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अनुपमा शो ने साबित किया हर पति 'वनराज' जैसा होता है और अनुज जैसे सिर्फ कल्पनाओं में होते हैं!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 29 मार्च, 2023 06:07 PM
  • 29 मार्च, 2023 06:07 PM
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अनुपमा शो को पहले देखकर तसल्ली मिलती थी कि चलो वनराज जैसे लोग हैं तो अनुज जैसे भी तो हैं. मगर फिलहाल जो कुछ शो में दिखाया जा रहा है उस हिसाब से तो रियल दुनिया में अनुज जैसे अच्छे किरदार का अस्तित्व ही नहीं है. सच में ऐसा सीरियल में ही हो सकता है, क्योंकि असल दुनिया में लोग इतनी जल्दी अनुज से वनराज नहीं बन जाते. आपका क्या कहना है?

अनुपमा (Anupama) शो में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है. सीरियल में आदर्श पति कहलाने वाला अनुज जो बदल गया है. जो अपनी पत्नी अनुपमा की एक बात नहीं टालता था आज वह उसकी कोई बात नहीं सुन रहा है. शो के बाकी किरदार अनुज के नाम की माला जपते थे. उसे अच्छा इंसान समझते थे मगर सच्चाई यह है कि अनुज भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा.

चलिए शुरु से बात करते हैं. असल में शो की शुरुआत में दिखाया गया था कि अनुपमा एक हाउस वाइफ है जो कम पढ़ी-लिखी है. जिसका पति उसे पसंद नहीं करता है. सास ताने मारती है. घर के कई सदस्य उसे गंवार समझते हैं. उसके बच्चों को उसे मां कहने में शर्म आती है. वह सिर्फ घर-गृहस्थी में खोई रहती है. वह घर को ही अपनी दुनिया मानती है. वह अपने परिवार के सदस्यों की छोटी से छोटी बात का ख्याल रखती है. मगर बदले में वह छोटी से छोटी खुशी के लिए तरसती है. वह किसी के लिए एक इंसान के रूप में मायने ही नहीं रखती है. उसका काम सिर्फ यही है कि वह घर का औऱ घरवालों का ख्याल रखे. उसका पति वनराज उसे कुछ नहीं समझता है. वह ऑफिस की सहकर्मी काव्या संग अफेयर कर लेता है और अनुपमा को धोखा दे देता है. अनुपमा धोखे से सदमें में चली जाती है मगर जैसे तैसे हिम्मत करके अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करती है.

इसके बाद उसकी मुलाकात अनुज कपाड़िया से होती है. वह अनुज कपाड़िया जो उसे कॉलेज के दिनों से एकतरफा प्यार करता है. अनुपमा उससे दूसरी शादी कर नई दुनिया बसाती है. यहीं से कहानी नया मोड़ लेती है. शो में अनुज के किरदार को एक दम परफेक्ट दिखाया गया है. जैसे वह महिलाओं की इज्जत करता है. अनुपमा से सच्ची मोहब्बत करता है. अपने बाकी रिश्तों को भी बखूबी निभाता है. वह सबकी केयर करता है. वह काफी डिसेंट है. वह इतना बड़ा बिजनेस मैन है मगर उसके अंदर मेल इगो नहीं है. वह अनुपमा का का साथ देता है औऱ उसका दिल जीत लेता है. वह अनुपमा के साथ रसोई में काम करता है. घर के कामों में उसकी मदद करता है. उसका सम्मान करता है. अपने फैसलों में उसकी राय लेता है. और सबसे बड़ी बात कि वह अनुपमा...

अनुपमा (Anupama) शो में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है. सीरियल में आदर्श पति कहलाने वाला अनुज जो बदल गया है. जो अपनी पत्नी अनुपमा की एक बात नहीं टालता था आज वह उसकी कोई बात नहीं सुन रहा है. शो के बाकी किरदार अनुज के नाम की माला जपते थे. उसे अच्छा इंसान समझते थे मगर सच्चाई यह है कि अनुज भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा.

चलिए शुरु से बात करते हैं. असल में शो की शुरुआत में दिखाया गया था कि अनुपमा एक हाउस वाइफ है जो कम पढ़ी-लिखी है. जिसका पति उसे पसंद नहीं करता है. सास ताने मारती है. घर के कई सदस्य उसे गंवार समझते हैं. उसके बच्चों को उसे मां कहने में शर्म आती है. वह सिर्फ घर-गृहस्थी में खोई रहती है. वह घर को ही अपनी दुनिया मानती है. वह अपने परिवार के सदस्यों की छोटी से छोटी बात का ख्याल रखती है. मगर बदले में वह छोटी से छोटी खुशी के लिए तरसती है. वह किसी के लिए एक इंसान के रूप में मायने ही नहीं रखती है. उसका काम सिर्फ यही है कि वह घर का औऱ घरवालों का ख्याल रखे. उसका पति वनराज उसे कुछ नहीं समझता है. वह ऑफिस की सहकर्मी काव्या संग अफेयर कर लेता है और अनुपमा को धोखा दे देता है. अनुपमा धोखे से सदमें में चली जाती है मगर जैसे तैसे हिम्मत करके अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करती है.

