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कोरोना के डर के आगे जो गुरुग्राम में महिला ने किया वो आपको हैरान-परेशान कर देगा!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 25 फरवरी, 2023 01:50 PM
  • 25 फरवरी, 2023 01:50 PM
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गुरुग्राम की एक महिला ने खुद को और अपने 7 साल के बेटे को 3 सालों तक एक कमरे में बंद रखा. महिला को डर था कि वो और उसका बेटा कोविड 19 की चपेट में आ सकते हैं. साफ़ है कि गुरुग्राम में जो हुआ उसकी वजह डर है. साबित हो गया कि जब व्यक्ति डर की चपेट में आता है तो अपने होशो हवास खो देता है.

क्या कोरोना वायरस का भूत अब भी लोगों को डरा रहा है? क्या अब भी लोग कोविड के वायरस की दहशत में हैं? ऐसे सवालों पर लोगों की अलग अलग राय हो सकती है और जिस तरह हम एडजस्टमेंट सीख चुके हैं, कई लोग होंगे जो कोविड से मिले दंश को गुजरे दौर की बातें मानते होंगे. लेकिन सब ऐसे नहीं हैं. अब गुरुग्राम की एक महिला को ही देख लीजिये. कोविड के खौफ के चलते जो कुछ भी महिला ने किया. उसने देश दुनिया के लोगों को हैरत में डाल दिया है. 2020 में आए कोरोना वायरस ने महिला को कुछ इस हद तक खौफजदा किया कि उसने तीन सालों के लिए अपने आप को और अपने 10 साल के बेटे को कमरे में कैद कर लिया. तीन साल से कमरे में कैद पत्नी की जानकारी महिला के पति ने जिला प्रशासन को दी जिसने महिला और उसके बच्चे को सकुशल रेस्क्यू कर लिया है. बताया जा रहा है कि महिला दिमागी रूप से परेशान है.

कोरोना के डर से जो गुरुग्राम में महिला ने किया वो हैरान करने वाला है

महिला किस हद तक डरी हुई थी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने और उसके दस साल के बेटे ने पिछले 3 सालों से सूरज की किरण नहीं देखी. महिला को डर था कि अगर उसने सूरज देखा तो कोरोना उसे अपनी चपेट में ले लेगा. मामला गुरुग्राम के सेक्टर 29 का है. घटना पर प्रकाश डालते हुए पुलिस ने कहा कि अभी बीते दिनों ही एक व्यक्ति ने विभाग से संपर्क साधा और बताया कि उसकी पत्नी मानसिक तौर पर बीमार है. उसने 10 साल के बेटे को 3 साल से कमरे में कैद कर रखा है.

विषय बहुत संवेदनशील था इसलिए पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लिया और सूझ बूझ का परिचय दिया और चाइल्ड वेलफेयर टीम के साथ मौके पर पहुंचकर महिला और मासूम बच्चे को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया.

बहुत जटिल परिस्थितियों में रह रही थी महिला!

बताया जा रहा है जब महिला...

क्या कोरोना वायरस का भूत अब भी लोगों को डरा रहा है? क्या अब भी लोग कोविड के वायरस की दहशत में हैं? ऐसे सवालों पर लोगों की अलग अलग राय हो सकती है और जिस तरह हम एडजस्टमेंट सीख चुके हैं, कई लोग होंगे जो कोविड से मिले दंश को गुजरे दौर की बातें मानते होंगे. लेकिन सब ऐसे नहीं हैं. अब गुरुग्राम की एक महिला को ही देख लीजिये. कोविड के खौफ के चलते जो कुछ भी महिला ने किया. उसने देश दुनिया के लोगों को हैरत में डाल दिया है. 2020 में आए कोरोना वायरस ने महिला को कुछ इस हद तक खौफजदा किया कि उसने तीन सालों के लिए अपने आप को और अपने 10 साल के बेटे को कमरे में कैद कर लिया. तीन साल से कमरे में कैद पत्नी की जानकारी महिला के पति ने जिला प्रशासन को दी जिसने महिला और उसके बच्चे को सकुशल रेस्क्यू कर लिया है. बताया जा रहा है कि महिला दिमागी रूप से परेशान है.

