. सत्तासीन पार्टी के विधायक, सांसद और मंत्री कभी कभी तो स्वयं प्रधानमंत्री जी भी ऐसी बहकी बयानबाज़ी करते रहते हैं. ऐसा लगता है सम्पूर्ण भाजपा समुदाय सत्ता के नशे में मदहोश है. लड़कियों के बीयर पीने से मंत्री जी को डर लगता है.

लेकिन आजतक एक भी ऐसी ख़बर नहीं आई कि फलां लकड़ी ने बीयर के नशे में एक लड़के का बलात्कार किया. या उस लड़के को छेड़ दिया. या एक लड़के का पीछा करते हुए सुबह कर दी. इस बयान को सुनकर ऐसा लग रहा है या तो मंत्री जी ख़ुद बीयर के नशे में थे या बीयर के नशे से डरे हुए थे.

मनोहर पर्रिकर के बीयर बयान के बाद बहस और तर्कों का दौर शुरू हो गया है

यह समाज पुरुषों का है. और नशा पुरुषों के अधिकार क्षेत्र में आता है. स्त्री का बीयर पीना मतलब उनके अधिकार क्षेत्र में हमला. एक स्त्री के बीयर सेवन से उनको अपनी सत्ता हिलती हुई मालूम पड़ती है. घर, दफ़्तर, सांसद में बराबरी के बाद बीयर पीने वाली लड़कियों के बिस्तर पर भी बराबरी के हक़ की चाह से वो डरे हुए हैं. ये लड़कियां बीयर के नशे में जब उन्मुक्त हंसती हैं तो उनके पैर तले की ज़मीन हिल जाती है. इस अट्टहास पर अब तक तो मात्र पुरुषों का वर्चस्व था यहां भी स्त्रियों की घुसपैठ. सच तो ये है कि आप लड़कियों के बीयर पीने से नही डरते, बल्कि अपने बराबर खड़े होकर आंख से आंख मिलाकर बात करने से डरते हैं. आप इस बात से डरते हैं कि अब अपना पौरुष किसपर झाड़ेंगे, ये स्त्रियां तो आपके पुरुषत्व के शीशमहल को ढहा रही हैं जिसके भीतर आप नंगे खड़े हैं.

बीयर पीने वाली वो लडकियां होती हैं, जो सुसंस्कृत और शर्मीली लड़कियों की तरह मर्दों की तमाम कुंठाओ को बर्दाश्त नही करती हैं. बल्कि जिस तरह मर्द नशे की ताक़त में झूमते हुए उनपर हमला करने का साहस कर पाते हैं. उसी तरह वो आप पर पलटवार करने वाली साहसी लड़कियां हैं. जो आपकी ही तरह बीयर पीती हैं और नशे में ठहाके लगाती हैं और ज़रूरत पड़ने पर लात मारकर मदहोश मर्द को बिस्तर से नीचे गिरा देती हैं. खुल्लेआम बीयर पीने वाली लड़कियां साहस से भरी हुई हैं.

मुझे याद है एक बार किसी महिला ने रेड वाइन के लिये पूछा और मैंने मना कर दिया. क्योंकि जवाब में मैंने कहा रेड वाइन मुझे इंसानी ख़ून लगती है तो उक्त महिला ने तपाक से कहा, हां मुझे भी लेकिन सिर्फ़ पुरुषों का और इसलिये मुझे रेड वाइन पसंद है. स्त्रियां सिर्फ़ वाइन या वोदका ही नहीं पीती हैं बल्कि रम और विस्की भी पीती हैं. आज की स्त्रियां पुरुषों की तरह शराबी हो गई हैं.

पर्रिकर का मत है कि लड़कियों के बीयर पीने से उन्हें डर लगने लगा है

शराब पीने से अगर ताक़त आती है तो आज की स्त्रियां पुरुषों के समान ताक़तवर हो गई हैं. आज की स्त्रियां पुरुषों से किसी बात में कम नहीं हैं, बल्कि मैं तो कहूंगी पुरुषों से कई गुना बेहतर हैं. घर और बाहर दोनो समान तरीक़े से सम्भालने का हुनर और साहस है आज की स्त्री में. बरसों से दबाई हुई स्त्री आज जब सर उठा रही है तो पितृसत्ता बौखला गई है, हैरान हो गई है क्या करें.

सत्ता असीन सरकार नित नई बयान बाज़ी से स्त्रियों को नीचा दिखाना चाहती है. उनपर अंकुश लगाना चाहती है, उन्हें फिर से ग़ुलाम बनाना चाहती है, अपने पैरों तले रौंदना चाहती है. राम राज्य वाली इस सरकार के शासनकाल में स्त्रियों को सीता की तरह सतीत्व की अग्नि परीक्षा लेने की तैयारियां चल रही हैं. पुरुष कृष्ण की की तरह रास लीला रचायेंगे और स्त्रियां नज़रबंद रहेंगी.

ऐसे सपने पाले जा रहे हैं लेकिन ख़बरदार, आज की स्त्रियां मर्दानी हो रही हैं. जी हां यदि शारीरिक ताक़त, शराब पीना या ज़ोर से हंसना मर्दाना है तो आज की स्त्रियां मर्दानी हो रही है.

पितृसत्ता ज़रा संभाल कर.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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