• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

पाकिस्तानी कट्टरपंथी के गजवा-ए-हिन्द की तरह है इंद्रेश कुमार के 'अखंड-भारत' की कल्पना

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 19 मार्च, 2019 01:33 PM
  • 19 मार्च, 2019 01:33 PM
offline
पाकिस्तान के लिए जो भी बातें संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहीं यदि उनका अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि एक ख्याल के तौर पर उनकी बातें बहुत अच्छी हैं. मगर वास्तविकता यही है कि उनकी बातों में टेक्निकल खामियां हैं जो कोरी लफ्फाजी से ज्यादा और कुछ नहीं प्रतीत हो रही हैं.

'आप लिखकर लीजिये 5-7 साल बाद आप कहीं कराची, लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट में मकान खरीदेंगे और बिज़नस करने का मौका मिलेगा.'

उपरोक्त कथन कवि की कोरी कल्पना नहीं बल्कि एक सोचा समझा बयान हैं जिसने 2019 के आम चुनावों से पहले सियासी गलियारों में एक नए वाद को जन्म दे दिया है. बयान संघ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच नामक संगठन के कर्ताधर्ता इंद्रेश कुमार का है. बयान के बाद से इंद्रेश कुमार सुर्ख़ियों में हैं. 'कश्मरी- आगे की राह' विषय पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अगले 6 सालों में यानी 2025 के बाद पाकिस्तान भारत का हिस्सा बन जाएगा.

इंद्रेश कुमार ने जो भी बातें पाकिस्तान पर कहीं हैं उसने एक नए वाद को जन्म दे दिया है

अगर पूरी तसल्ली के साथ संघ नेता द्वारा कही गयी बातों का अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि, उनकी बातें ठीक वैसी ही हैं जैसा किसी पाकिस्तानी राजनेता का भारत में "गजवा ए हिन्द" की बातों का समर्थन करना और बड़ी बड़ी बातें कहना.

कराची, लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट में मकान खरीदेंगे और बिज़नस करने की बातें सुन लोगों के अन्दर जोश का भर जाना स्वाभाविक था. जनसभा में लोगों के मनोबल ने इंद्रेश कुमार को और भी तल्ख होने के लिए मोटिवेट किया. आगे उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पहली बार कश्मीर में सख्त लाइन दी है. क्योंकि सेना पॉलिटिकल विलपॉवर (राजनीतिक इच्छाशक्ति) पर ऐक्ट करती है. अब विलपॉवर पॉलिटिकली चेंज हो गई. इसलिए हम ये सपने लेके बैठे हैं कि लाहौर जाकर बैठेंगे और कैलाश मानसरोवर के लिए इजाजत चीन से नहीं लेनी पड़ेगी. ढाका में हमने अपने हाथ की सरकार बनाई है.

एक यूरोपियन यूनियन जैसा भारतीय यूनियन ऑफ अखंड भारत जन्म लेने के रास्ते पर जा सकता है. कुल मिलकर इंद्रेश...

'आप लिखकर लीजिये 5-7 साल बाद आप कहीं कराची, लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट में मकान खरीदेंगे और बिज़नस करने का मौका मिलेगा.'

उपरोक्त कथन कवि की कोरी कल्पना नहीं बल्कि एक सोचा समझा बयान हैं जिसने 2019 के आम चुनावों से पहले सियासी गलियारों में एक नए वाद को जन्म दे दिया है. बयान संघ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच नामक संगठन के कर्ताधर्ता इंद्रेश कुमार का है. बयान के बाद से इंद्रेश कुमार सुर्ख़ियों में हैं. 'कश्मरी- आगे की राह' विषय पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अगले 6 सालों में यानी 2025 के बाद पाकिस्तान भारत का हिस्सा बन जाएगा.

इंद्रेश कुमार ने जो भी बातें पाकिस्तान पर कहीं हैं उसने एक नए वाद को जन्म दे दिया है

अगर पूरी तसल्ली के साथ संघ नेता द्वारा कही गयी बातों का अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि, उनकी बातें ठीक वैसी ही हैं जैसा किसी पाकिस्तानी राजनेता का भारत में "गजवा ए हिन्द" की बातों का समर्थन करना और बड़ी बड़ी बातें कहना.

कराची, लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट में मकान खरीदेंगे और बिज़नस करने की बातें सुन लोगों के अन्दर जोश का भर जाना स्वाभाविक था. जनसभा में लोगों के मनोबल ने इंद्रेश कुमार को और भी तल्ख होने के लिए मोटिवेट किया. आगे उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पहली बार कश्मीर में सख्त लाइन दी है. क्योंकि सेना पॉलिटिकल विलपॉवर (राजनीतिक इच्छाशक्ति) पर ऐक्ट करती है. अब विलपॉवर पॉलिटिकली चेंज हो गई. इसलिए हम ये सपने लेके बैठे हैं कि लाहौर जाकर बैठेंगे और कैलाश मानसरोवर के लिए इजाजत चीन से नहीं लेनी पड़ेगी. ढाका में हमने अपने हाथ की सरकार बनाई है.