कोरोना के डर से जो गुरुग्राम में महिला ने किया वो हैरान करने वाला है

महिला किस हद तक डरी हुई थी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने और उसके दस साल के बेटे ने पिछले 3 सालों से सूरज की किरण नहीं देखी. महिला को डर था कि अगर उसने सूरज देखा तो कोरोना उसे अपनी चपेट में ले लेगा. मामला गुरुग्राम के सेक्टर 29 का है. घटना पर प्रकाश डालते हुए पुलिस ने कहा कि अभी बीते दिनों ही एक व्यक्ति ने विभाग से संपर्क साधा और बताया कि उसकी पत्नी मानसिक तौर पर बीमार है. उसने 10 साल के बेटे को 3 साल से कमरे में कैद कर रखा है.

विषय बहुत संवेदनशील था इसलिए पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लिया और सूझ बूझ का परिचय दिया और चाइल्ड वेलफेयर टीम के साथ मौके पर पहुंचकर महिला और मासूम बच्चे को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया.

बहुत जटिल परिस्थितियों में रह रही थी महिला!

बताया जा रहा है जब महिला और उसके बच्चे को रेस्क्यू कराने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन गुरुग्राम स्थित मारुती विहार कॉलोनी पहुंचा. तो सब उस वक़्त दंग रह गए, जब उन्होंने महिला को उस घर से निकाला. महिला न केवल डरी हुई थी बल्कि उसके घर पर कूड़े का ढेर लगा था. महिला को डर था कि यदि कोई भी उनके घर आता है या फिर अगर वो किसी के भी संपर्क में आती है तो वो कोविड की चपेट में आ जाएगी.

कहा ये भी जा रहा है कि 2020 में जब कोरोना की पहली लहर आई परिवार ने खुद को कमरे में कैद कर लिया. स्थिति तब गंभीर हुई जब दूसरी लहर आई. पति काम पर जाने के लिए बाहर निकला तो महिला ने पति की एंट्री को घर में बैन कर दिया. उसे डर था कि पति बाहर से कोरोना संक्रमित होकर न आ जाए और उन्हें भी संक्रमित कर दे. बाद में महिला का पति पास में ही किराए के मकान में रहने लगा.

जैसी पत्नी की हरकतें थीं. पति पहले ही समझ चुका था कि महिला दिमागी रूप से स्वस्थ नहीं है. इस बात को लेकर वो पुलिस के पास भी गया और मामले में दिलचस्प ये कि तब पुलिस ने उस व्यक्ति की कोई मदद नहीं की थी और बिना किसी तफ्तीश के इसे घरेलू मामला कहकर लौटा दिया. बाद में जब उसने पत्नी को वीडियो कॉल किया तो जैसी वहां की स्थिति थी उसने पुलिसकर्मियों को भी चकित कर दिया था.

गौरतलब है कि जब पुलिस और जिला प्रशासन महिला और उसके बच्चे को रेस्क्यू कराने पहुंचा तो वो दरवाजा खोलने को तैयार नहीं थी. वहीं उसने ये भी कहा था कि यदि किसी ने जबरदस्ती की तो वो बच्चे को मारकर आत्महत्या कर लेगी.

पुलिस और जिला प्रशासन ने कुछ इस अंदाज में मां और बच्चे को रेस्क्यू किया है

महिला पर कोरोना की दहशत किस हद तक हावी थी इसे उस जानकारी से भी समझ सकते हैं जिसमें बताया गया कि जब महिला के घर में सिलेंडर खत्म हो गया तो उसने इंडक्शन पर खाना बनाना शुरू कर दिया. वह अपने और बच्चे के लिए इसी तरह तीन साल से खाना बनाती रही. वहीं कोरोना के डर से महिला ने बच्चे को स्कूल भी नहीं भेजा और पति से प्राप्त पैसों से वो घर पर ही उसे ऑनलाइन क्लास दिलवा रही थी.

बहरहाल, इस बात में कोई शक नहीं कि कोरोना एक जानलेवा बीमारी है. बीमारी से निजात हमें डर से नहीं मिलने वाली बल्कि वैक्सीनेशन और जानकारी ही वो जरिया है जिससे हम खुद को इस बीमारी की चपेट में आने से रोक सकते हैं. बाकी बात क्योंकि गुरुग्राम में अपने को कमरे में बंद करने वाली महिला की हुई है तो वो बीमार है या नहीं इसका फैसला मेडिकल रिपोर्ट करेगी लेकिन जो उसने किया है वो इस बात की तस्दीख कर देता है कि जब इंसान डर की चपेट में आता है तो अपने होशो हवास खो बैठता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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