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जानवरों को मारना 'कुर्बानी' नहीं, इसीलिए ईद और बाकी दिनों मैं वीगन (शाकाहारी) हूं

    • सदा सईद
    • Updated: 10 अगस्त, 2019 01:53 PM
  • 10 अगस्त, 2019 01:53 PM
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बलिदान का अर्थ है ऐसा कुछ त्याग देना जो वास्तव में आपके लिए अनमोल हो- वो जानवर नहीं जिसे आप सिर्फ खरीद कर लाए हैं. हम सभी क्रूरता के बिना और पशु मुक्त हलाल खाने के साथ अपनी धार्मिक परंपराओं का सम्मान कर सकते हैं.

मुझे वीगन मुस्लिम होने पर गर्व है.

(वीगन vegan: शाकाहार के साथ साथ पशु उत्पादों के उपयोग से भी परहेज करने के अभ्यास को veganism कहा जाता है. ऐसे खाने और इसे अपनाने वालों को वीगन कहा जाता है.)

जब मैं एक छोटी बच्ची थी, एक बकरी की कुर्बानी देखने के बाद से ही मैंने मीट खाना बंद कर दिया था. बहुत से बच्चों को घर में बंधी बकरियों से बहुत लगाव हो जाता है. आखिरकार, जानवर प्यारे, शरारती और चंचल होते हैं- बिल्कुल इंसानी बच्चों की तरह. लेकिन जब बच्चों के ये चार पैरों वाले साथी मारे जाते हैं तो बच्चों को आघात लगता है.

इस्लाम में मांस खाने की जरूरत नहीं है. मैंने बहुत ही कम उम्र में ही ये महसूस कर लिया था कि सभी जानवर जीने की इच्छा रखते हैं और कोई भी अपने अंडे, दूध या मांस के लिए शोषित होना या मरना चाहता. इसलिए मैं शाकाहारी बन गई. आज, मैं मुंबई में Earthlings Café नाम से एक वीगन रेस्त्रां चलाती हूं. और दूसरे वीगन और शाकाहारी मुसलमानों की तरह, मैं चैरिटी में अपना समय देकर और शाकाहारी भोजन वितरित करके वो ईद मनाती हूं जिसमें जानवरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है.

जानवर भी बिल्कुल इंसानी बच्चों की तरह प्यारे, शरारती और चंचल होते हैं

पैगंबर मोहम्मद ने शांति और जानवरों के लिए दया की बात कही थी. उनकी ये चिंता हदीसों और सुन्नत में साफ-तौर पर स्पष्ट है. कुरान के 6 अध्याय जानवरों के नाम पर हैं- शाकाहारी होना इस्लाम के सिद्धांतों के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है.

आखिरकार, जानवरों के साथ की जाने वाली क्रूरता भी उतना ही बड़ा पाप मानी जाती है जितनी मनुष्यों के साथ की गई क्रूरता. "एक जानवर के साथ किया गया अच्छा व्यवहार उतना ही सराहनीय है जितना कि एक इंसान के लिए किया गया एक अच्छा काम, जबकि एक जानवर के...

मुझे वीगन मुस्लिम होने पर गर्व है.

(वीगन vegan: शाकाहार के साथ साथ पशु उत्पादों के उपयोग से भी परहेज करने के अभ्यास को veganism कहा जाता है. ऐसे खाने और इसे अपनाने वालों को वीगन कहा जाता है.)

जब मैं एक छोटी बच्ची थी, एक बकरी की कुर्बानी देखने के बाद से ही मैंने मीट खाना बंद कर दिया था. बहुत से बच्चों को घर में बंधी बकरियों से बहुत लगाव हो जाता है. आखिरकार, जानवर प्यारे, शरारती और चंचल होते हैं- बिल्कुल इंसानी बच्चों की तरह. लेकिन जब बच्चों के ये चार पैरों वाले साथी मारे जाते हैं तो बच्चों को आघात लगता है.

इस्लाम में मांस खाने की जरूरत नहीं है. मैंने बहुत ही कम उम्र में ही ये महसूस कर लिया था कि सभी जानवर जीने की इच्छा रखते हैं और कोई भी अपने अंडे, दूध या मांस के लिए शोषित होना या मरना चाहता. इसलिए मैं शाकाहारी बन गई. आज, मैं मुंबई में Earthlings Café नाम से एक वीगन रेस्त्रां चलाती हूं. और दूसरे वीगन और शाकाहारी मुसलमानों की तरह, मैं चैरिटी में अपना समय देकर और शाकाहारी भोजन वितरित करके वो ईद मनाती हूं जिसमें जानवरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है.

