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नीरव मोदी के गिरफ्तार होने के पीछे की ये है असली कहानी

    • आईचौक
    • Updated: 20 मार्च, 2019 03:10 PM
  • 20 मार्च, 2019 03:10 PM
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नीरव मोदी गिरफ्तार हो चुका है. PNB के 13000 करोड़ रुपए का घोटाला करके फरार होने वाला यह हीरे-जवाहरात का व्‍यापारी करीब एक साल बाद पकड़ में आया है. अब ये भी जान लीजिए कि इसकी पहली निशानदेही कैसे हुई.

नीरव मोदी को बुधवार को लंदन गिरफ्तार कर लिया गया है. इस तरह पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 13000 करोड़ रुपए का घोटाला करके फरार होने वाला हीरे-जवाहरात का व्‍यापारी करीब सालभर लुकाछुपी करने के बाद कानून के हत्‍थे चढ़ ही गया. लंदन के Westminster कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ वॉरेंट जारी कर दिया था. जिस पर यह कार्रवाई की गई. हालांकि, उसके गिरफ्तार होने के बाद भी जमानत मिलने की गुंजाइश है.

पीएनबी के 13000 करोड़ के घोटाले के बाद कई खबरें आईं और नीरव मोदी की लोकेशन किसी को पता नहीं चली. किसी ने कहा कि वो लंदन में है, किसी ने कहा कि लंदन से भागकर कहीं और जा रहा है, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तो किसी और देश की नागरिकता के लिए भी नीरव मोदी ने फॉर्म भर लिया था, लेकिन यकीन मानिए जो काम कई इंटेलिजेंस एजेंसी नहीं कर पाई थीं वो काम लंदन के एक लग्जरी जर्नलिस्ट ने कर लिया था और मार्च पहले हफ्ते में नीरव मोदी को ढूंढ निकाला था.

इससे पहले सिर्फ सूत्रों के हवाले से खबरें चलाई जा रही थीं, लेकिन नीरव मोदी का वीडियो जैसे ही टेलिग्राफ जर्नलिस्ट ने पोस्ट किया वैसे ही हंगामा मच गया और लोगों को ये सही मायने में पता चल गया कि भारत में फ्रॉड का ये आरोपी लंदन में ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा है. नीरव मोदी को ढूंढने वाले थे टेलिग्राफ के जर्नलिस्ट मिक ब्राउन ने. मिक को ये अंदाज़ा भी नहीं था कि उनकी स्टोरी का क्या असर होगा.

आखिर कैसे ट्रैक किया गया नीरव मोदी?

मिक ब्राउन पहले भी नीरव मोदी पर कवरेज करते रहे हैं. उन्हें ये पता था कि नीरव मोदी के ज्वेलरी डिजाइन कई हॉलीवुड स्टार्स पहनते हैं और उनकी लाइफस्टाइल के बारे में जानकारी भी मिक रखते थे.

नीरव मोदी के लंदन में होने की खबर सभी के पास थी, लेकिन कोई उसे ट्रैक नहीं कर पाया था. मिक के जहन में एक सवाल था कि आखिर उस इंसान ने 13000 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया कैसे और उससे भी बड़ा सवाल ये था कि नीरव मोदी लंदन के लग्जरी सीन को कैसे बदल रहा है. ब्राउन ने दिसंबर में एक...

नीरव मोदी को बुधवार को लंदन गिरफ्तार कर लिया गया है. इस तरह पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 13000 करोड़ रुपए का घोटाला करके फरार होने वाला हीरे-जवाहरात का व्‍यापारी करीब सालभर लुकाछुपी करने के बाद कानून के हत्‍थे चढ़ ही गया. लंदन के Westminster कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ वॉरेंट जारी कर दिया था. जिस पर यह कार्रवाई की गई. हालांकि, उसके गिरफ्तार होने के बाद भी जमानत मिलने की गुंजाइश है.

पीएनबी के 13000 करोड़ के घोटाले के बाद कई खबरें आईं और नीरव मोदी की लोकेशन किसी को पता नहीं चली. किसी ने कहा कि वो लंदन में है, किसी ने कहा कि लंदन से भागकर कहीं और जा रहा है, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तो किसी और देश की नागरिकता के लिए भी नीरव मोदी ने फॉर्म भर लिया था, लेकिन यकीन मानिए जो काम कई इंटेलिजेंस एजेंसी नहीं कर पाई थीं वो काम लंदन के एक लग्जरी जर्नलिस्ट ने कर लिया था और मार्च पहले हफ्ते में नीरव मोदी को ढूंढ निकाला था.

