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अनुपमा सीरियल अब बंद हो जाना चाहिए, क्या यह शो पुरुष विरोधी है?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 22 मार्च, 2023 08:56 PM
  • 22 मार्च, 2023 08:56 PM
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अनुपमा (Anupama) शो में सारी महिलाएं रोती रहती हैं, अनुपमा की कहानी भी दोबारा उसी मोड़ पर आकर पहुंच गई है जहां से उसने आगे बढ़ने की शुरुआत की थी...अनुज भी अनुपमा पर चिल्ला रहा है, उसे दोष दे रहा है. उससे बात नहीं कर रहा है, उसे ताने मार रहा है. इस शो को देखकर लगता है कि दुनिया का हर पति अत्याचारी और पत्नी बेचारी होती है.

अनुपमा (Anupamaa) में इन दिनों जो देखने को मिल रहा है उसकी दर्शकों ने कल्पना नहीं की थी. जिस अनुज कपाड़िया को आदर्श पति माना जाता था वही अनुज आज अपनी पत्नी पर चिल्ला रहा है. ताने दे रहा है. उसे देख भी नहीं रहा है. वह अपनी बेटी छोटी से दूर होने का इल्जाम अनुपमा के सिर मढ़ रहा है.

जिस अनुज को अनुपमा के बिना रहना नहीं आता था आज उसे अनुपमा के साथ रहने में घुटन हो रही है. वह कह रहा है कि अनुपमा मेरा तुम्हारे साथ दम घुटता है, मुझे सांस नहीं आती है. जिस अनुज के लिए अनुपमा सबकुछ थी आज उसे वह गलत लग रही है. जो अनुज अपनी अनुपमा को प्यार करता था, आगे बढ़ने की हिम्मत देता था, आज वह उससे नफरत कर रहा है. कुल मिलाकर अनुपमा की जिंदगी एक बार फिर उसी मोड़ पर आकर रूक गई है जहां से उसने अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की थी.

असल में इन दिनों शो में दिखाया जा रहा है कि छोटी अनु की बायोलॉजिकल मदर माया उसे अपने साथ लंदन लेकर चली जाती है. अनुपमा, माया को मनाने की बहुत कोशिश करती है मगर खुद छोटी अनु कहती है कि उसे माया के साथ जाना है. अब शर्त के अनुसार, छोटी अनु जिसके साथ रहना चाहेगी उसी के साथ रहेगी. छोटी अनु की बात सुनकर अनुपमा उसकी खुशी चुनती है और माया के साथ जाने देती है.

इसके उलट अनुज यह बात मानने को तैयार नहीं है. वह कहता है कि अनुपमा की गलती से उसकी बेटी उससे दूर हो गई. क्योंकि अनुपमा उसकी सगी मां नहीं है. वह छोटी अनु को समय नहीं दे पाई, उसका ध्यान नहीं रख पाई. वह अनुपमा की एक बात नहीं सुनता है और उसे दोषी करार देता है.

अनुपमा को एक बार फिर से वही दर्द सहना पड़ रहा है

असल में अनुपमा शो के शुरुआत में दिखाया गया था कि अनुपमा कम पढ़ीलिखी घरेलू महिला है जिसकी दुनिया उसका परिवार है. वह परिवार के लिए दिन रात काम करती है. सबका ध्यान...

अनुपमा (Anupamaa) में इन दिनों जो देखने को मिल रहा है उसकी दर्शकों ने कल्पना नहीं की थी. जिस अनुज कपाड़िया को आदर्श पति माना जाता था वही अनुज आज अपनी पत्नी पर चिल्ला रहा है. ताने दे रहा है. उसे देख भी नहीं रहा है. वह अपनी बेटी छोटी से दूर होने का इल्जाम अनुपमा के सिर मढ़ रहा है.

जिस अनुज को अनुपमा के बिना रहना नहीं आता था आज उसे अनुपमा के साथ रहने में घुटन हो रही है. वह कह रहा है कि अनुपमा मेरा तुम्हारे साथ दम घुटता है, मुझे सांस नहीं आती है. जिस अनुज के लिए अनुपमा सबकुछ थी आज उसे वह गलत लग रही है. जो अनुज अपनी अनुपमा को प्यार करता था, आगे बढ़ने की हिम्मत देता था, आज वह उससे नफरत कर रहा है. कुल मिलाकर अनुपमा की जिंदगी एक बार फिर उसी मोड़ पर आकर रूक गई है जहां से उसने अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की थी.

असल में इन दिनों शो में दिखाया जा रहा है कि छोटी अनु की बायोलॉजिकल मदर माया उसे अपने साथ लंदन लेकर चली जाती है. अनुपमा, माया को मनाने की बहुत कोशिश करती है मगर खुद छोटी अनु कहती है कि उसे माया के साथ जाना है. अब शर्त के अनुसार, छोटी अनु जिसके साथ रहना चाहेगी उसी के साथ रहेगी. छोटी अनु की बात सुनकर अनुपमा उसकी खुशी चुनती है और माया के साथ जाने देती है.

इसके उलट अनुज यह बात मानने को तैयार नहीं है. वह कहता है कि अनुपमा की गलती से उसकी बेटी उससे दूर हो गई. क्योंकि अनुपमा उसकी सगी मां नहीं है. वह छोटी अनु को समय नहीं दे पाई, उसका ध्यान नहीं रख पाई. वह अनुपमा की एक बात नहीं सुनता है और उसे दोषी करार देता है.

