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TV की संस्कारी बहू के नाम एक खुला खत...

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 19 फरवरी, 2017 11:20 AM
  • 19 फरवरी, 2017 11:20 AM
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इसके पहले जब भी आपकी या आपके काम की बात आई है मुझे गर्व हुआ है, लेकिन एक बच्चे को फेम के लिए इस्तेमाल करना और उसे गलत करने की सलाह देना कहां तक सही है.

निया जी,

क्या अच्छा है और क्या बुरा ये कौन तय करता है? कब अच्छा अपनी सीमा लांघकर बुरा बन जाए ये किसी को नहीं पता होता. मैं एक फेमेनिस्ट हूं, आपकी कद्र करती हूं और आपके काम की तारीफ भी करती हूं, लेकिन हाल में जो आपने किया है उससे यकीनन मैं आहत हुई हूं. क्या किसी बच्चे का गालियां देना वाकई आपको अच्छा लगता है?

इसके पहले जब भी आपकी या आपके काम की बात आई है मुझे गर्व हुआ है. पिछले साल जब आपने कहा था कि काम के लिए आप अपने रिश्ते भी तोड़ सकती हैं तो मैंने इसे भी एक बोल्ड स्टेटमेंट की तरह लिया था. यकीन है, वर्कोहॉलिक लोगों की अपनी प्राथमिकताएं होती हैं और जरूरी नहीं कि हर रिश्ता आपके काम के बीच फिट बैठता हो.

जब आपने वीडियो पर भद्दे कमेंट्स करने वाले लोगों को करारा जवाब दिया था और कहा था कि एक लड़की के चरित्र हनन करने के लिए दोबारा से तैयार हो हैं? कीजिए, मैं ऐसे 5 और वीडियो पोस्‍ट करूंगी, क्‍योंकि मैंने ऐसे ही ये फोटोशूट किया है और मैं बिलकुल ऐसे ही फोटो पोस्‍ट करने वाली हूं. तो लगा था कि आप रोल मॉडल बन सकती हैं. यकीनन कोई क्या पहनता है और कैसे काम करता है ये उसकी अपनी मर्जी है, लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए.

पर लोगों को कब तक फर्क नहीं पड़ना चाहिए ये आप बताएंगी? लोगों तब फर्क पड़ता है जब आप अपनी जिंदगी से बाहर निकलर दूसरों की जिंदगी में कुछ गलत करती हैं. आपका फोटोशूट वाला वीडियो आपकी जिंदगी थी, लेकिन एक बच्चे को गालियां देते समय प्रोत्साहित करना और इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर देना ये जरूर किसी और की जिंदगी पर असर डालना था. आखिर क्या साबित हुआ इससे आप जानती...

निया जी,

क्या अच्छा है और क्या बुरा ये कौन तय करता है? कब अच्छा अपनी सीमा लांघकर बुरा बन जाए ये किसी को नहीं पता होता. मैं एक फेमेनिस्ट हूं, आपकी कद्र करती हूं और आपके काम की तारीफ भी करती हूं, लेकिन हाल में जो आपने किया है उससे यकीनन मैं आहत हुई हूं. क्या किसी बच्चे का गालियां देना वाकई आपको अच्छा लगता है?

इसके पहले जब भी आपकी या आपके काम की बात आई है मुझे गर्व हुआ है. पिछले साल जब आपने कहा था कि काम के लिए आप अपने रिश्ते भी तोड़ सकती हैं तो मैंने इसे भी एक बोल्ड स्टेटमेंट की तरह लिया था. यकीन है, वर्कोहॉलिक लोगों की अपनी प्राथमिकताएं होती हैं और जरूरी नहीं कि हर रिश्ता आपके काम के बीच फिट बैठता हो.

