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Ram Navami Violence: बढ़ती हिंसा और घृणा का विधानसभा चुनाव से कनेक्शन, जानिए

    • अरविंद मिश्रा
    • Updated: 14 अप्रिल, 2022 08:16 PM
  • 14 अप्रिल, 2022 08:16 PM
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तक़रीबन सभी राज्यों से जहां हिंसा और घृणा कि ख़बरें आ रही है वहां विधानसभा के साथ कोई न कोई चुनाव प्रस्तावित है. वैसे इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं 2023 में 9 राज्यों- मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में विधानसभा चुनाव होने हैं.

हमारे देश में रामनवमी का पर्व बड़े धूमधाम से और शांतिपूर्ण तरीके से मनाने का इतिहास रहा है. लेकिन इस साल माहौल कुछ बदला-बदला सा रहा. देश के कई राज्यों से हिंसा की ख़बरें आई. राजस्थान के करौली के बाद मध्य प्रदेश के खरगोन और फिर गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात में भी रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा देखा गया. खंभात में हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखण्ड से हिंसा और घृणा फ़ैलाने की ख़बरें आयी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस बार ऐसा क्या है जिसकी वजह से इन राज्यों में हिंसा का माहौल बना?

आखिर देश ये क्यों भूल गया कि रामनवमी पर जहां जहां भी हिंसा हुई उन राज्यों में चुनाव है और जब चुनाव हों तो जायज सब है

अगर झारखण्ड को छोड़ दें तो बाकी जिन राज्यों से हिंसा कि खबरें आयी वहां चुनाव का माहौल है. ये महज एक संयोग हो सकता है लेकिन आम आदमी के मन में संदेह तो पैदा करता ही है. अब बारी -बारी से सारे राज्यों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं कि वहां क्या हुआ और चुनाव से उसका क्या कनेक्शन है.

राजस्थान

सबसे पहले बात राजस्थान कि जहां करौली में 2 अप्रैल को हिंदू नव वर्ष पर एक बाइक रैली में पथराव के बाद हिंसा भड़क गई, जिसमें 35 लोग घायल हो गए. कई वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. राजस्थान में अगले साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है.

मध्य प्रदेश

10 अप्रैल को राम नवमी के मौके पर खरगोन में शोभायात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई थी. हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने पेट्रोल बंब भी फेंके थे. इस पूरे घटनाक्रम में आम जनता समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए...

हमारे देश में रामनवमी का पर्व बड़े धूमधाम से और शांतिपूर्ण तरीके से मनाने का इतिहास रहा है. लेकिन इस साल माहौल कुछ बदला-बदला सा रहा. देश के कई राज्यों से हिंसा की ख़बरें आई. राजस्थान के करौली के बाद मध्य प्रदेश के खरगोन और फिर गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात में भी रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा देखा गया. खंभात में हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखण्ड से हिंसा और घृणा फ़ैलाने की ख़बरें आयी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस बार ऐसा क्या है जिसकी वजह से इन राज्यों में हिंसा का माहौल बना?

आखिर देश ये क्यों भूल गया कि रामनवमी पर जहां जहां भी हिंसा हुई उन राज्यों में चुनाव है और जब चुनाव हों तो जायज सब है

अगर झारखण्ड को छोड़ दें तो बाकी जिन राज्यों से हिंसा कि खबरें आयी वहां चुनाव का माहौल है. ये महज एक संयोग हो सकता है लेकिन आम आदमी के मन में संदेह तो पैदा करता ही है. अब बारी -बारी से सारे राज्यों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं कि वहां क्या हुआ और चुनाव से उसका क्या कनेक्शन है.

राजस्थान

सबसे पहले बात राजस्थान कि जहां करौली में 2 अप्रैल को हिंदू नव वर्ष पर एक बाइक रैली में पथराव के बाद हिंसा भड़क गई, जिसमें 35 लोग घायल हो गए. कई वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. राजस्थान में अगले साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है.

मध्य प्रदेश

10 अप्रैल को राम नवमी के मौके पर खरगोन में शोभायात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई थी. हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने पेट्रोल बंब भी फेंके थे. इस पूरे घटनाक्रम में आम जनता समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे जहां हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाना पड़ा. यहां तो आरोपियों के मकान पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर गिरा दिया. यहां भी अगले साल यानि 2023 में विधानसभा का चुनाव होना है.

गुजरात

यहां आणंद जिले के खंभात और साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में भी रामनवमी के मौके पर दो गुट आपस में भिड़ गए जिसमे एक व्यक्ति के मौत होने कि खबर आई. गुजरात में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. ये चुनाव काफी अहम है क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है.

कर्नाटक

कर्नाटक में पहले हिजाब फिर हलाल विवाद के बाद धारवाड़ में मंदिर के सामने मुस्लिमों के फलों के ठेलों को तोड़ा गया. इसके बाद राज्य में माहौल ख़राब होने लग गया और सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाए. दक्षिण भारत में कर्नाटक इकलौता राज्य है, जहां भाजपा की सरकार है. यहां भी 2023 में विधानसभा चुनाव होना है.

दिल्ली

यहां के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में नॉनवेज बनने और परोसने पर हंगामा हुआ. कैंपस में छात्रों के बीच मारपीट भी हुई. लेफ्ट विंग और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् एक दूसरे के ऊपर आरोप लगाए. दिल्ली में नगर निगम का चुनाव इसी साल हो सकती है.

पश्चिम बंगाल

राज्य के बांकुरा और हावड़ा में राम नवमी जुलूस के दौरान काफी बवाल हुआ.कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. यहां आसनसोल उपचुनाव हुए.

महाराष्ट्र

राम नवमी पर मुंबई के मानखुर्द इलाके में कुछ लोगों ने जमकर हंगामा किया. रात में 20 से 25 गाडियों में कुछ 15-20 उत्पातियों ने तोड़फोड़ की और फरार हो गए. वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार को चेतावनी दी है कि तीन मई तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर बंद कर दें. यहां मुंबई नगर निकाय चुनाव इसी साल होने वाला है.

तक़रीबन सभी राज्यों से जहां हिंसा और घृणा कि ख़बरें आ रही है वहां विधानसभा के साथ कोई न कोई चुनाव प्रस्तावित है. वैसे इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं 2023 में 9 राज्यों- मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में विधानसभा चुनाव होने हैं. खास बात यह है कि इन सारे 11 राज्यों में केवल दो राज्यों -राजस्थान और छत्तीसगढ़ को छोड़कर बाकि 9 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और इसके सहयोगियों की सरकारें हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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