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नाचना कब अश्लील माना जाए, इसकी भी लिमिट बतानी चाहिए

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 29 अगस्त, 2018 07:14 PM
  • 29 अगस्त, 2018 07:14 PM
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कार्यक्रम में नाच रहे 7 लोग नौकरी से हाथ धो बैठे. हैरानी हो रही है इनपर कार्रवाई करने वालों की सोच पर. आखिर उन्हें नाच अश्लील क्यों लगा? अश्लीलता की परिभाषा क्या होती है क्या कोई बुद्धिजीवी बता सकता है?

पिछले साल सितंबर में बेस्ट के वडाला डिपो के कार्यालय में हुई दशहरा पार्टी के अवसर पर नाच गाना किया जा रहा था. महिलाएं और पुरुष सभी नाच रहे थे. वहां मराठी फिल्मों की अभिनेत्री माधवी जुवेकर भी नाचीं जो खुद बेस्ट में क्लर्क हैं. लेकिन इस नाच-गाने का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, तब बेस्ट वालों को ये डांस अश्लील लगा. तब से इस मामले में जांच चल रही थी लेकिन अब कार्रवाई करते हुए बेस्ट ने माधवी समेत 7 लोगों को नौकरी से निकाल दिया.

डांस अश्लील क्यों?

नाचना एक कला है और अपने अपने हिसाब से सभी इस कला के छोटे-मोटे कलाकार तो होते ही हैं. कोई जमीन पर लोट लोट कर नागिन डांस करता है तो कोई ठुमके लगाता है. किसी को ब्रेक डांस पसंद है तो कोई दिल खोलकर बस नाचता ही चला जाता है. असल में नाचने को हम सीधे तौर पर खुशी से जोड़ सकते हैं. जो जितना ज्यादा खुश वो उतना ही दिल खोलकर नाचता है. और ऐसे में व्यक्ति को जो कोई भी डांस स्टेप्स याद आते हैं वो सभी कर डालता है. शादी, बारात में देखिए न वो लोग भी नाचने लगते हैं जिन्हें नाचना नहीं आता. और नाचते हुए उनपर पैसे लुटाना और वार फेर करना तो नाच का हिस्सा होता है. ये तो नाच के इतिहास से चला आ रहा है.

जब इंसान दिल खोलकर नाचता है तो ऐसा ही नजारा होता है

अब इस वीडियो का रुख करें तो देखेंगे कि महिलाएं भी खूब खुश हैं और पुरुष भी. वो मुंह में नोट भी दबा रही हैं और दूसरी महिला उसे मुंह से निकाल भी रही है. एक महिला स्टूल पर चढ़ कर नोट उड़ा रही है. तो वहीं साथ में नाच रहे पुरुष सदस्य भी नोट उड़ाते दिख रहे हैं. उनकी खुशी उनके नाच में साफ झलक रही है. देखने में ये डांस वीडियो इंजॉय करने लायक है. लेकिन बेस्ट के कर्मचारियों का ये वीडियो उस वक्त अश्लील हो गया जब बेस्ट के नाम से ये वायरल हो गया....

पिछले साल सितंबर में बेस्ट के वडाला डिपो के कार्यालय में हुई दशहरा पार्टी के अवसर पर नाच गाना किया जा रहा था. महिलाएं और पुरुष सभी नाच रहे थे. वहां मराठी फिल्मों की अभिनेत्री माधवी जुवेकर भी नाचीं जो खुद बेस्ट में क्लर्क हैं. लेकिन इस नाच-गाने का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, तब बेस्ट वालों को ये डांस अश्लील लगा. तब से इस मामले में जांच चल रही थी लेकिन अब कार्रवाई करते हुए बेस्ट ने माधवी समेत 7 लोगों को नौकरी से निकाल दिया.

डांस अश्लील क्यों?

नाचना एक कला है और अपने अपने हिसाब से सभी इस कला के छोटे-मोटे कलाकार तो होते ही हैं. कोई जमीन पर लोट लोट कर नागिन डांस करता है तो कोई ठुमके लगाता है. किसी को ब्रेक डांस पसंद है तो कोई दिल खोलकर बस नाचता ही चला जाता है. असल में नाचने को हम सीधे तौर पर खुशी से जोड़ सकते हैं. जो जितना ज्यादा खुश वो उतना ही दिल खोलकर नाचता है. और ऐसे में व्यक्ति को जो कोई भी डांस स्टेप्स याद आते हैं वो सभी कर डालता है. शादी, बारात में देखिए न वो लोग भी नाचने लगते हैं जिन्हें नाचना नहीं आता. और नाचते हुए उनपर पैसे लुटाना और वार फेर करना तो नाच का हिस्सा होता है. ये तो नाच के इतिहास से चला आ रहा है.

