• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

AMU की तिरंगा यात्रा में राष्ट्रवाद कम, दबंगई ज्‍यादा

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 24 जनवरी, 2019 10:25 PM
  • 24 जनवरी, 2019 10:24 PM
offline
जिस तरह से AMU में कुछ छात्रों द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली गई है उसने खुद इस बात को साफ कर दिया है कि यात्रा में उपस्थित किसी भी छात्र को देश से मतलब नहीं था. सब राष्ट्रवाद के नाम पर अपना राजनीतिक हित साध रहे थे.

किसी न किसी घटना को लेकर अक्सर ही चर्चा में रहने वाली एएमयू फिर सुर्ख़ियों में है. वजह है गणतंत्र दिवस और तिरंगा यात्रा. बताया जा रहा है कि छात्र नेता अजय सिंह के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी कैंपस में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोप लगाया है कि इस तिरंगा यात्रा की इजाजत न मिलने के बावजूद छात्रों ने यात्रा निकाली और कैंपस के शैक्षणिक वातावरण को प्रभावित करने का प्रयास किया. मामले पर यूनिवर्सिटी का तर्क है कि छात्र नेताओं ने बिना किसी अनुमति के पीक आवर्स में कैंपस में यात्रा निकालकर शैक्षणिक वातावरण खराब करने, क्लास के समय छात्रों को बाहर निकल कर बाइक रैली में शामिल होने, यात्रा में बाहरी एवं असामाजिक तत्वों को शामिल करने, यूनिवर्सिटी को बदनाम करने एवं छात्रों के बीच भय का वातावरण पैदा करने का काम किया है.

एएमयू इस बार तिरंगा यात्रा को लेकर चर्चा में आई है

घटना में शामिल लोगों को प्रॉक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है और अगले 24 घंटे में जवाब देने को कहा है. मामले को लेकर सियासत इसलिए भी तेज है, क्योंकि छात्र नेता अजय सिंह, बरौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक ठाकुर दलवीर सिंह के पौत्र हैं. बताया ये भी जा रहा है कि तेज बाइक पर फर्राटा भरते हुए दर्जनों छात्रों ने यात्रा के दौरान वंदेमातरम एवं भारत माता की जय आदि के नारे भी लगाए.

वहीं जब इस मामले को लेकर छात्र नेता अजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए. अजय के अनुसार उन्होंने काफी दिन पहले ही अपनी तिरंगा यात्रा के संबंध में प्रॉक्टर ऑफिस में अर्जी दी थी जिसे...

किसी न किसी घटना को लेकर अक्सर ही चर्चा में रहने वाली एएमयू फिर सुर्ख़ियों में है. वजह है गणतंत्र दिवस और तिरंगा यात्रा. बताया जा रहा है कि छात्र नेता अजय सिंह के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी कैंपस में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोप लगाया है कि इस तिरंगा यात्रा की इजाजत न मिलने के बावजूद छात्रों ने यात्रा निकाली और कैंपस के शैक्षणिक वातावरण को प्रभावित करने का प्रयास किया. मामले पर यूनिवर्सिटी का तर्क है कि छात्र नेताओं ने बिना किसी अनुमति के पीक आवर्स में कैंपस में यात्रा निकालकर शैक्षणिक वातावरण खराब करने, क्लास के समय छात्रों को बाहर निकल कर बाइक रैली में शामिल होने, यात्रा में बाहरी एवं असामाजिक तत्वों को शामिल करने, यूनिवर्सिटी को बदनाम करने एवं छात्रों के बीच भय का वातावरण पैदा करने का काम किया है.

एएमयू इस बार तिरंगा यात्रा को लेकर चर्चा में आई है

घटना में शामिल लोगों को प्रॉक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है और अगले 24 घंटे में जवाब देने को कहा है. मामले को लेकर सियासत इसलिए भी तेज है, क्योंकि छात्र नेता अजय सिंह, बरौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक ठाकुर दलवीर सिंह के पौत्र हैं. बताया ये भी जा रहा है कि तेज बाइक पर फर्राटा भरते हुए दर्जनों छात्रों ने यात्रा के दौरान वंदेमातरम एवं भारत माता की जय आदि के नारे भी लगाए.