जानवर भी बिल्कुल इंसानी बच्चों की तरह प्यारे, शरारती और चंचल होते हैं

पैगंबर मोहम्मद ने शांति और जानवरों के लिए दया की बात कही थी. उनकी ये चिंता हदीसों और सुन्नत में साफ-तौर पर स्पष्ट है. कुरान के 6 अध्याय जानवरों के नाम पर हैं- शाकाहारी होना इस्लाम के सिद्धांतों के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है.

आखिरकार, जानवरों के साथ की जाने वाली क्रूरता भी उतना ही बड़ा पाप मानी जाती है जितनी मनुष्यों के साथ की गई क्रूरता. "एक जानवर के साथ किया गया अच्छा व्यवहार उतना ही सराहनीय है जितना कि एक इंसान के लिए किया गया एक अच्छा काम, जबकि एक जानवर के साथ क्रूरता उतनी ही बुरी है जितनी कि एक इंसान के साथ.''(मिश्कात अल-मसाबिह; किताब 6; अध्याय 7, 8:178)

पैगंबर मुहम्मद ने जानवरों की पिटाई और ब्रांडिंग की निंदा की थी. उन्होंने उन लोगों को सही रास्ता दिखाया जिन्होंने जानवरों के साथ दुर्व्यवहार किया. खेल और मनोरंजन के लिए जानवरों का शिकार करना और उनकी हत्या करना भी प्रतिबंधित है. और अगर पशु क्रूरता का शिकार होता है तो उसके मांस को घृणित माना जाता है.

इस्लाम में मंद चाकू और जानवरों का एक-दूसरे को देखना इस्लाम में प्रतिबंधित है, लेकिन आजकल बूचड़खानों में आम है. बुखारी और मुस्लिम संग्रह में कहा गया है कि "जो कोई भी ईश्वर की रचना के प्रति दयालु है, वह खुद के प्रति दयालु है"

यह बात बिल्कुल सच है- स्वादिष्ट वीगन खाना खाने से किसी का जीवन नहीं जाता. इससे सेहत बनती है और स्वास्थ में सुधार हो सकता है और घातक बीमारियां जैसे कैंसर, डायबिटीज़, हृदय रोग, मोटापा और स्ट्रोक आदि के खतरे को कम करता है. पशुओं का भक्षण करने से किसी को भी एवियन फ्लू और अन्य संभावित घातक बीमारियों का जोखिम होता है जो जानवरों को गंदी, अस्वच्छ और भीड़-भाड़ वाले कारखानों में रखने की वजह से उपजते हैं.

आज, पर्यावरण वैज्ञानिक हमें चेतावनी देते हैं कि मांस, अंडा और डेयरी उत्पादन पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं. हर साल अरबों जानवरों की फार्मिंग से इतनी ग्रीनहाउस-गैस का उत्सर्जन होता है जितना कि पूरे विश्व के परिवहन उद्योग से. हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि मांस और डेयरी कंपनियां तेल उद्योग को पछाड़ते हुए दुनिया के सबसे बड़े प्रदूषक के रूप में स्थापित हो जाएंगी.

वीगन होना जलवायु परिवर्तन को रोक सकता है

और इसीलिए संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए वीगन आहार की दिशा में एक वैश्विक बदलाव का आह्वान किया है. ये जलवायु परिवर्तन भारत में पहले से ही पानी की कमी, गंभीर बाढ़, अत्यधिक गर्मी, सूखे, समुद्र के बढ़ते स्तर के रूप में तबाही फैला रहा है.

वास्तव में, अगर हर कोई वीगन हो जाता है तो हम वैश्विक ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन में 70% की कटौती कर सकते हैं और 2050 तक जानवरों के उपभोग से जुड़ी बीमारियों से होने वाली 8 मिलियन से अधिक मौतों को रोक सकते हैं.

बलिदान का अर्थ है ऐसा कुछ त्याग देना जो वास्तव में आपके लिए अनमोल हो- वो जानवर नहीं जिसे आप सिर्फ खरीद कर लाए हैं. हम सभी क्रूरता के बिना और पशु मुक्त हलाल खाने के साथ अपनी धार्मिक परंपराओं का सम्मान कर सकते हैं.

बिरयानी और मसूर पुलाव सोया के स्वादिष्ट शाकाहारी मीट के साथ बनाएं. और शीर कोरमा बनाने के लिए बादाम, सोया, या नारियल के दूध का उपयोग करने की कोशिश करें. वीगन व्यंजन के लिए इन दिनों ऑनलाइन बहुत सारी चीजें उपलब्ध हैं, जो ईद पर बनाई जाने वाले व्यंजनों को भी वीगन, सरल और मजेदार बना देती हैं.

सभी को ईद मुबारक !

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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