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ग्रेनेड हमला करने वाले आतंकी इन कश्मीरी युवाओं को देख लें

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 07 मार्च, 2019 05:17 PM
  • 07 मार्च, 2019 05:16 PM
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मुमकिन है कि जम्मू में बस पर ग्रेनेड फेंकने वाला शख्स भी कश्मीर का ही रहने वाला हो. तो क्या सारे कश्मीरी लोग ऐसी ही घटनाओं को अंजाम देने वाले होते हैं? नहीं. और ये तस्वीरें देखकर कश्मीर के लिए आपकी भी सोच बदल जाएगी.

जम्मू में गुरुवार को सुबह 11.30 बजे एक आतंकी हमला हुआ है, जिसमें यात्रियों से भरी एक बस पर ग्रेनेड फेंका गया है. ग्रेनेड के धमाके में एक शख्स की मौत हो गई है, जबकि करीब 29 लोगों के घायल होने की खबर है. अभी कुछ दिन पहले ही कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. जांच के बाद पता चला कि हमला करने वाला शख्स आदिल डार जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करता था और कश्मीर का ही रहने वाला था. अब जम्मू में हुए आतंकी हमले की जांच भी इसी एंगल से की जा रही है.

मुमकिन है कि जम्मू में बस पर ग्रेनेड फेंकने वाला शख्स भी कश्मीर का ही रहने वाला हो. इसी बीच भारत के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीरी लोगों के साथ मारपीट की खबरें भी आ रही हैं. तो क्या सारे कश्मीरी लोग ऐसी ही घटनाओं को अंजाम देने वाले होते हैं? क्या सभी ऐसे ही हैं जो सेना पर पत्थर फेंकते हैं? नहीं. बहुत से कश्मीरी युवक ऐसे भी हैं जो भारत के लिए मर मिटने तक को तैयार हैं, तभी तो वह भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. जम्मू में ग्रेनेड हमला करने वाले आतंकियों को कश्मीर के इन युवकों को देखना चाहिए और इनसे सीखना चाहिए.

ये तस्वीरें देखकर कश्मीर के लिए आपकी भी सोच बदल जाएगी.

भारतीय सेना में भर्ती

जम्मू-कश्मीर के स्थानीय युवकों की जब भी बात होती है तो सेना पर पत्थर मारती हुई तस्वीरें ही सामने आती हैं, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है. यहां के बहुत सारे युवक इन दिनों प्रादेशिक सेना में भर्ती होने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. डोडा जिले में 57 वैकेंसी के लिए जम्मू-कश्मीर के युवकों ने काफी मेहनत भी की और बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आपको बता दें कि भर्ती 5 मार्च से शुरू हुई है, जो 13 मार्च तक चलेगी. इसके तहत डोडा, किश्तवर, रामबन...

जम्मू में गुरुवार को सुबह 11.30 बजे एक आतंकी हमला हुआ है, जिसमें यात्रियों से भरी एक बस पर ग्रेनेड फेंका गया है. ग्रेनेड के धमाके में एक शख्स की मौत हो गई है, जबकि करीब 29 लोगों के घायल होने की खबर है. अभी कुछ दिन पहले ही कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. जांच के बाद पता चला कि हमला करने वाला शख्स आदिल डार जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करता था और कश्मीर का ही रहने वाला था. अब जम्मू में हुए आतंकी हमले की जांच भी इसी एंगल से की जा रही है.

मुमकिन है कि जम्मू में बस पर ग्रेनेड फेंकने वाला शख्स भी कश्मीर का ही रहने वाला हो. इसी बीच भारत के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीरी लोगों के साथ मारपीट की खबरें भी आ रही हैं. तो क्या सारे कश्मीरी लोग ऐसी ही घटनाओं को अंजाम देने वाले होते हैं? क्या सभी ऐसे ही हैं जो सेना पर पत्थर फेंकते हैं? नहीं. बहुत से कश्मीरी युवक ऐसे भी हैं जो भारत के लिए मर मिटने तक को तैयार हैं, तभी तो वह भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. जम्मू में ग्रेनेड हमला करने वाले आतंकियों को कश्मीर के इन युवकों को देखना चाहिए और इनसे सीखना चाहिए.

