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16 साल की लड़की ने 100 बार करवाई प्लास्टिक सर्जरी, सुंदरता की सनक या दबाव?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 23 फरवरी, 2021 04:18 PM
  • 23 फरवरी, 2021 04:18 PM
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16 साल की झोउ चुना नाम की लड़की ने 100 बार प्लास्टिक सर्जरी (zhou chun done 100 Plastic Surgery) करवाई है, क्योंकि उसका मजाक (Bully) बनाया जाता था. उसे लगता था कि वह बदसूरत है.

डर इंसान को अपंग बना देता है. चलिए एक सच्ची घटना के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि बुलिंग (Bullying) करना क्या होता है, और उसका असर क्या होता है. एक 16 साल की झोउ चुना नाम की लड़की ने 100 बार प्लास्टिक सर्जरी (zhou chun done 100 Plastic Surgery) करवाई है, क्योंकि उसका मजाक बनाया जाता था. उसे लगता था कि वह बदसूरत है. उसके स्कूल के लोग उसका मजाक बनाते थे. उसे स्कूल में हमेशा साफ-सफाई का काम दिया जाता था. वहीं सुंदर लड़कियों को हल्के-फुल्के काम दिए जाते थे.

तभी उसके मन में यह ख्याल आया कि अगर वह भी सुंदर बन जाए तो सब उसकी इज़्ज़त करेंगे. उसको लगता था कि सुंदर लोगों की इज़्ज़त की जाती है. इसलिए उसने खुद को बदलने का निर्णय लिया. सोचिए 16 साल की बच्ची के उपर सुंदर दिखने का कितना प्रेशर था. उसने खुद को बॉर्बी डॉल जैसी दिखाने के लिए 100 बार प्लास्टिक सर्जरी करवाई. माता-पिता ने हर बार सर्जरी के लिए मना किया. लेकिन उसकी हालत और जिद को देखते हुए वे तैयार हो गए. सर्जरी का सारा खर्चा भी उन्होंने उठाया.

स्कूल के लोग बदसूरत समझकर उड़ाते थे मजाक, लड़की ने 100 प्लास्टिक सर्जरी करवा ली

इस लड़की के दिमाग पर लोगों के इग्नोर करने और मजाक बनाने का इतना गहरा असर पड़ा कि उसने 100 बार प्लास्टिक सर्जरी करा ली. हालांकि अभी भी उसे अपने अंदर कुछ कमी ही लगती है. जिसके लिए वह आगे भी सर्जरी करवाना चाहती है. इतनी सर्जरी करवा कर उसने अपनी लाइफ को रिस्क में डाल दिया है. उसके चेहरे पर दाग हो गए हैं.

वहीं याद्दाश्त पर भी असर पड़ रहा है. किसी इंसान को उसके नॉलेज, रंग-रूप और पहनावे के आधार पर नीचा दिखाना या बुरा महसूस कराना बुलिंग का ही रूप है. बुलिंग का मतलब किसी को डराने या धौंसियाने से है. शायद आपको पता भी नहीं हो कि आप किसी की बुलिंग...

डर इंसान को अपंग बना देता है. चलिए एक सच्ची घटना के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि बुलिंग (Bullying) करना क्या होता है, और उसका असर क्या होता है. एक 16 साल की झोउ चुना नाम की लड़की ने 100 बार प्लास्टिक सर्जरी (zhou chun done 100 Plastic Surgery) करवाई है, क्योंकि उसका मजाक बनाया जाता था. उसे लगता था कि वह बदसूरत है. उसके स्कूल के लोग उसका मजाक बनाते थे. उसे स्कूल में हमेशा साफ-सफाई का काम दिया जाता था. वहीं सुंदर लड़कियों को हल्के-फुल्के काम दिए जाते थे.

तभी उसके मन में यह ख्याल आया कि अगर वह भी सुंदर बन जाए तो सब उसकी इज़्ज़त करेंगे. उसको लगता था कि सुंदर लोगों की इज़्ज़त की जाती है. इसलिए उसने खुद को बदलने का निर्णय लिया. सोचिए 16 साल की बच्ची के उपर सुंदर दिखने का कितना प्रेशर था. उसने खुद को बॉर्बी डॉल जैसी दिखाने के लिए 100 बार प्लास्टिक सर्जरी करवाई. माता-पिता ने हर बार सर्जरी के लिए मना किया. लेकिन उसकी हालत और जिद को देखते हुए वे तैयार हो गए. सर्जरी का सारा खर्चा भी उन्होंने उठाया.

