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राम-नवमी पर देश भर में हिंसा ने कौमी एकता और सौहार्द की बातों पर तमाचा जड़ा है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 11 अप्रिल, 2022 05:08 PM
  • 11 अप्रिल, 2022 05:08 PM
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देश के अलग अलग राज्यों में रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान क्या क्या हुआ इस पर तफ्सील से चर्चा होगी. जिस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए वो ये कि जैसे एक समाज के रूप में हम बारूद के ढेर पर बैठे हैं. यदि इस बारूद की छंटाई नहीं हुई और इसे साफ़ नहीं किया गया तो जो विस्फोट होगा हमारे पास संभालने को शायद ही कुछ बचे.

बहुत ज्यादा दूर नहीं जाना. 90 का दौर याद कीजिये. त्योहार तब भी थे. क्या हिंदू, क्या मुस्लिम. सब बढ़ चढ़कर उसमें हिस्सा लेते और प्रेम सौहार्द और भाईचारे के साथ त्योहार निपट जाते. ये अतीत की बात है हम 2022 में हैं. क्या स्थिति आज भी पहले जैसी या उससे मिलती जुलती है? जवाब के लिए हम गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश का रुख कर सकते हैं. इन तमाम राज्यों में रामनवमी के दौरान शोभा यात्रा में पथराव की घटनाएं सामने आई हैं. वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में दो समुदायों के बीच पनप चुकी नफरत कहां आ गयी है? इसका अंदाजा गुजरात के उस 65 साल के व्यक्ति की मौत से बड़ी ही आसानी के साथ लगाया जा सकता है जो पथराव के बाद उठी हिंसा की जद में आया और अपनी जान गंवा दी. देश के अलग अलग राज्यों में रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान क्या क्या हुआ इसपर तफ्सील से चर्चा होगी. लेकिन तमाम बातों के बीच जिस चीज का जिक्र होना चाहिए या ये कहें कि जिस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए वो ये कि जैसे एक समाज के रूप में हम बारूद के ढेर पर बैठे हैं. यदि इस बारूद की छंटाई नहीं हुई और इसे साफ़ नहीं किया गया तो जो विस्फोट होगा हमारे पास संभालने को शायद ही कुछ बचे.

राम नवमी के दौरान हिंसा के दृश्य दिल को दहला कर रख देने वाले हैं

बताते चलें कि रामनवमी शोभा यात्रा में जहां गुजरात में एक व्यक्ति की मौत की खबर है तो वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन में उठी हिंसा के बाद शहर के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. स्थिति न बिगड़े इसलिए शहर में धारा 144 भी लगी हुई है. हिंसा के ऐसे ही अन्य मामले पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी देखने को मिले हैं.

रामनवमी हिंसा के मद्देनजर जिक्र अगर देश की राजधानी दिल्ली का हो तो यहां भी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में मांसाहार को लेकर एबीवीपी...

बहुत ज्यादा दूर नहीं जाना. 90 का दौर याद कीजिये. त्योहार तब भी थे. क्या हिंदू, क्या मुस्लिम. सब बढ़ चढ़कर उसमें हिस्सा लेते और प्रेम सौहार्द और भाईचारे के साथ त्योहार निपट जाते. ये अतीत की बात है हम 2022 में हैं. क्या स्थिति आज भी पहले जैसी या उससे मिलती जुलती है? जवाब के लिए हम गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश का रुख कर सकते हैं. इन तमाम राज्यों में रामनवमी के दौरान शोभा यात्रा में पथराव की घटनाएं सामने आई हैं. वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में दो समुदायों के बीच पनप चुकी नफरत कहां आ गयी है? इसका अंदाजा गुजरात के उस 65 साल के व्यक्ति की मौत से बड़ी ही आसानी के साथ लगाया जा सकता है जो पथराव के बाद उठी हिंसा की जद में आया और अपनी जान गंवा दी. देश के अलग अलग राज्यों में रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान क्या क्या हुआ इसपर तफ्सील से चर्चा होगी. लेकिन तमाम बातों के बीच जिस चीज का जिक्र होना चाहिए या ये कहें कि जिस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए वो ये कि जैसे एक समाज के रूप में हम बारूद के ढेर पर बैठे हैं. यदि इस बारूद की छंटाई नहीं हुई और इसे साफ़ नहीं किया गया तो जो विस्फोट होगा हमारे पास संभालने को शायद ही कुछ बचे.

राम नवमी के दौरान हिंसा के दृश्य दिल को दहला कर रख देने वाले हैं

बताते चलें कि रामनवमी शोभा यात्रा में जहां गुजरात में एक व्यक्ति की मौत की खबर है तो वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन में उठी हिंसा के बाद शहर के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. स्थिति न बिगड़े इसलिए शहर में धारा 144 भी लगी हुई है. हिंसा के ऐसे ही अन्य मामले पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी देखने को मिले हैं.

रामनवमी हिंसा के मद्देनजर जिक्र अगर देश की राजधानी दिल्ली का हो तो यहां भी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में मांसाहार को लेकर एबीवीपी और लेफ्ट के छात्रों के बीच तीखी झड़प हुई है जिसमें 50 से ऊपर छात्रों को चोटें आई हैं.