वहीं जब इस मामले को लेकर छात्र नेता अजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए. अजय के अनुसार उन्होंने काफी दिन पहले ही अपनी तिरंगा यात्रा के संबंध में प्रॉक्टर ऑफिस में अर्जी दी थी जिसे यूनिवर्सिटी ने अनदेखा कर दिया. इसके अलावा अजय सिंह ने ये भी कहीं भी तिरंगा लहराने और भारत माता की जय कहने की इजाजत जब हमें हमारा संविधान देता है तो फिर इसको लेकर क्यों इतना हो हल्ला मचाया जा रहा है?

इसके अलावा अजय सिंह ने यूनिवर्सिटी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि ये अपने आप में कमाल है कि जब एक आतंकी के मरने पर कुछ लोग इकट्ठा होकर नारेबाजी करते हैं तो प्रॉक्टर को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगता. 10 प्रतिशत स्वर्ण आरक्षण के बिल को कैंपस में जलाया जाता है तब प्रॉक्टर के कान पर जूं नहीं रेंगती. जातिगत संघर्ष को बढ़ाने वाली सेमिनार कैंपस में आयोजित की जाती है तो प्रॉक्टर का रोम-रोम रोमांचित हो जाता है.

यूनिवर्सिटी का कहना है कि अनुमति न मिलने के बावजूद छात्रों ने तिरंगा यात्रा निकाली और परिसर का माहौल खराब करने का काम किया

प्रॉक्टर को जनरल डायर बताने वाले अजय सिंह के कुछ भी तर्क हो सकते हैं. मगर जो तस्वीरें आई हैं उनका अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि ये तिरंगा यात्रा देश के लिए नहीं बल्कि अपने स्वार्थ के लिए थी. कह सकते हैं कि इस तिरंगा यात्रा के दम पर छात्र नेता अजय सिंह ने लम्बी राजनीतिक पारी खेलने और भाजपा नेताओं की नजरों में आने का काम किया है.

हम ये बिल्कुल भी नहीं कह रहे हैं कि अजय या फिर ये तिरंगा यात्रा गलत है. मगर जिस तरह अजय ने इस तिरंगा यात्रा को बिना अनुमति अंजाम दिया सवाल होना लाजमी है. एक ऐसे समय में जब राष्ट्रवाद को लेकर बहस तेज हो. आए रोज कोई न कोई मामला हमारे सामने आ रहा हो, जो अजय ने किया वो ये साफ बताता है कि न तो उन्हें कानून कि कोई परवाह है और न ही यूनिवर्सिटी के कोड ऑफ कंडक्ट से उन्हें कोई मतलब है.

छात्रों का कहना है कि कहीं भी तिरंगा फहराने की इजाजत हमें हमारा संविधान देता है

गौरतलब है कि अभी गुजरे स्वतंत्रता दिवस को ही हम अलीगढ़ से कुछ दूर कासगंज में इसी तिरंगा यात्रा के नाम पर एक ऐसा मंजर देख चुके थे जिसने एक घर के चिराग को सदा के लिए बुझा दिया. यदि अलीगढ़ के इस मामले में भी वैसा ही कुछ उपद्रव हो जाता और कुछ हो जाता. किसी चंदन गुप्ता की मौत हो जाती तो क्या छात्र नेता अजय सिंह इसकी जिम्मेदारी लेते ? जवाब है नहीं. कारण हैं कि एक नेता को केवल और केवल अपनी राजनीति से मतलब होता है.

अंत में हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि राष्ट्रवाद की आड़ में, हाथ में तिरंगा लेकर बाइकों पर फर्राटा भरते, भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते ये चंद मुट्ठी भर लोग कुछ भी हो सकते हैं मगर राष्ट्रवादी बिल्कुल नहीं हो सकते. ऐसा हम केवल इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक राष्ट्रवादी कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे उसके राष्ट्र की शान्ति व्यवस्था और कानून प्रभावित हो और अराजकता  जन्म ले.

ये भी पढ़ें -

कश्‍मीरी आतंकी की मौत पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नमाज-ए-जनाजा क्‍यों?

गांधी की मूर्ति हृदय में रखिए, जिन्ना की तस्वीर कूड़ेदान में डाल दीजिए

एएमयू की अल्पसंख्यक मान्यता बनेगा बीजेपी का बड़ा सियासी एजेंडा!


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