स्कूल के लोग बदसूरत समझकर उड़ाते थे मजाक, लड़की ने 100 प्लास्टिक सर्जरी करवा ली

इस लड़की के दिमाग पर लोगों के इग्नोर करने और मजाक बनाने का इतना गहरा असर पड़ा कि उसने 100 बार प्लास्टिक सर्जरी करा ली. हालांकि अभी भी उसे अपने अंदर कुछ कमी ही लगती है. जिसके लिए वह आगे भी सर्जरी करवाना चाहती है. इतनी सर्जरी करवा कर उसने अपनी लाइफ को रिस्क में डाल दिया है. उसके चेहरे पर दाग हो गए हैं.

वहीं याद्दाश्त पर भी असर पड़ रहा है. किसी इंसान को उसके नॉलेज, रंग-रूप और पहनावे के आधार पर नीचा दिखाना या बुरा महसूस कराना बुलिंग का ही रूप है. बुलिंग का मतलब किसी को डराने या धौंसियाने से है. शायद आपको पता भी नहीं हो कि आप किसी की बुलिंग कर रहे हैं, लेकिन जरा सा ध्यान देकर आप समझ सकते हैं.

लगभग चार मिलियन युआन (चार करोड़ 51 लाख) खर्च करने के बाद भी यह लड़की अपने लुक को लेकर संतुष्ट नहीं है. हालांकि उसे लगता है कि सर्जरी के बाद उसके प्रति लोगों का रवैया बदला है और अब इसे सर्जरी का महत्व समझ आया है. जबकि हकीक़त, इस लड़की के सोच से परे है. मजाक बनाने वाले और कमी निकालने वालों के लिए तो 10 बहाने मिल जाएंगे.

कुछ सच्ची घटनाओं से समझिए-

1- प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली मनीषा ने बताया कि ऑफिस में उसके सहयोगियों ने उसकी इतनी खींचाई की थी कि वह जॉब छोड़ने को मजबूर हो गई. किसी की कमजोरी को टारगेट करके उसका मजाक बनाना कई बार भारी पड़ जाता है. दरअसल, मनीषा तलाक़शुदा और सिंगल मदर थी. जिसकी वजह से उसके साथ काम करने वाले हर वक्त उसे छोटा महसूस करवाते.

2- एक लड़की रीना छोटे शहर से कॉलेज पढ़ने आई. उसे उसकी भाषा, उसके खान-पान और पहनावे की वजह से क्लास लड़कें-लड़कियां मजाक बनाते. कोई उसे चावल कहता तो कोई काली. ऐसे की एक लड़के को बिहारी और मोटा बैल कहते थे. क्योंकि वह बिहार का रहने वाला था और उसे टंग प्रॉब्लम थी. वह कटा-कटा सा रहने लगा था. तब पता भी नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है, लेकिन अब पता है कि वह बुलिंग थी.

3- कॉलेज के बाद नंबर आता है ऑफिस का. जहां किसी इंप्लाई को लोग अपने मनोरंजन का साधन समझ लेते हैं. उसे बार-बार यह महसूस करवाया जाता है कि उसका नॉलेज कम है. उसने किताबें नहीं पढ़ी, उसने कुछ देखा नहीं. क्या ऐसा जरूरी है कि सभी को हर विषय की या क्षेत्र की जानकारी हो.

प्रेशर और डर की वजह से बढ़ रहा तनाव

हर जगह सुंदर दिखने का प्रेशर. घर में रहो तो घर के हिसाब से, बाहर जाओ तब तो सुंदर दिखना जरूरी ही है. यहां तक की सब्जी खरीदने जाओ तब भी. आखिर इतना डर किस बात का है? यह दबाव इतना बढ़ गया है कि हर कोई अपने आपको परफेक्ट दिखाने की कोशिश में लगा हुआ है. हमारे मन में यह डर बैठ गया है कि, अगर हम ऐसे नहीं दिखे तो लोग हमें कम समझेंगे और हमें नीचा दिखाएंगे. हमसे दोस्ती नहीं करेंगे. हम कूल नहीं कहलाएंगे और हमारी इज्जत कम हो जाएगी.

मजाक बनाने वाले तो बाल से लेकर नाखून और कपड़े प्रेस ना होने पर भी टोक देंगे. इसलिए हमें अपनी इंटरलन ब्यूटी को महत्व देना चाहिए, बाहरी नहीं. यह सोचना छोड़ दीजिए कि लोग क्या कहेंगे, आप जैसे हैं वैसे ही अच्छे हैं. बस फिर सब नॉर्मल लगेगा, यकीन नहीं है तो अपनाकर देख लीजिए. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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