एक यूरोपियन यूनियन जैसा भारतीय यूनियन ऑफ अखंड भारत जन्म लेने के रास्ते पर जा सकता है. कुल मिलकर इंद्रेश कुमार संघ की उस लाइन को ही दोहराते नजर आए जिसमें संघ 'अखंड भारत' की बता करता है. ध्यान रहे कि अखंड भारत की अवधारणा में पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, अफ़ग़ानिस्तान, बर्मा सब भारत का हिस्सा हैं. इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि संघ नेता ने बातें तो खूब कीं मगर वो ये बताने में नाकाम रहे कि आखिर ये सब होगा कैसे? इंद्रेश कुमार ने अपनी जनसभा में इस बारे में कोई बात नहीं की कि यदि सब कुछ सही हो जाए तो वो पाकिस्तान के करोड़ों मुसलमानों को भारत में कैसे और किस तरह आश्रय देंगे.

कह सकते हैं कि इंद्रेश कुमार की बातों में कई टेक्निकल दुश्वारियां हैं

पुलवामा हमले के मद्देनजर भी कई बातें कह गए इंद्रेश कुमार

बीते कई दिनों से जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुआ हमला और उस हमले के दौरान हुई 49  CRPF जवानों की मौत ट्रेंड में है. राजनेता लगातर अपनी सभाओं और संवादों में इसे भुना रहे हैं. संघ नेता इंद्रेश भी इसे भुनाने से पीछे नहीं हटे. उन्होंने कहा है कि पुलवामा हमले के बाद जवाबी कार्रवाई का सबूत मांगने वाले 'गद्दारों' के खिलाफ कानून की मांग करते हुए कहा, 'सेना की तारीफ करते-करते प्रूफ मांगने लगते हैं और मोदी का विरोध करते-करते 'आई लव यू पाकिस्तान' कहने लगे. ऐसे गद्दारों के लिए चाहे जेएनयू पढ़ें या महाराष्ट्र में, देश को नया कानून लाना है. तो फिर ना नसीरुद्दीन चलेगा, ना हामिद अंसारी चलेगा और ना ही नवजोत सिंह सिद्धू.'

इन बातों के अलावा आरएसएस नेता ये भी जानते हैं कि आखिर चीन पाकिस्तान की मदद क्यों कर रहा है. जैश आतंकी मौलाना मसूद अजहर का नाम लिए बिना इंद्रेश कुमार ने कहा है कि , 'हम जानते हैं कि चीन पाकिस्तान को अपने पाले में रखना चाहता है. चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया क्योंकि हमने उसे लड़ाई में बिना किसी बंदूक-गोली के ही हरा दिया. हमने डोकलाम से चीन को बाहर कर दिया. दुनिया यही जानती है कि चीन अपराजित है, लेकिन हमने उसे हरा दिया और इसी कारण वह गुस्सा है.'

बहरहाल अब जबकि इंद्रेश कुमार ने ये कह ही दिया है कि 2025 तक देश का कोई आम नागरिक कराची या इस्लामाबाद में मकान या दुकान खरीद सकता है तो ऐसे में हम उनसे ये पूछना चाहेंगे कि अब उन लोगों का क्या होगा जिसने असहमति होने पर हम उन्हें पाकिस्तान में डंप करते थे. ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से ऐसे लोग, जिनके विचारों पर असहमत हुआ जा रहा था उन्हें पाकिस्तान भेजने की बात कही जा रही थी.

पाकिस्तान और अखंड भारत के सम्बन्ध में जो भी बातें इंद्रेश कुमार ने कहीं उन्हें सुनकर हमारे लिए ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि हम इनके द्वारा कही कुछ बातें से सहमत तो हैं मगर जैसे आज के वैश्विक हालात हैं बातों में बातें कम और सवाल ज्यादा खड़े हो रहे हैं. अच्छा चूंकि अखंड भारत की अवधारणा पर इंद्रेश कुमार ने ज्यादा कुछ बताया नहीं है तो सवाल भी जस का तस अपनी जगह पर खड़े हैं और बरक़रार हैं. 

ये भी पढ़ें -

मोदी सरकार नया चुनावी जुमला लेकर आयी है - खास मंदिर समर्थकों के लिए

सरयू के तट पर नमाज: सौहार्द्र के नाम पर ये बेवकूफी है !

ईसाई संघ के जरिये क्या हासिल करना चाहता है संघ

 


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