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यति नरसिंहानंद की महिलाओं को लेकर बातें एक हारे हुए पुरुष का नजरिया है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 अगस्त, 2021 08:45 PM
  • 30 अगस्त, 2021 08:45 PM
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यति नरसिंहानंद सरस्वती ने भाजपा या अन्य दलों में महिलाओं के लिए अपने मन की बात नहीं की है. बल्कि उन्होंने ये बताया है कि सफल महिलाओं को देखकर एक हारे हुए पुरूष का नजरिया कमोबेश ऐसा ही रहता है.

अपने उग्र तेवरों के लिए हिंदूवादी संगठनों में खासी पकड़ रखने वाले गाजियाबाद स्थित शिव शक्ति मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती चर्चा में हैं. चर्चा हो भी क्यों न, उनका एक वीडियो वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में उन्होंने भाजपा समेत अलग अलग दलों में राजनीति कर रही महिलाओं का जिक्र किया है और अपनी बातों से अपनी घिनौनी सोच का परिचय दिया है. वीडियो में यति नरसिंहानंद सरस्वती महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी करते हुए कहा है कि BJP में जितनी भी महिलाएं दिखाई दे रही हैं, वह एक नेता के पास गईं और दूसरे के पास नहीं तो दूसरा उनका काम नहीं करेगा... तीसरे से काम है तो तीसरे के पास जाना है. अब ये हैं ईमानदार और चरित्रवान लोग. ये है राजनीति. जितनी महिलाएं राजनीति करती घूम रही हैं, पूरा मजा आ रहा है. मैं कह तो कुछ नहीं सकता, मातृशक्ति हैं... मैं मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं'. वीडियो में नरसिंहानंद का जैसा अंदाज था, उनके चेहरे और भावों से उनकी बेशर्मी साफ़ तौर पर देखी जा सकती है. मामले में सबसे ज्यादा विचलित नरसिंहानंद के समर्थकों का नजरिया है जो अपने गुरु की बातों को एन्जॉय कर रहे हैं और उन्हें भी भरपूर मजा आ रहा है.

राजनीति में महिलाओं की एंट्री पर जो बात यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कही है वो शर्मसार करने वाली है

बताते चलें कि इंटरनेट पर भाजपा समर्थकों से लेकर विरोधियों और महिलाओं तक जंगल की आग की तरह फैल चुके इस वीडियो में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उत्तर प्रदेश में सपा सरकार से लेकर मायावती सरकार तक और मौजूदा भाजपा में महिला नेताओं की स्थिति पर अपने ज्ञान और कुतर्कों की उल्टी की है और कहीं न कहीं ये बताने का प्रयास किया है कि अपने बूते सफल हुई महिलाओं को देखकर एक हारे हुए पुरूष का नजरिया कमोबेश ऐसा ही रहता है.

नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा है कि...

अपने उग्र तेवरों के लिए हिंदूवादी संगठनों में खासी पकड़ रखने वाले गाजियाबाद स्थित शिव शक्ति मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती चर्चा में हैं. चर्चा हो भी क्यों न, उनका एक वीडियो वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में उन्होंने भाजपा समेत अलग अलग दलों में राजनीति कर रही महिलाओं का जिक्र किया है और अपनी बातों से अपनी घिनौनी सोच का परिचय दिया है. वीडियो में यति नरसिंहानंद सरस्वती महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी करते हुए कहा है कि BJP में जितनी भी महिलाएं दिखाई दे रही हैं, वह एक नेता के पास गईं और दूसरे के पास नहीं तो दूसरा उनका काम नहीं करेगा... तीसरे से काम है तो तीसरे के पास जाना है. अब ये हैं ईमानदार और चरित्रवान लोग. ये है राजनीति. जितनी महिलाएं राजनीति करती घूम रही हैं, पूरा मजा आ रहा है. मैं कह तो कुछ नहीं सकता, मातृशक्ति हैं... मैं मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं'. वीडियो में नरसिंहानंद का जैसा अंदाज था, उनके चेहरे और भावों से उनकी बेशर्मी साफ़ तौर पर देखी जा सकती है. मामले में सबसे ज्यादा विचलित नरसिंहानंद के समर्थकों का नजरिया है जो अपने गुरु की बातों को एन्जॉय कर रहे हैं और उन्हें भी भरपूर मजा आ रहा है.

