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नोटों की गड्डी को देखकर मनी हाइस्ट और नोटबंदी की याद ना आ जाए तो कहना!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 12 अक्टूबर, 2021 08:00 PM
  • 12 अक्टूबर, 2021 08:00 PM
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भले ही इस तस्वीर को देखकर आपको मनी हाइस्ट और नोटबंदी के काले धन की याद आ गई हो लेकिन यह हैदराबाद की एक फ़ार्मास्युटिकल कंपनी का एक सीन है. क्या आप बता सकते हैं कि यह कितने रूपए होंगे? असल में आयकर विभाग को इस आलमारी से लगभग करोड़ों रुपये कैश मिले हैं.

कमरे में रखी इतनी बड़ी आलमारी और इसमें रखी नोटों की गड्डी तो ठीक है लेकिन यह सोचिए कि इस बंद तिजोरी में क्या रखा होगा...खैर हम तो यही सोचते हैं कि ऐसी आलमारी कपड़े रखने के काम आती है लेकिन अब इस तस्वीर को देखकर सोचने का तरीका जरूर बदल गया है. इस फोटो को देखकर लगता है कि जैसे आलमारी में नोट नहीं किसी पुराने केस की बहुत सारी फाइलें रखी हों जो कई सालों पुरानी हैं और उनपर धूल जम गई हो.

चलिए अब कल्पना से परे हकीकत की बात करते हैं. भले ही ये इस तस्वीर को देखकर आपको मनी हाइस्ट और नोटबंदी के काले धन की याद आ गई हो लेकिन यह हैदराबाद की एक फ़ार्मास्युटिकल कंपनी का एक सीन है. क्या आप बता सकते हैं कि यह कितने रूपए होंगे? असल में आयकर विभाग को इस आलमारी से लगभग करोड़ों रुपये कैश मिले हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद स्थित फार्मा समूह पर छापे के में आयकर विभाग ने छिपी हुई आय में 550 करोड़ रुपए का पता लगाया.

 हैदराबाद की एक फ़ार्मास्युटिकल कंपनी ने आलमारी में रखे रूपए

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार ये फार्मास्युटिकल समूह मध्यवर्ती, सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) और फॉर्मूलेशन का निर्माण करते हैं. कंपनी के अधिकतक उत्पादों का निर्यात यूएसए, यूरोप, दुबई और अन्य अफ्रीकी देशों में किया जाता है. तलाशी के दौरान उन ठिकानों की पहचान की गई जहां खातों के कागजात, दस्तावेज, पेन ड्राइव और नकदी का दूसरा सेट मिला.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, "तलाशी के दौरान कई बैंक लॉकर मिले हैं जिनमें से 16 लॉकर चालू किए गए हैं. तलाशी में अब तक करीब 142.87 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की गई है." इन सारे सबूतों को जब्त कर विभाग ने जांच शुरु कर दी है. इतने सारे पैसे एक साथ...

कमरे में रखी इतनी बड़ी आलमारी और इसमें रखी नोटों की गड्डी तो ठीक है लेकिन यह सोचिए कि इस बंद तिजोरी में क्या रखा होगा...खैर हम तो यही सोचते हैं कि ऐसी आलमारी कपड़े रखने के काम आती है लेकिन अब इस तस्वीर को देखकर सोचने का तरीका जरूर बदल गया है. इस फोटो को देखकर लगता है कि जैसे आलमारी में नोट नहीं किसी पुराने केस की बहुत सारी फाइलें रखी हों जो कई सालों पुरानी हैं और उनपर धूल जम गई हो.

चलिए अब कल्पना से परे हकीकत की बात करते हैं. भले ही ये इस तस्वीर को देखकर आपको मनी हाइस्ट और नोटबंदी के काले धन की याद आ गई हो लेकिन यह हैदराबाद की एक फ़ार्मास्युटिकल कंपनी का एक सीन है. क्या आप बता सकते हैं कि यह कितने रूपए होंगे? असल में आयकर विभाग को इस आलमारी से लगभग करोड़ों रुपये कैश मिले हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद स्थित फार्मा समूह पर छापे के में आयकर विभाग ने छिपी हुई आय में 550 करोड़ रुपए का पता लगाया.

 हैदराबाद की एक फ़ार्मास्युटिकल कंपनी ने आलमारी में रखे रूपए

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार ये फार्मास्युटिकल समूह मध्यवर्ती, सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) और फॉर्मूलेशन का निर्माण करते हैं. कंपनी के अधिकतक उत्पादों का निर्यात यूएसए, यूरोप, दुबई और अन्य अफ्रीकी देशों में किया जाता है. तलाशी के दौरान उन ठिकानों की पहचान की गई जहां खातों के कागजात, दस्तावेज, पेन ड्राइव और नकदी का दूसरा सेट मिला.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, "तलाशी के दौरान कई बैंक लॉकर मिले हैं जिनमें से 16 लॉकर चालू किए गए हैं. तलाशी में अब तक करीब 142.87 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की गई है." इन सारे सबूतों को जब्त कर विभाग ने जांच शुरु कर दी है. इतने सारे पैसे एक साथ आखिरी बार मनी हाइस्ट फिल्म में देखी थी और उसके पहले नोटबंदी के समय में.

जब लोग बोरे में भर-भर 500 और हजार के नोट फेंक रहे थे, जला रहे थे, नदी में बहा रहे थे. हमारे जैसे लोग 500 की चार नोट बदलने के लिए चिंतित थे. अब ये आलमारी ऐसे अचानक से सामने आई तो देखिए लोग इसके बारे में क्या सोचते हैं.

हमें तो उन सारी फिल्मों की याद एक साथ आ गई जिनमें रेड पड़ी थी और नोटों के बंडल निकले थे…सोशल मीडिया पर यह नोटों की गड्डी वाली फोटो बहुत ज्यादा वायरल हुई है. लोगों का कहना है कि काश एक ही बंडल मिल गया होता, अपुन को ज्यादा नहीं मांगता…किसी को इस बात की चिंता है कि तिजोरी में क्या रखा होगा…कुछ तो वालपेपर लगाकर ही संतोष कर रहे हैं. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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