अनुपमा को एक बार फिर से वही दर्द सहना पड़ रहा है

असल में अनुपमा शो के शुरुआत में दिखाया गया था कि अनुपमा कम पढ़ीलिखी घरेलू महिला है जिसकी दुनिया उसका परिवार है. वह परिवार के लिए दिन रात काम करती है. सबका ध्यान रखती है फिर भी घर में उसकी कोई कीमत नहीं है. बेटा पारितोष औऱ बेटी पाखी को उसपर शर्म आती है. पति को वह गंवार लगती है औऱ सास उसे ताने मारते रहती है.

वह हर बात के लिए पति और सास से परमिशन लेती है. वह दबकर रहती है औऱ परिवार की खुशी के लिए अपनी छोटी-छोटी ख्वाहिशों के दम घोंट देती है. शादी के 25 सालों बाद उसे पता चलता है कि उसका पति उसे 8 सालों से धोखा दे रहा है. उसे पता चलता है कि उसके पति का ऑफिस में काव्या नाम की महिला के साथ अफेयर है. वह टूट जाती है मगर हिम्मत करके आगे बढ़ने की कोशिश करती है.

वह पति वनराज से तलाक लेती है औऱ अपनी जिंदगी को दूसरा मौका देती है. वह स्कूल में बच्चों को कुकिंग क्लास देती है, ऑनलाइन डांस सिखाती है. इस तरह वह कुछ करने की ठानती है. तभी उसकी मुलाकात उसके साथ कॉलेज में पढ़ने वाले अनुज से होती है. जो उसे 26 सालों से एकतरफा प्यार करता है. यहं से उसकी जिंदगी नया मोड़ लेती है. अनुज उसका साथ देता है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है. वह उसके कंपनी में काम करती है फिर दोनों के बीच दोस्ती हो जाती है. काफी रुकावटों के बाद अनुपमा बीती बातें भुलाकर आगे बढ़ती है और अनुज से शादी करके नई जिंदगी की शुरुआत करती है.

अनु के जाने के बाद अनुज ने अनुपमा पर दोष लगाया है

बीच में लगा था कि अनुपमा अपने सपने पूरे कर रही है. आगे बढ़ रही है मगर एक बार फिर उसके कंधों पर मां की जिम्मेदारी आ गई क्योंकि अनुज ने छोटी अनु को गोद लेने के फैसला किया. अनुपमा पहले थोड़ा डरती है कि वह इस उम्र में मां बनने कि जिम्मेदारी उठा पाएगी या नहीं मगर बाद में वह अनुज के लिए मान जाती है.

इसके बाद अनुपमा एक बार फिर घर की जिम्मेदारियों में घिर जाती है. वह भूल जाती है कि उसका सपना अमेरिका में डांस शो करने का था. वह अनुज के कंपनी की मालकिन बन जाती है मगर सिर्फ साइन करने के लिए. वह कोर्स करने के लिए एडमिशन लेती है मगर क्लास में दिखाई नहीं देती है. ना वह ऑफिस जाती है , ना डांस एकेडमी औऱ ना ही कॉलेज. वह पुराने ससुराल और नए ससुराल की जिम्मेदारियों में बंधकर रह जाती है.

कहने का मतलब यह है कि अनुपमा इतने सालों में आगे नहीं बढ़ पाती है. जिस तरह सालों पहले वनराज उसे ट्रीट करता था अब अनुज भी उसे वैसे ही ट्रीट कर रहा है. वह एक बार फिर से बेचारी अनुपमा बनकर रो रही है. उसकी बातों से अनुज को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उसकी जिंदगी एक बार फिर एक पुरुष की मर्जी पर आकर रूक गई है. जिस अनुपमा ने यह सब छोड़कर आगे बढ़ना शुरु किया था. महिलाओं ने उसे आदर्श माना था अब वह एक बार फिर से उसी मोड़ पर आकर रूक गई है.

ऊपर से शो के हर पुरुष के कैरेक्टर ढीला दिखाया जा रहा है. पहले वनराज, उसके बाद वनराज का बेटा पारितोष यानि जैसा बाप वैसा बेटा और अब अनुज. दूसरी औऱ महिलाओं को रोता-बिलखता अत्याचार सहते हुए दिखाया जा रहा है. अनुज भी माया के किस करने वाली बात को अनुपमा से छिपाता है. तोषू भी पत्नी किंजल के प्रेग्नेंट होने पर बाहर लड़की के साथ टाइम पास कर रहा है. बरखा भाभी के पति अंकुश का नाजायज बेटा है. ऐसा लग रहा है कि शो में हर पुरुष एक विलन है.

मेरे हिसाब से शो की शुरुआत में कहानी ठीक जा रही थी. एक महिला को आगे बढ़ते हुए औऱ रूढ़िवादी सोच तो़ड़ते हुए दिखाया जा रहा था मगर बाद में लगने लगा कि कहानी को जबरदस्ती खींचा जा रहा है. शो भले ही टीआरपी में नंबर एक की होड़ में रहता है मगर इसी वजह से शो में कुछ भी दिखाया जा रहा है. जैसे वनराज को पहले काव्या अच्छी लगती थी मगर अब उसे वही अनुपमा अच्छी लगने लगी है जिसे वह कभी दुत्कार देता था. इसलिए वनराज बार-बार काव्या की इनसल्ट करता है. ऊपर से अनुज का अचानक बदल जाना कहीं ना कहीं पुरुषों के खिलाफ मैसेज देता है.

ऐसे में आपको नहीं लगता है कि कुछ भी दिखाने से बेहतर है कि शो को एक अच्छे मोड़कर लाकर बंद कर देना चाहिए. अनुपमा को उंचाई पर जाना चाहिए था मगर वह गर्त में गिरी जा रही है. उसे महान होने के ताने मिलते रहते हैं मगर अब भी वह अपने बारे में ना सोचकर पहले दोनों परिवारों के बारे में ही सोचती है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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