राजनीति में महिलाओं की एंट्री पर जो बात यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कही है वो शर्मसार करने वाली है

बताते चलें कि इंटरनेट पर भाजपा समर्थकों से लेकर विरोधियों और महिलाओं तक जंगल की आग की तरह फैल चुके इस वीडियो में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उत्तर प्रदेश में सपा सरकार से लेकर मायावती सरकार तक और मौजूदा भाजपा में महिला नेताओं की स्थिति पर अपने ज्ञान और कुतर्कों की उल्टी की है और कहीं न कहीं ये बताने का प्रयास किया है कि अपने बूते सफल हुई महिलाओं को देखकर एक हारे हुए पुरूष का नजरिया कमोबेश ऐसा ही रहता है.

नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा है कि बसपा में महिलाओं को टिकट देने के लिए कोई नेता सिफारिश नहीं कर सकता है, अगर ऐसा कोई करता है तो उसका भी टिकट कर जाता है. वहीं उन्होंने सपा पर आरोप लगाते हुए उसे डकैतों की सरकार बताया है और कहा है यहां औरतें किसी एक की होतीं थीं. भले ही उस एक के पास कितनी भी औरतें हों, लेकिन जो एक की है, वो एक की है.

महिलाओं के मद्देनजर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बहुत बड़ी बात की थी. जो उनके समर्थकों को तो अच्छी लग सकती है. मगर कोई भी समझदार इंसान होगा उसे ये बातें शर्मसार करेंगी. हमारी आपकी तरह ये बातें राष्ट्रीय महिला आयोग को भी अच्छी नहीं लगी हैं. महिलाओं पर बदसलूकी के लिए यति नरसिंहानंद सरस्वती को सख्त से सख्त सजा मिले इसलिए आयोग ने राज्य के डीजीपी को एक पत्र लिखा है.

भाजपा नेताओं को भी यति की सोच ने खासा आहत किया है. भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने नरसिंहानंद का वीडियो ट्वीट किया है. बग्गा ने NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा और P पुलिस को टैग किया और कार्रवाई की मांग की है.

कपिल मिश्रा भी यति की बातों से सहमत नहीं है और उनका भी मानना है कि यति नरसिंहानंद की महिलाओं के प्रति सोच किसी भगवाधारी की हो ही नहीं सकती. ये जिहादी सोच से बीमार कोई कुंठित आदमी है

वहीं भाजपा से जुड़ी महिला नेताओं को भी यति के इस बयान ने बहुत तकलीफ पहुंचाई है. यति की इस बात को मुद्दा बनाकर भाजपा नेता शेफाली वेद्या लगातार लिख रही हैं और इस बात को स्वीकार कर रही हैं कि यदि उन्होंने कभी यति को हीरोइक फिगर और हिंदू हृदय सम्राट समझा तो ये उनकी गलती के अलावा कुछ और नहीं था.

वाक़ई महिलाओं को लेकर जो कुछ भी यति ने कहा है वो घिनौना है. और कहीं न कहीं इस बात का एहसास करा रहा है कि हमारा समाज कभी महिलाओं को बढ़ते या फिर सफल होते देख ही नहीं सकता. इतिहास गवाह है. जैसे ही महिलाएं सफल होंगी या होनी शुरू होंगी उन पर अनर्गल आरोप लगने शुरू हो जाएंगे.

राजनीति के क्षेत्र में हों या कहीं और. देखा जाए तो हमें यति जैसे लोगों की बातों का इसलिए भी बुरा नहीं मानना चाहिए क्योंकि किसी सफल महिला के लिए कटटरपंथी पुरुषों की सोच प्रायः ऐसी ही रही है. कोई आज से नहीं हमेशा से ही इनका ये मानना रहा है कि यदि महिला किसी मुकाम पर पहुंची है तो अवश्य ही उसने शार्ट कट अपनाए हैं. वो गलत रास्तों पर चली है.

चूंकि यति अपनी बातों से समाज के एक बड़े वर्ग को प्रभावित करते हैं और क्योंकि उनकी बातें हद दर्जे की ओछी हैं यूपी पुलिस को इन्हें गिरफ्तार करके सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए और बताना चाहिए कि पीएम द्वारा कही गयी महिला सम्मान की बात न तो फर्जी है न ही उनमें कोई ढकोसला है.

बहरहाल अब जबकि महिलाओं के प्रति यति नरसिंहानंद सरस्वती का नजरिया बाहर आ ही गया है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि पुलिस महिलाएं और भाजपा इनपर क्या एक्शन लेते हैं? इनपर एक्शन लिया भी जाता है या रसूख और पॉलिटिकल पहुंच के कारण इनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. सवाल कई हैं जवाब आने वाला समय देगा।

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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