जैसा कि हम बता चुके हैं रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान कुछ अराजक तत्वों के चलते स्थिति बेकाबू हुई और नौबत हिंसा की आई. आइये जानते हैं कि देश में कहां क्या-क्या हुआ.

गुजरात

गुजरात का जिक्र सबसे पहले इसलिए क्योंकि हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. गुजरात में आणंद और साबरकांठा में भयंकर बवाल हुआ है. खंभात में रामनवमी के मौके पर निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान दूसरे गुट के लोगों ने पथराव कर दिया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ. खंभात के एसपी अजीत राज्यन के अनुसार जिस जगह हिंसा हुई वहां से एक व्यक्ति का शव भी बरामद हुआ है जिसकी उम्र 65 साल के आस पास है.

हिंसा को लेकर जो तस्वीरें आई हैं वो अपने आप में तमाम तरह के सवाल खड़े करती हैं

मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है और उपद्रवियों की पहचान की कोशिशें तेज हो गयी हैं. इसी तरह गुजरात के हिम्मतनगर में भी हिंसा के मामले प्रकाश में आए हैं जहां दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए और इनके द्वारा वाहनों और दुकानों को नुकसान पहुंचा गया. यहां घटना एक मेले में हुई है और उपद्रवियों ने यहां भी खूब जमकर पत्थर चलाए हैं.

हालात आगे और ख़राब न हों इसलिए मौके पर अतिरिक्त सुरक्षा बालों को तैनात कर दिया गया है.

मध्य प्रदेश

गुजरात की ही तरह मध्य प्रदेश के खरगोन में भी पथराव् हुआ है. हालात कैसे थे इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.वहीं आगजनी और कुछ वाहनों और घरों में आग लगाने के मामले भी सामने आए हैं. झड़प में तीन पुलिस कर्मियों के घायल होने की भी खबर है. घटना के बाद खरगोन शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था.

पश्चिम बंगाल

बात राम नवमी में उठी हिंसा की हुई है तो हमारे लिए पश्चिम बंगाल का जिक्र करना भी बहुत जरूरी हो जाता है. बीते दिन पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी के जुलूस पर हमला किया गया. घटना की पुलिस जांच शुरू कर दी गई है साथ ही आगे और कोई बवाल न हो इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को नियुक्त किया गया है. विपक्षी बीजेपी का आरोप है कि रामनवमी के जुलूस पर पुलिस ने हमला किया था. पुलिस ने हावड़ा के निवासियों से सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी पोस्ट करते समय संयम बरतने को कहा है.

झारखंड

बताया जा रहा है कि बोकारो में, कुछ युवा बाइक पर रामनवमी के जुलूस में शामिल होने के लिए जा रहे थे, उनका एक समूह के साथ झगड़ा हो गया और उन पर पत्थरों से हमला किया गया. पुलिस ने कहा कि मामला सुलझा लिया गया है और शांति बहाल कर दी गई है.

वहीं लोहरदगा में भी रामनवमी जुलूस के दौरान झड़प हुई जिसमें चार लोग घायल हुए और दस मोटरसाइकिलें और एक पिकअप वैन में आग लगा दी गयी. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक समुदाय के लोगों ने जुलूस में शामिल लोगों पर कथित रूप से पथराव किया. हमला करने वालों ने जवाबी कार्रवाई की. मौके पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है.

दिल्ली - जेएनयू कैंपस बन गया है लेफ्ट और एबीवीपी का अखाड़ा

दिल्ली स्थित जेएनयू में रामनवमी की पूजा को लेकर शुरू हुआ विवाद कैसे हिंसा में बदला इस्लिकी एक बड़ी वजह हॉस्टल मेस को खाने को भी माना जा सकता है. बताया जा रहा है कि रविवार होने के कारण मेस में नॉनवेज खाना सर्व किया जा रहा था और क्योंकि हॉस्टल में ही रामनवमी की पूजा भी थी इसलिए इसका विरोध एबीवीपी के छात्रों ने किया. बाद में विरोध ने हिंसा का रूप लिया और नौबत मारपीट की आ गयी. बात अभी वर्तमान की हो तो परिसर में वामदलों और भाजपा की तरफ से भरपूर पॉलिटिक्स को अंजाम दिया जा रहा है. हालात और न बिगड़ें इसलिए परिसर में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है.

कर्नाटक

हिंदू मुस्लिम की राजनीति के नाम पर और तमाम चीजों का हवाला देकर कर्नाटक पहले से ही उबल रहा है. ऐसे में रामनवमी के झगडे ने आग में खर का काम किया है. कर्नाटक के कोलार में भी रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ. जिसके बाद माहौल बिगड़ा लेकिन उसे संभाल लिया गया. बवाल आगे और न बढ़े इसलिए कर्नाटक में भी अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है.

जिस तरह रामनवमी के अवसर पर उपरोक्त राज्यों में हिंसा हुई है उसने इस बात के साफ़ संकेत दे दिए हैं कि हम पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में ज्यादा धर्मांध हो गए हैं और जैसी थिति बन रही है हम बारूद के उस ढेर पर बैठे हैं जिसके नीचे सिर्फ और सिर्फ तबाही है. भले ही स्थिति ख़राब हो लेकिन अभी भी ये हमारे हाथ में है इसे जल्दी ही संभाल लिया जाए तो अच्छा है वरना कल हमारे पास बचाने को कुछ बचेगा नहीं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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