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ऐसा शोक संदेश आज तक किसी को नसीब नहीं हुआ होगा...

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 08 जून, 2018 03:21 PM
  • 08 जून, 2018 03:21 PM
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक शोकसंदेश ने समाज को दो वर्गों में बांट दिया है और सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर रिश्ते किस दिशा में जा रहे हैं.

एक तस्वीर ने सोशल मीडिया पर लोगों को बहुत आहत किया है. तस्वीर एक शोकसंदेश की है, जिसमें एक मां के बच्चे इसलिए खुश हैं क्योंकि वो उन्हें छोड़कर चली गयी है. अब उनकी ज़िन्दगी आसान और पहले से खूबसूरत हो गई है. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने. एक ऐसे वक़्त में जब फेसबुक और ट्विटर पर सब लिखा जा रहा है, सब पढ़ा जा रहा है. कई बार यहां ऐसी चीजें शेयर की जाती हैं जिनको देखकर खुशी होती है, तो कई बार बहुत सी चीजों को देखकर मन दुःख होता है. ऐसी चीजें देखकर मन ये सोचने पर विवश हो जाता है कि आखिर कोई व्यक्ति कैसे इतना पत्थर दिल हो सकता है.

इंटरनेट पर वायरल हो रहा ये शोकसंदेश किसी की भी आंखें नम कर सकता है

हो सकता है इतना पढ़कर आप विचलित हो जाएं तो आपको बताते चलें कि इन दिनों सोशल मीडिया पर एक शोकसंदेश वायरल हो रहा है जो लोगों के दुःख का कारण बना है और जिसने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस 105 शब्दों के शोकसंदेश में शुरूआती दो पैरा मृतक महिला का परिचय है जबकि बाक़ी तीन पैरा में जो लिखा है वो किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है.

इस शोकसन्देश के अनुसार, कैथलीन डेम्हलो का जन्म 19 मार्च 1938 को हुआ था. इन्होंने 1957 में वबासो स्थित सेंट ऐनी में डैनिस डेम्हलो से शादी की थी जिससे इनके दो बच्चे हुए जीना और जे. 1962 में ये अपने पति के भाई से गर्भवती हुईं और दोनों बच्चों को छोड़कर कैलिफोर्निया चली गयीं. इन्होंने अपने दोनों बच्चों जीना और जे का त्याग कर दिया जिन्हें उनके माता पिता (बच्चों के नाना नानी ) के द्वारा पाला गया. इनकी मौत 31 मई 2018 को स्प्रिंग फील्ड में हुई और अब ईश्वर इनके साथ...

एक तस्वीर ने सोशल मीडिया पर लोगों को बहुत आहत किया है. तस्वीर एक शोकसंदेश की है, जिसमें एक मां के बच्चे इसलिए खुश हैं क्योंकि वो उन्हें छोड़कर चली गयी है. अब उनकी ज़िन्दगी आसान और पहले से खूबसूरत हो गई है. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने. एक ऐसे वक़्त में जब फेसबुक और ट्विटर पर सब लिखा जा रहा है, सब पढ़ा जा रहा है. कई बार यहां ऐसी चीजें शेयर की जाती हैं जिनको देखकर खुशी होती है, तो कई बार बहुत सी चीजों को देखकर मन दुःख होता है. ऐसी चीजें देखकर मन ये सोचने पर विवश हो जाता है कि आखिर कोई व्यक्ति कैसे इतना पत्थर दिल हो सकता है.

इंटरनेट पर वायरल हो रहा ये शोकसंदेश किसी की भी आंखें नम कर सकता है

हो सकता है इतना पढ़कर आप विचलित हो जाएं तो आपको बताते चलें कि इन दिनों सोशल मीडिया पर एक शोकसंदेश वायरल हो रहा है जो लोगों के दुःख का कारण बना है और जिसने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस 105 शब्दों के शोकसंदेश में शुरूआती दो पैरा मृतक महिला का परिचय है जबकि बाक़ी तीन पैरा में जो लिखा है वो किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है.

इस शोकसन्देश के अनुसार, कैथलीन डेम्हलो का जन्म 19 मार्च 1938 को हुआ था. इन्होंने 1957 में वबासो स्थित सेंट ऐनी में डैनिस डेम्हलो से शादी की थी जिससे इनके दो बच्चे हुए जीना और जे. 1962 में ये अपने पति के भाई से गर्भवती हुईं और दोनों बच्चों को छोड़कर कैलिफोर्निया चली गयीं. इन्होंने अपने दोनों बच्चों जीना और जे का त्याग कर दिया जिन्हें उनके माता पिता (बच्चों के नाना नानी ) के द्वारा पाला गया. इनकी मौत 31 मई 2018 को स्प्रिंग फील्ड में हुई और अब ईश्वर इनके साथ न्याय करेगा. इन्हें जीना और जे द्वारा बिलकुल भी याद नहीं किया जाएगा क्योंकि वो मान चुके हैं कि ये दुनिया उनकी मां के बिना बहुत सुन्दर है.

सबसे पहले रीडवुड फाल्स गैजेट में छपे इस शोकसंदेश ने सोशल मीडिया यूजर्स को दो वर्गों में बांट दिया है जिसमें एक वर्ग ये मान रहा है कि अब चूंकि महिला की मौत हो गई है अतः बच्चों को उसे माफ कर देना चाहिए वहीं एक दूसरा वर्ग है जिसका मानना है कि बच्चों ने जो भी किया वो बिल्कुल सही किया.

गौरतलब है कि अब तक यही देखा गया है कि, शोक संदेशों में लोग अपने प्रिय के प्रति अपना प्यार जताते हैं मगर जो जीना और जे ने किया वो साफ दर्शा रहा है कि उन्हें अपनी मां से लगाव नहीं बल्कि बेपनाह नफरत थी. ध्यान रहे कि कैथलीन को लिखे शोक संदेश में इस आखिरी वाक्य ने लोगों का ध्यान खींचा और ये शोक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

खैर अब जबकि इस शोक संदेश को देखकर ये साफ हो गया है कि बच्चे अपनी मां के कृत्यों से बेहद आहत और नाराज थे कह सकते हैं कि इस शोकसंदेश ने एक साथ कई लोगों की आंखें खोली हैं और उन्हें सोचने पर विवश किया है. कामना यही की जा सकती है कि ऐसा शोकसंदेश किसी को न मिले.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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