इसके बाद उसकी मुलाकात अनुज कपाड़िया से होती है. वह अनुज कपाड़िया जो उसे कॉलेज के दिनों से एकतरफा प्यार करता है. अनुपमा उससे दूसरी शादी कर नई दुनिया बसाती है. यहीं से कहानी नया मोड़ लेती है. शो में अनुज के किरदार को एक दम परफेक्ट दिखाया गया है. जैसे वह महिलाओं की इज्जत करता है. अनुपमा से सच्ची मोहब्बत करता है. अपने बाकी रिश्तों को भी बखूबी निभाता है. वह सबकी केयर करता है. वह काफी डिसेंट है. वह इतना बड़ा बिजनेस मैन है मगर उसके अंदर मेल इगो नहीं है. वह अनुपमा का का साथ देता है औऱ उसका दिल जीत लेता है. वह अनुपमा के साथ रसोई में काम करता है. घर के कामों में उसकी मदद करता है. उसका सम्मान करता है. अपने फैसलों में उसकी राय लेता है. और सबसे बड़ी बात कि वह अनुपमा को समझता है, उसे अपनी बराबरी का हक देता है. वह उसे कंपनी में भी बराबर का अधिकार देता है. वह कहता है कि तुम अपने फैसले खुद ले सकती हो, तुम्हें कुछ करने के लिए मेरी परमिशन की जरूरत नहीं है.

रियल दुनिया में अनुज जैसे अच्छे किरदार का अस्तित्व ही नहीं है

कुल मिलाकर वह लड़कियों के सपनों के राजकुमार की तरह है. जो हर तरफ आदर्श पति है. असल जिंदगी में भी लड़कियां अनुज जैसा ही लाइफ पार्टनर तो चाहती हैं. शो में भी अनुज के किरदार की हमेशा तारीफ होता रहती है. उसे परफेक्ट पति का टैग दिया गया है. बाकी के कपल अनुज और अनुपमा की जोड़ी को आदर्श मानते हैं. मगर अफसोस कि अनुज भी वनराज की तरह निकला.

अब हाल फिलहाल के एपिसोड में जिस अनुज को दिखाया जा रहा है वह तो 'आदर्श पति' के टैग से काफी अलग है. मतलब जिस अनुज के गुणगान होते थे वह अनुपमा के साथ वनराज की तरह व्यवहार कर रहा है. वह छोटी अनु के जाने का दोष अनुपमा के सिर मढ़ रहा है. वह अनुपमा पर बार-बार इल्जाम लगा रहा है. वह अनुपमा पर चिल्ला रहा है. वह अनुपमा को अनाप-शनाप बोल रहा है. अंत में वह अनुमपा का साथ छोड़ दे रहा है औऱ तलाक की बात कर रहा है.

मतलब जिस अनुपमा से वह इतना प्यार करता था जिसका हमेशा साथ देने की बात करता था उस अनुपमा से वह नफरत कर रहा है. वह कह रहा है कि अनुपमा के साथ उसका दम घुटता है. वह कह रहा है कि अनुपमा के साथ उसे सांस नहीं आती है. जिस अनुपमा को वह देवी समझता है आज वह उसके लिए एक झटके में पापिन हो गई. जिस वक्त उसे अनुपमा का साथ देना चाहिए वह उसे अकेला छोड़कर चला गया. अनुपमा उसके सामने रोती रही, गिड़गिड़ाती रही, शादी की तस्वीरें दिखाती रही, इससे प्यार की भीख मांगती रही मगर उसके ऊपर कोई असर नहीं पड़ा. जिस अनुपमा को अनुज के सामने कोई कुछ बुरा बोल नहीं सकता था वह आज खुद उसे बुरा-भला सुना रहा है.

सच में ऐसा सीरियल में ही हो सकता है, क्योंकि असल दुनिया में लोग इतनी जल्दी अनुज से वनराज नहीं बन जाते. एक तो पहले से ही शो के सारे किरदारों को धोखेबाज औऱ महिलाओं को रोती बिलखती बेचारी दिखाया जा रहा है. कहने का मतलब है कि पहले वनराज अनुपमा को धोखा देता है, फिर उसका बेटा पारितोष अपनी पत्नी किंजल को धोखा देता है, मतलब जैसा बाप वैसा ही बेटे को दिखाया गया है. फिर अनुज का भाई अंकुश अपनी पत्नी बरखा को धोखा देता है, बरखा का भाई अधिक पाखी को शुरुआत में अपने प्यार के जाल में फंसाता है, समर अपनी पहली गर्लफ्रेंड के की हुई सगाई तोड़ लेता है. अनुज की बहन का पति उसे टॉर्चर करता है. इस हिसाब से इस शो के सारे पुरुष विलेन हैं और महिलाएं पीड़ित हैं.

अनुपमा शो को पहले देखकर तसल्ली मिलती थी कि चलो वनराज जैसे लोग हैं तो अनुज जैसे भी तो हैं. मगर फिलहाल जो कुछ शो में दिखाया जा रहा है उस हिसाब से तो रियल दुनिया में अनुज जैसे अच्छे किरदार का अस्तित्व ही नहीं है. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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