ये तस्वीरें देखकर कश्मीर के लिए आपकी भी सोच बदल जाएगी.

भारतीय सेना में भर्ती

जम्मू-कश्मीर के स्थानीय युवकों की जब भी बात होती है तो सेना पर पत्थर मारती हुई तस्वीरें ही सामने आती हैं, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है. यहां के बहुत सारे युवक इन दिनों प्रादेशिक सेना में भर्ती होने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. डोडा जिले में 57 वैकेंसी के लिए जम्मू-कश्मीर के युवकों ने काफी मेहनत भी की और बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आपको बता दें कि भर्ती 5 मार्च से शुरू हुई है, जो 13 मार्च तक चलेगी. इसके तहत डोडा, किश्तवर, रामबन और उधमपुर जिलों में भर्तियां हो रही हैं.

हार नहीं मानेंगे...

सेना में भर्ती होने की ख्वाहिश तो अधिकतर लोगों की होती है, लेकिन वो ख्वाहिश पूरी बहुत ही कम लोगों की होती है. ठीक ऐसा ही जम्मू-कश्मीर में चल रही भर्ती में भी देखने को मिल रहा है. कुछ चुन लिए जाने पर खुश हो रहे हैं तो कुछ उदास, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि वह हार गए. एक प्रतिभागी नवाज अहमद कहते हैं- 'मैंने 12-13 बार कोशिश की है. मैं तब तक कोशिश करता रहूंगा, जब तक क्वालिफाई नहीं हो जाता. मैं बचपन से ही भारतीय सेना में भर्ती होना चाहता था. मैं अपनी जीविका कमाने के साथ-साथ देश की सेवा करना चाहता हूं. मैं बहुत ही गरीब हूं और यहां से बहुत दूर रहता हूं. मुझे हमारे यहां स्थित एक मस्जिद के इमाम ने मस्जिद के फंड में से 1500 रुपए दिए ताकि मैं यहां पहुंच सकूं. भारतीय सेना सभी के साथ अच्छे से पेश आती है और मैं भी वही करना चाहता हूं.'

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, जिसकी वजह से युवा बहकावों में आ जाते हैं और भटक जाते हैं और नवाज अहमद भी इस बात को मानते हैं. एक अन्य युवा राहुल कुमार कहते हैं- 'मैं तो चाहता हूं कि सभी को सेना में जाना चाहिए. भारतीय सेना युवाओं को उनका सपना पूरा करने के लिए सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म देती है. सेना सिर्फ रोजगार का ही मौका नहीं देती, बल्कि हमारे परिवारों की रक्षा भी करती है.'

जम्मू हमले में क्या हुआ?

सुबह 11.30 बजे जम्मू की एक बस पर ग्रेनेड से हमला किया गया. जब ये हमला हुआ तब बस एक स्टॉप पर खड़ी थी और उसमें यात्री बैठे हुए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजीपी ने इस बाती की पुष्टि की है कि ये हमला ग्रेनेड के जरिए किया गया. अब तक इस हमले को अंजाम देने के आरोप में करीब 18 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और ये पता करने में जुटी है कि आखिर इस हमले को किसने अंजाम दिया. इस धमाके में एक शख्स की मौत हुई है और 29 लोग घायल हैं. सरकार की तरफ से घटना में घायल हुए लोगों की लिस्ट भी जारी की गई है.

जम्मू हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि 29 लोग घायल हैं.

भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे इन युवकों ने जम्मू-कश्मीर का वो चेहरा दुनिया के सामने रखा है, जिससे अब तक सभी अनजान थे. कश्मीर की बात होती थी तो लोग सिर्फ विरोध प्रदर्शन, तरह-तरह के नारे बाजी, जिनमें पाकिस्तान समर्थित नारे भी शामिल हैं और सेना पर पत्थर फेंकने की घटनाओं को याद करते थे. लेकिन अब जम्मू-कश्मीर के युवकों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो देखकर ये कहा जा सकता है कि भले ही आज कश्मीर में शांति ना हो, लेकिन भविष्य में धरती का ये स्वर्ग एक बार फिर से गुलजार होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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