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पुलवामा हमले के कितने गुनाहगार खत्म, कितने बाकी?

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 11 मार्च, 2019 05:08 PM
  • 11 मार्च, 2019 03:06 PM
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भारतीय सेना ने पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के लिए जिम्मेदार कई आतंकियों को तो ठिकाने लगा दिया है, लेकिन अभी भी पुलवामा हमले के कई गुनहगार खुलेआम घूम रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Attack) के बाद से ही आतंकियों के खिलाफ एक अभियान सा चलाया जा रहा है. आए दिन आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है, जिनमें पुलवामा हमले के गुनहगार भी शामिल हैं. हाल ही में पुलवामा जिले के ट्राल इलाके में भी एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया गया है. इतना ही नहीं, उसके साथ दो अन्य आतंकी भी मारे गए हैं जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे. आपको बताते चलें कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी भी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली है.

मसूद अजहर का ये संगठन पाकिस्तान की धरती से ऑपरेट होता है और भारत में आतंक फैलाता है. 26 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के ही एक आतंकी ठिकाने पर भारत ने एयर स्ट्राइक की थी, जो पाकिस्तान के बालाकोट में चलता था. उम्मीद जताई जा रही है कि उस एयर स्ट्राइक में करीब 300 आतंकी मारे गए हैं. भले ही बालाकोट कैंप में पल रहे आतंकियों को भारतीय वायुसेना ने मौत के घाट उतार दिया हो, लेकिन अभी भी पुलवामा आतंकी हमला कर के 46 सीआरपीएफ जवानों को शहीद करने वाले कई गुनहगार खुलेआम घूम रहे हैं. चलिए जानते हैं अब तक पुलवामा हमले के कितने गुनहगारों को खत्म कर दिया गया है और कितने अभी बाकी हैं.

पुलवामा हमले के गुनहगारों को भारतीय सेना के जवान ढूंढ़-ढूंढ़ कर मार रहे हैं.

सबसे पहले मरा आदिल डार

आदिल डार वही शख्स है, जिसने पुलवामा हमला को अंजाम दिया. इसके लिए उसने करीब 300 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया, जिसे एक मारुति ईको गाड़ी में भरकर सेना के काफिले पर हमला किया गया. ये एक आत्मघाती हमला था, जिसमें सेना के 46 जवान तो शहीद हुए ही, आदिल डार खुद भी मारा गया. 20 वर्षीय आदिल डाल 2018 में आतंकी बना था, जो सबसे पहले मूसा के गजावत-अल-हिंद आतंकी संगठन से जुड़ा और फिर बाद में वह...

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Attack) के बाद से ही आतंकियों के खिलाफ एक अभियान सा चलाया जा रहा है. आए दिन आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है, जिनमें पुलवामा हमले के गुनहगार भी शामिल हैं. हाल ही में पुलवामा जिले के ट्राल इलाके में भी एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया गया है. इतना ही नहीं, उसके साथ दो अन्य आतंकी भी मारे गए हैं जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे. आपको बताते चलें कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी भी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली है.

मसूद अजहर का ये संगठन पाकिस्तान की धरती से ऑपरेट होता है और भारत में आतंक फैलाता है. 26 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के ही एक आतंकी ठिकाने पर भारत ने एयर स्ट्राइक की थी, जो पाकिस्तान के बालाकोट में चलता था. उम्मीद जताई जा रही है कि उस एयर स्ट्राइक में करीब 300 आतंकी मारे गए हैं. भले ही बालाकोट कैंप में पल रहे आतंकियों को भारतीय वायुसेना ने मौत के घाट उतार दिया हो, लेकिन अभी भी पुलवामा आतंकी हमला कर के 46 सीआरपीएफ जवानों को शहीद करने वाले कई गुनहगार खुलेआम घूम रहे हैं. चलिए जानते हैं अब तक पुलवामा हमले के कितने गुनहगारों को खत्म कर दिया गया है और कितने अभी बाकी हैं.

पुलवामा हमले के गुनहगारों को भारतीय सेना के जवान ढूंढ़-ढूंढ़ कर मार रहे हैं.

सबसे पहले मरा आदिल डार

आदिल डार वही शख्स है, जिसने पुलवामा हमला को अंजाम दिया. इसके लिए उसने करीब 300 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया, जिसे एक मारुति ईको गाड़ी में भरकर सेना के काफिले पर हमला किया गया. ये एक आत्मघाती हमला था, जिसमें सेना के 46 जवान तो शहीद हुए ही, आदिल डार खुद भी मारा गया. 20 वर्षीय आदिल डाल 2018 में आतंकी बना था, जो सबसे पहले मूसा के गजावत-अल-हिंद आतंकी संगठन से जुड़ा और फिर बाद में वह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ गया.

आदिल डार ने ही सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें वह खुद भी मारा गया.

अब्दुल रशीद गाजी उर्फ कामरान का एनकाउंटर

पुलवामा आतंकी हमले के चंद दिनों बाद ही 18 फरवरी को भारतीय सेना ने पहली कड़ी में ही जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रशीद गाजी उर्फ कामरान को मार गिराया गया था. बताया जा रहा था कि वही पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड भी था. इस एनकाउंटर में सेना के एक अफसर और 3 जवान भी शहीद हो गए थे और साथ ही एक आम नागरिक की मौत हुई थी. पुलवामा के पिंगलाना में हुई मुठभेड़ में मारा गया आतंकी अब्दुल रशीद गाजी जैश कमांडर, IED एक्सपर्ट, अफगानी कमांडर और कामरान न जाने कितने नामों से जाना जाता था. ये भी बताया जाता है कि अब्दुल रशीद गाजी ने ही आदिल अहमद डार को पुलवामा हमले के लिए ट्रेनिंग दी थी. गाजी IED एक्सपर्ट है और अफगानिस्तान से कॉम्बैट ट्रेनिंग लेकर आया बताया जाता है.