जब आपने वीडियो पर भद्दे कमेंट्स करने वाले लोगों को करारा जवाब दिया था और कहा था कि एक लड़की के चरित्र हनन करने के लिए दोबारा से तैयार हो हैं? कीजिए, मैं ऐसे 5 और वीडियो पोस्‍ट करूंगी, क्‍योंकि मैंने ऐसे ही ये फोटोशूट किया है और मैं बिलकुल ऐसे ही फोटो पोस्‍ट करने वाली हूं. तो लगा था कि आप रोल मॉडल बन सकती हैं. यकीनन कोई क्या पहनता है और कैसे काम करता है ये उसकी अपनी मर्जी है, लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए.

पर लोगों को कब तक फर्क नहीं पड़ना चाहिए ये आप बताएंगी? लोगों तब फर्क पड़ता है जब आप अपनी जिंदगी से बाहर निकलर दूसरों की जिंदगी में कुछ गलत करती हैं. आपका फोटोशूट वाला वीडियो आपकी जिंदगी थी, लेकिन एक बच्चे को गालियां देते समय प्रोत्साहित करना और इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर देना ये जरूर किसी और की जिंदगी पर असर डालना था. आखिर क्या साबित हुआ इससे आप जानती हैं? इससे ये साबित हुआ कि जो लोग कमेंट करते थे वो सही थे.

जब आपने ये सवाल किया था कि "लड़कियों को क्यों उनकी मर्जी से भारत में जीने नहीं दिया जाता, आखिर क्यों उन्हें अपनी मर्जी से कपड़े पहनने की इजाजत नहीं है. क्या ये भारत है या अफ्गानिस्तान जो लोग मुझे पोर्न स्टार कह रहे हैं?" तो ऐसा लगा था कि एक प्रभावशाली महिला बोल रही है, लेकिन जब एक बच्चे को गाली देते हुए आपने प्रोत्साहित किया तो लगा कि एक ऐसी एक्ट्रेस है जो सिर्फ खबरों में रहना चाहती है.

क्या लगता है आपको कि वो बच्चा आगे और क्या करेगा? इस तरह से बढ़ावा मिलने पर तो उसे और भी बहुत कुछ बोलने और करने की छूट मिल जाएगी! आखिर वो क्या सीख रहा है या आप क्या सिखा रही हैं उसे? भले ही अभी आपने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से ये वीडियो हटा दिया हो, पर बावजूद इसके जिन हजारों लोगों ने ये देखा है उनके मन में आपकी क्या छवि बनी होगी ये तो वही जानें. फिर भी मेरी मानिए भले ही आपको कोई फर्क ना पड़ता हो, पर वो लोग जो आपको सपोर्ट करते थे अब उन्हें भी दिक्कत होगी.

अभी तो बच्चे का गाली देना आपको भले ही अच्छा लग रहा हो, लेकिन जब यही बड़ा होकर अगर किसी को गाली देगा तो बुरा लगेगा. अगर यही बच्चा बड़े होकर किसी लड़की को कुछ कहेगा तो आप फेमेनिस्ट बन जाएंगी. तब आपको लगेगा कि ये गलत कर रहा है. भारत में यही जंग तो हमेशा से चलती आ रही है. बच्चों को ही अगर सही नहीं सिखाया जाएगा तो बड़े होकर उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है. आपको क्या लगता है कि आपके वीडियो डिलीट कर देने से सब सही हो गया जो आपने गलत किया?

निया जी, आप बहुत फेमस हैं और उम्मीद है कि आप आगे और तरक्की करेंगी, फिर भी एक सुझाव जरूर दूंगी कि आप अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जिएं, बेफिक्र जिएं पर इस बेफिक्री में भी ये जरूर ध्यान रखें कि किसी और की जिंदगी में अगर आपका प्रभाव है तो अच्छा रहे. जहां जरूरत है वहां परिवर्तन लाएं, लेकिन ये अच्छा हो बुरा नहीं, और इतना तो मैं आपको समझदार मानती हूं कि वीडियो डिलीट करने के बाद आप ये समझ गई होंगी कि आपको लिमिट कहां क्रॉस हुई.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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