जब इंसान दिल खोलकर नाचता है तो ऐसा ही नजारा होता है

अब इस वीडियो का रुख करें तो देखेंगे कि महिलाएं भी खूब खुश हैं और पुरुष भी. वो मुंह में नोट भी दबा रही हैं और दूसरी महिला उसे मुंह से निकाल भी रही है. एक महिला स्टूल पर चढ़ कर नोट उड़ा रही है. तो वहीं साथ में नाच रहे पुरुष सदस्य भी नोट उड़ाते दिख रहे हैं. उनकी खुशी उनके नाच में साफ झलक रही है. देखने में ये डांस वीडियो इंजॉय करने लायक है. लेकिन बेस्ट के कर्मचारियों का ये वीडियो उस वक्त अश्लील हो गया जब बेस्ट के नाम से ये वायरल हो गया. अब बेस्ट की साख इस वीडियो से जुड़ गई. लिहाजा एक्शन ले लिया गया. और वो भी सीधे तौर पर नौकरी ले ली गई. कसूर- दिल खोलकर नाचना.

देखिए वीडियो-

कब अश्लील हो जाता है नाचना-

कार्यक्रम में नाच रहे ये 7 लोग नौकरी से हाथ धो बैठे. हैरानी हो रही है कार्रवाई करने वालों की सोच पर. आखिर उन्हें नाच अश्लील क्यों लगा? अश्लीलता की परिभाषा क्या होती है क्या कोई बुद्धिजीवी बता सकता है?

कथक एक शास्त्रीय नृत्य है. और इसी नृत्य की एक शैली है मुजरा. लेकिन कथक को सम्मान मिलता है मुजरे को नहीं. उसी तरह अगर अभिनेत्री रेखा मुजरा करती हैं तो उसे सब पसंद करते हैं लेकिन कोई पाकिस्तानी डांसर अगर मुजरा करे तो वो 'अश्लील' दिखाई देता है. अब वही मुजरा अगर किसी डांस शो पर एक छोटी सी बच्ची करे तो वो 'क्यूट' लगता है.

यहां किसे अश्लील कहेंगे??

अश्लीलता नाच में नहीं करने और देखने वाले के भाव में होती है. और इन कर्मचारियों के भाव में सिर्फ मस्ती दिखाई दी, अश्लीलता नहीं.

ठीक उसी तरह अगर कोई लड़की घुटनों तक की स्कर्ट पहनती है तो ओके है लेकिन स्कर्ट घुटनों से जरा सी ऊपर हो जाए तो अश्लील हो जाती है. लेकिन स्कर्ट कितनी छोटी हो कि आपको अश्लील न लगे? आप किसी हीरोइन को बिकनी में देख लेते हैं तो वो अश्लील नहीं होती, लेकिन अगर कोई लड़की आपके सामने से डेनिम के शॉर्ट्स पहन कर निकल जाए तो वो अश्लील हो जाती है. अश्लीलता को परिभाषित करने की सबकी अपनी-अपनी परिभाषाएं हैं. लेकिन एक बात पर तो सबको विचार करने की जरूरत है कि इन परिभाषाओं पर हर कोई कायम क्यों नहीं रह पाता? आप घर में टीवी देखें या फिल्में, तब तक सब ठीक रहता है लेकिन आप समाज में वैसा होते हुए देखते हैं तो आपकी परिभाषाएं बदल जाती हैं.

किसी को सजा देने से पहले कम से कम उसके गुनाहों का तो आकलन कर लिया होता. अगर नाचने को ही अश्लील समझते थे तो कार्यक्रम करवाना ही नहीं चाहिए था. और अगर यहां बेस्ट को एक्शन लेना ही था तो कुछ और ले लिया जाता. एक महीने की सैलेरी नहीं देते. या फिर कोई फाइन लगा देते. लेकिन इन लोगों की नौकरी छीनकर बेस्ट ने लोगों के सामने एक बेहद गलत उदाहरण पेश किया है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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