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क्यों राहुल गांधी के 'मसूद अजहर जी' का हिसाब रविशंकर के 'हाफिज जी' से बराबर नहीं होता

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 12 मार्च, 2019 08:10 PM
  • 12 मार्च, 2019 08:10 PM
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रविशंकर का 'हाफिज जी' वाला वीडियो शेयर कर के कांग्रेस राहुल गांधी के 'मसूद अजहर जी' का हिसाब बराबर करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस का पुराना रिकॉर्ड ऐसा होने नहीं देगा.

पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में घुसकर की गई एयर स्ट्राइक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एक चुनावी मुद्दा बन चुका है. इस हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के मुखिया मसूद अजहर को बचाने के लिए पाकिस्तान की थू-थू हो रही है. इसी बीच राहुल गांधी ने आतंकी मसूद अजहर के को 'जी' कहकर संबोधित कर दिया है और अब वह भाजपा ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता के टारगेट पर हैं. जहां एक ओर भाजपा उन्हें और कांग्रेस को आतंकियों से प्यार करने वाला कह रही है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया जा रहा है.

जहां एक ओर राहुल गांधी मसूद अजहर को 'जी' कहने के चलते आलोचना झेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधने के लिए रविशंकर प्रसाद का 'हाफिज जी' वाला वीडियो ट्वीट करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस की ओर से रविशंकर प्रसाद का वीडियो सामने लाकर राहुल गांधी के वीडियो को छुपाने और दबाने की पूरी कोशिश हो रही है. यहां तक कि राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल पर तो वीडियो में से 'जी' वाला हिस्सा ही काटकर हटा दिया गया है. खैर, रविशंकर का 'हाफिज जी' वाला वीडियो शेयर कर के कांग्रेस राहुल गांधी के 'मसूद अजहर जी' का हिसाब बराबर करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस का पुराना रिकॉर्ड ऐसा होने नहीं देगा.

राहुल के मसूद अजहर जी वाले वीडियो पर कांग्रेस ने रविशंकर प्रसाद का हाफिज जी वाला वीडियो जारी किया है.

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने सोमवार को भाजपा को घेरने के चक्कर में एक भारी गलती कर दी. अपनी बात बोलते-बोलते वह आतंकी मसूद अजहर को मसूद अजहर जी बोल गए. बस फिर क्या था, देखते ही देखते भाजपा ने...

पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में घुसकर की गई एयर स्ट्राइक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एक चुनावी मुद्दा बन चुका है. इस हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के मुखिया मसूद अजहर को बचाने के लिए पाकिस्तान की थू-थू हो रही है. इसी बीच राहुल गांधी ने आतंकी मसूद अजहर के को 'जी' कहकर संबोधित कर दिया है और अब वह भाजपा ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता के टारगेट पर हैं. जहां एक ओर भाजपा उन्हें और कांग्रेस को आतंकियों से प्यार करने वाला कह रही है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया जा रहा है.

जहां एक ओर राहुल गांधी मसूद अजहर को 'जी' कहने के चलते आलोचना झेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधने के लिए रविशंकर प्रसाद का 'हाफिज जी' वाला वीडियो ट्वीट करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस की ओर से रविशंकर प्रसाद का वीडियो सामने लाकर राहुल गांधी के वीडियो को छुपाने और दबाने की पूरी कोशिश हो रही है. यहां तक कि राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल पर तो वीडियो में से 'जी' वाला हिस्सा ही काटकर हटा दिया गया है. खैर, रविशंकर का 'हाफिज जी' वाला वीडियो शेयर कर के कांग्रेस राहुल गांधी के 'मसूद अजहर जी' का हिसाब बराबर करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस का पुराना रिकॉर्ड ऐसा होने नहीं देगा.

राहुल के मसूद अजहर जी वाले वीडियो पर कांग्रेस ने रविशंकर प्रसाद का हाफिज जी वाला वीडियो जारी किया है.

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने सोमवार को भाजपा को घेरने के चक्कर में एक भारी गलती कर दी. अपनी बात बोलते-बोलते वह आतंकी मसूद अजहर को मसूद अजहर जी बोल गए. बस फिर क्या था, देखते ही देखते भाजपा ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया. वीडियो में देखिए राहुल गांधी ने क्या कहा था.

जैसे ही कांग्रेस ने देखा कि उनकी आलोचना हो रही है और भाजपा हमलावर हुई जा रही है तो कांग्रेस ने रविशंकर प्रसाद का एक वीडियो शेयर कर दिया. इस वीडियो में रविशंकर प्रसाद आतंकी हाफिज सईद को हाफिज जी कहते हुए दिख रहे हैं.