मुदासिर खान को भी मार दिया गया

रविवार को ही सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया है, जिसमें मुदासिर खान भी शामिल है. मुदासिर वही शख्स था, जिसने पुलवामा हमले के लिए गाड़ी और विस्फोटक का इंतजाम किया था. 23 साल का मुदासिर खान इलेक्ट्रॉनिक्स और टेली कम्युनिकेशन के बारे में अच्छी जानकारी रखना था. इसने आईटीआई से इलेक्ट्रीशियन का एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी किया था. इसने पहले लोकेशन की रेकी भी की थी, ताकि हमले को अंजाम दिया जा सके. मुदासिर खान का मारा जाना इसलिए भी एक बड़ी कामयाबी है, क्योंकि इसने 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद भी कई सारे आईईडी ब्लास्ट प्लांट किए थे. यहां तक कि 2 मार्च को हुए आईईडी ब्लास्ट का जिम्मेदार भी मुदासिर खान ही है. 2017 में पुलवामा जिले के ट्राल में रहने वाला मुदासिर खान जैश-ए-मोहम्मद से ओवरग्राउंड वर्कर की तरह जुड़ा था, लेकिन बाद में आतंकी नूर मोहम्मद तांत्री उसे संगठन के अंदर ले आया.

मुदासिर खान ने ही पुलवामा हमले को अंजाम देने के लिए गाड़ी और विस्फोटक का इंतजाम किया था.

आजाद घूम रहा है मसूद अजहर

मसूद अजहर पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया है. ये आतंकी संगठन पाकिस्तान में चल रहा है, जहां से वह भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है. मसूद का सिर्फ एक ही मकसद है कि कैसे भी कश्मीर को भारत से छीनकर पाकिस्तान में मिला दिया जाए. पुलवामा महले के बाद जब पाकिस्तान पर दबाव पड़ा तो खुद पाक विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने कहा कि मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं है. लेकिन मसूद ने साफ कर दिया कि कुरैशी दबाव में आकर झूठ बोल रहे हैं. वह तो पाकिस्तान में ही है और भारत पर जिहाद करने की तैयारी कर रहा है. खबरें ये भी थीं कि मसूद अस्पताल में भर्ती है और उसकी तबीयत बहुत अधिक खराब है, लेकिन मसूद ने साफ कर दिया कि एकदम दुरुस्त है. पाकिस्तान बार-बार अपनी नाकामी छुपाने की कोशिशें कर रहा है, लेकिन हर बार उसका पर्दाफाश हो जाता है. यही वजह है कि अब न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के बहुत से देश पाकिस्तान पर दबाव डाल रहे हैं. अलग ये दबाव बना रहा तो जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया आतंकी मसूद अजहर पर बैन लगाने की कवायद में भारत को सफलता मिल सकती है.

मसूद अजहर पाकिस्तान में है और ये वह खुद भी कबूल कर चुका है, लेकिन पाकिस्तान उसे बचाने में लगा हुआ है.

सज्जाद भट्ट तक नहीं पहुंच सका सुरक्षा बल

पुलवामा हमले में जिस गाड़ी मारुति ईको का इस्तेमाल हुआ था वह सज्जाद भट्ट की थी. यह गाड़ी सबसे पहले 2011 में बिकी थी, जिसके बाद इसे 7 बार बेचा गया और आखिर में दक्षिण कश्मीर के बिजबेहारा निवासी सज्जाद भट को बेची गई. सज्जाद ने ये गाड़ी 4 फरवरी को खरीदी थी, जिसका इस्तेमाल 14 फरवरी को पुलवामा हमले में किया गया. पुलिस और एनआईए ने जब सज्जाद के घर पर छापा मारा तो वह फरार था. बताया जा रहा है कि वह जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो चुका है. सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ उसकी तस्वीर भी सामने आ चुकी है.

सज्जाद भट की ही गाड़ी का इस्तेमाल पुलवामा हमले में किया गया था. फिलहाल सज्जाद भी जैश में शामिल हो चुका है.

ये तो सिर्फ कुछ बड़े नाम हैं. रविवार को पुलवामा के ट्राल में मुदासिर खान के अलावा जो दो आतंकी मारे गए हैं, वह भी जैश-ए-मोहम्मद के ही थे. इसके अलावा पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर के भी करीब 300 आतंकियों को मौत के घाट उतारा है. भले ही पुलवामा हमले से उनका सीधा संबंध ना हो, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर ने धमकी दी थी कि वह जल्द ही दूसरा बड़ा हमला भी करेगा. तो मुमकिन है कि इन्हीं आतंकियों में से कुछ आतंकी भारत पर कोई बड़ा हमला कर देते. खैर पुलवामा हमले के गुनहगारों को एक के बाद एक मौत के घाट उतारा जा रहा है, लेकिन मसूद अजहर को पाकिस्तान का सहारा मिलने के चलते वह आज भी जिंदा है, जो न सिर्फ पुलवामा हमले बल्कि मुंबई हमले तक का गुनहगार है. भारत ने भी पाकिस्तान को चौतरफा घेरना शुरू कर दिया है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मसूद अजहर कब मरता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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