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'पुलवामा' पर हमारा गुस्‍सा सरकार को होश खोने पर मजबूर न कर दे

    • आईचौक
    • Updated: 17 फरवरी, 2019 12:37 PM
  • 17 फरवरी, 2019 12:24 PM
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सरकार ने अपनी तरफ से आर्मी को फ्री हैंड दे दिया है. पुलवामा हमले का जवाब कैसा, कहाँ और कितना होगा ये सेना ही तय करेगी. लोगों का गुस्सा जायज है, लेकिन पुलवामा का बदला न लोग लेंगे, न सरकार. हिसाब बराबर करेगी फौज.

कहते हैं कि 'बदला' वो डिश होती है, जिसे ठंडा परोसा जाना ही बेहतर होता है. इस समय पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरा देश बदले की आग में जल रहा है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं, जिसे पाकिस्तान के जिहादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने अंजाम दिया है. अब देश भर के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश है, जो देश भर में जगह-जगह देखने को मिल रहा है.

अपना आक्रोश दिखाने के लिए जगह-जगह सड़कों और रेल मार्गों पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिससे यातायात भी बाधित हो रहा है. जगह-जगह प्रदर्शन कर के सिर्फ यही मांग की जा रही है कि पाकिस्तान से बदला लिया जाना चाहिए. सरकार ने अपनी तरफ से आर्मी को फ्री हैंड दे दिया है. पुलवामा हमले का जवाब कैसा, कहाँ और कितना होगा ये सेना ही तय करेगी. लोगों का गुस्सा भी जायज है, लेकिन पुलवामा का बदला न लोग लेंगे, न सरकार. हिसाब बराबर करेगी फौज. ऐसे में कहीं हम जोश में आकर सरकार को होश खोने पर मजबूर तो नहीं कर रहे हैं?

जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ खूब प्रदर्शन हुए, जो देखते ही देखने हिंसा में तब्दील हो गए.

सरकार ने सेना को दिया फ्री हैंड

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने खुले तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए ये कह दिया है कि लोगों का खून खौल रहा है, आतंकवादियों ने बड़ी गलती कर दी है. उन्होंने कहा कि सेना को पूरी आजादी दे दिए गई है. पाकिस्तान को उसके किए की सजा जरूर मिलेगी, लेकिन ये सजा कब मिलेगी, कहां मिलेगी और कैसे मिलेगी, ये सब सेना तय करेगी और 40 जवानों की मौत का बदला लेगी.

जोश में नहीं, होश में हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक

18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर में सेना के उरी कैंप पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. तब भी देशवासियों में एक...

कहते हैं कि 'बदला' वो डिश होती है, जिसे ठंडा परोसा जाना ही बेहतर होता है. इस समय पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरा देश बदले की आग में जल रहा है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं, जिसे पाकिस्तान के जिहादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने अंजाम दिया है. अब देश भर के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश है, जो देश भर में जगह-जगह देखने को मिल रहा है.

अपना आक्रोश दिखाने के लिए जगह-जगह सड़कों और रेल मार्गों पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिससे यातायात भी बाधित हो रहा है. जगह-जगह प्रदर्शन कर के सिर्फ यही मांग की जा रही है कि पाकिस्तान से बदला लिया जाना चाहिए. सरकार ने अपनी तरफ से आर्मी को फ्री हैंड दे दिया है. पुलवामा हमले का जवाब कैसा, कहाँ और कितना होगा ये सेना ही तय करेगी. लोगों का गुस्सा भी जायज है, लेकिन पुलवामा का बदला न लोग लेंगे, न सरकार. हिसाब बराबर करेगी फौज. ऐसे में कहीं हम जोश में आकर सरकार को होश खोने पर मजबूर तो नहीं कर रहे हैं?

जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ खूब प्रदर्शन हुए, जो देखते ही देखने हिंसा में तब्दील हो गए.

सरकार ने सेना को दिया फ्री हैंड

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने खुले तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए ये कह दिया है कि लोगों का खून खौल रहा है, आतंकवादियों ने बड़ी गलती कर दी है. उन्होंने कहा कि सेना को पूरी आजादी दे दिए गई है. पाकिस्तान को उसके किए की सजा जरूर मिलेगी, लेकिन ये सजा कब मिलेगी, कहां मिलेगी और कैसे मिलेगी, ये सब सेना तय करेगी और 40 जवानों की मौत का बदला लेगी.

जोश में नहीं, होश में हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक

18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर में सेना के उरी कैंप पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. तब भी देशवासियों में एक आक्रोश था कि पाकिस्तान को उसके किए की सजा दी जाए, लेकिन न तो सरकार ने जल्दबाजी की ना ही सेना ने. साथ मिलकर एक रणनीति बनाई और 29 सितंबर 2016 की रात को पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की और बहुत सारे आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए. इस ऑपरेशन की सबसे अच्छी बात ये थी कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले किसी भी कमांडो को एक खंरोंच तक नहीं आई, जबकि पाकिस्तान में पनाह पाए बहुत सारे आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया. जिस तरह तब होश में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, ठीक उसी तरह इस बार भी सरकार और सेना पूरे होश में रणनीति बनाएंगे और पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा.

संयम से काम लेना जरूरी है!

हम अक्सर ही लोगों को ये कहते हुए सुनते हैं कि गुस्से में दिमाग काम कर देना बंद कर देता है. अब जरा सोचिए अगर गुस्से में आकर सरकार या सेना बदला लेते पर उतारू हो जाए तो क्या इससे नुकसान नहीं होगा? बेशक होगा. खैर, भले ही देश की जनता अभी इस बात को नहीं समझ पा रही है और आक्रोश में आकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है, लेकिन सरकार इस बात को अच्छे से समझती है. यही वजह है कि सरकार ने संयम से काम लेते हुए बदला लेने का फैसला तो ले लिया है, लेकिन क्या रणनीति होगी और पाकिस्तान को कब, कहां और कैसे सजा दी जाएगी, ये फैसला सेना पर छोड़ दिया है.

प्रदर्शन से आम जनता को भी परेशानी

पुलवामा आतंकी हमले में के विरोध में शुक्रवार को कश्मीर घाटी में कुछ प्रदर्शन हुए. देखते ही देखते ये प्रदर्शन तब उग्र हो गए, जब लोग दो गुटों में बंट गए और स्थिति हिंसक हो गई. गाड़ियों को तोड़ा जाने लगा, आग लगाई जाने लगी. आखिरकार सेना को कर्फ्यू लगाना पड़ा.

पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महाराष्ट्र के नल्लासोपारा रेलवे स्टेशन पर भी विरोध प्रदर्शन किया गया. इस 'रेल रोको' प्रदर्शन की वजह से ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई, जिससे कहीं आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. रेलवे ने प्रदर्शनकारियों से गुजारिश की है कि ट्रेनों को न रोका जाए.

इस समय लोगों का आक्रोश और इमोशन लगातार सरकार पर इस बात का दबाव डाल रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कोई सख्त कदम उठाए. यहां एक बात ये समझने की है कि अगर बिना अपना नुकसान किए पाकिस्तान को सबक सिखाना है, तो जोश के साथ-साथ होश से काम लेना होगा. सर्जिकल स्ट्राइक जैसी रणनीति बनानी होगी, ताकि पाकिस्तान को सबक भी मिल जाए और भारतीय सेना को कोई और जवान ना खोना पड़े. अब बस इंतजार है उस दिन का जब सेना एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कोई बड़ा कदम उठाएगी और पाकिस्तान को सबक सिखाएगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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