क्या ऐसे हिसाब बराबर होगा?

ना तो राहुल गांधी, ना ही रविशंकर प्रसाद के 'जी' का मतलब ये है कि वो लोग किसी आतंकी को सम्मान देना चाहते हैं. लेकिन राहुल गांधी पर अधिक और रविशंकर प्रसाद पर कम हमले होने की वजह है दोनों पार्टियों का पुराना रिकॉर्ड. भाजपा तो हमेशा से ही पाकिस्तान विरोधी, आतंक विरोधी और राष्ट्र सुरक्षा को सबसे ऊपर रखने वाली पार्टी रही है, लेकिन कांग्रेस से कई मौकों पर ऐसी बातें सामने आई हैं जो राष्ट्र विरोधी थीं. ऐसा एक-दो नहीं, बल्कि कई बार हुआ है. यही वजह है कि भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के एक वीडियो से कांग्रेस की सालों से बनी खराब इमेज का हिसाब कतई बराबर नहीं हो सकता.

कांग्रेस नेता ही डुबा रहे हैं पार्टी को

सबसे पहले बात गुलाम नबी आजाद की, जो कभी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री तक रह चुके हैं. उन्होंने कहा था कि घाटी में चल रहे सेना के ऑपरेशन में आतंकी कम और नागरिक ज्यादा मर रहे हैं. उनके इस बयान के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने उस बयान का समर्थन करने हुए प्रेस रिलीज तक जारी कर दी थी, जिसके बाद कांग्रेस को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था.

कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज ने तो आजाद कश्मीर का राग अलाप दिया था. उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीरी आजादी चाहते हैं. इस मुद्दे पर बातचीत के दौरान तो वह आजतक चैनल के सवालों पर इस कदर बौखला गए थे कि इंटरव्यू बीच में ही छोड़कर चल दिए थे.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयानों को कोई कैसे भूल सकता है. शायद ये उनकी खराब बयानबाजी का ही नतीजा है कि अब पार्टी उन्हें कोई जिम्मेदारी तक नहीं सौंपती. यहां तक कि अगर वह कुछ बयान भी दे दें तो उसे पार्टी का नहीं, बल्कि उनका निजी माना जाता है. हाल ही में पुलवामा हमले को 'दुर्घटना' बोलकर वह विवादों में घिरे थे. इससे पहले वह आतंकी हाफिद सईद को 'साहब' और आतंकी ओसामा बिन लादेन को 'जी' कहने के चलते आलोचनाओं में घिरे थे. वह तो विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को 'शांतिदूत' भी कह चुके हैं.

ये तो बात सिर्फ बयानों की थी, अगर बाटला हाउस एनकाउंटर को उठाकर देखें तो उसके बाद भी कांग्रेस की बहुत आलोचना हुई थी. कई पार्टियों ने आरोप लगाया था कि वह एनकाउंटर फर्जी था. खुद दिग्विजय सिंह ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा था कि अगर ये एनकाउंटर था तो बच्चे के सिर पर 5 गोलियां कैसे लगीं? इसके अलावा मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले को कौन भूल सकता है. उस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन उसके बाद भी कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए. इस बात को लेकर भी आए दिन विपक्ष कांग्रेस को घेरता है. यानी कांग्रेस और उसके नेताओं ने इतनी गलतियां की हैं कि रविशंकर प्रसाद के महज एक वीडियो से उन सबका हिसाब बराबर नहीं किया जा सकता है.

भाजपा ने शुरू से ही खुद को पाकिस्तान विरोधी और देशभक्त पार्टी की तरह जनता के सामने प्रस्तुत किया. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस एक रास्ते पर नहीं चल सकी. चुनाव जीतने के लिए कभी सेकुलर बन गई, तो कभी भगवा और जनेऊधारण कर के हिंदुत्व की बात करने लगी. यहां तक कि भाजपा ने गाय की बात करना शुरू की तो उसे भी कांग्रेस ने अपना लिया. अब कांग्रेस भी हर मोर्चे पर भाजपा की तरह देशभक्ति की बातें करती नजर तो आती है, लेकिन अब तक कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी की इमेज इतनी खराब बना दी है कि राहुल गांधी की एक छोटी सी गलती पर भी विरोधी उनका पूरा इतिहास उठाकर जनता के सामने रख देंगे जो बेशक कांग्रेस के खिलाफ ही जाएगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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