इससे पहले सिर्फ सूत्रों के हवाले से खबरें चलाई जा रही थीं, लेकिन नीरव मोदी का वीडियो जैसे ही टेलिग्राफ जर्नलिस्ट ने पोस्ट किया वैसे ही हंगामा मच गया और लोगों को ये सही मायने में पता चल गया कि भारत में फ्रॉड का ये आरोपी लंदन में ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा है. नीरव मोदी को ढूंढने वाले थे टेलिग्राफ के जर्नलिस्ट मिक ब्राउन ने. मिक को ये अंदाज़ा भी नहीं था कि उनकी स्टोरी का क्या असर होगा.

आखिर कैसे ट्रैक किया गया नीरव मोदी?

मिक ब्राउन पहले भी नीरव मोदी पर कवरेज करते रहे हैं. उन्हें ये पता था कि नीरव मोदी के ज्वेलरी डिजाइन कई हॉलीवुड स्टार्स पहनते हैं और उनकी लाइफस्टाइल के बारे में जानकारी भी मिक रखते थे.

नीरव मोदी के लंदन में होने की खबर सभी के पास थी, लेकिन कोई उसे ट्रैक नहीं कर पाया था. मिक के जहन में एक सवाल था कि आखिर उस इंसान ने 13000 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया कैसे और उससे भी बड़ा सवाल ये था कि नीरव मोदी लंदन के लग्जरी सीन को कैसे बदल रहा है. ब्राउन ने दिसंबर में एक आर्टिकल भी किया था. ‘Who is Nirav Modi? How did he manage to make such a rapid impact on the world of luxury?’

नीरव मोदी के जब लंदन में होने की बात सामने आई तो टेलिग्राफ ने पांच लोगों की टीम बनाई इसमें रॉबर्ट मैंडेक (चीफ रिपोर्टर जिसके बहुत से कॉन्टैक्ट हैं.), मिक ब्राउन, और तीन अन्य वीडियो और फोटोग्राफर्स की टीम थी. मिक ब्राउन ने पहले भी नीरव मोदी के बारे में लिखा था जो न सिर्फ लंदन के एक ज्वेलरी स्टोर का मालिक था बल्कि वो प्रिंस चार्ल्स के साथ हाथ मिलाने से लेकर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम डावोस में भी नीरव मोदी ने शिरकत की और उसका नाता कई बड़े सेलेब्स से रहा है, लेकिन नीरव मोदी ने के भगौड़ा साबित होने के बाद किसी ने भी फोन नहीं उठाया और नीरव मोदी के बारे में तो जवाब दिया ही नहीं.

नीरव मोदी को ढूंढने के बाद मिक ब्राउन ने ये ट्वीट की थी. जिससे भारत में भी हड़कंप मच गया था.

नीरव को ढूंढने वाली टीम को एक टिप मिली की मोदी को किसी इलाके में देखा गया है. तो ये टीम निकल पड़ी उस इलाके की छानबीन करने. थोड़े दिनों की मेहनत के बाद आखिर नीरव मोदी मिल ही गया.

एक बार नीरव मोदी को घेरने के बाद मिक ने मोदी को घेर लिया और सवालों की झड़ी लगा दी. नीरव मोदी हल्की गुलाबी रंग की कमीज पहने हुए थे और एक ऑस्ट्रिच लेदर जैकेट जिसकी कीमत करीब 9 लाख रुपए थी. मोदी लंदन के जिस घर में रह रहे हैं उसकी कीमत 75 करोड़ है और जिस तरह की लाइफस्टाइल देखी जा सकती है उससे ये कहना तो गलत नहीं होगा कि नीरव मोदी अभी भी ऐश में जी रहा है.

नीरव मोदी को ट्रैक करने के बाद सवाल जवाब करते मिक ब्राउन

मिक ब्राउन ने नीरव मोदी से साफगोई से कई सवाल पूछे जैसे कितने समय वो लंदन में रहेंगे, कितना पैसा है उनके पास, क्या उन्होंने किसी राजनीतिक शरण के लिए आवेदन दिया है आदि, लेकिन नीरव मोदी का सिर्फ एक ही जवाब था. No comments. नीरव मोदी अपना चेहरा बचा रहा था लंदन की ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट में एक जगह से दूरसी जगह घूम रहा था टैक्सी के लिए, लेकिन किस्मत मिक के साथ थी और वो उसका पीछा करते जा रहे थे.

मिक की स्टोरी के बाद जैसे भारत में हंगामा मच गया और नीरव मोदी के खिलाफ कार्यवाई तेज़ हो गई. अब आखिरकार वॉरेंट हुआ. और अब वो गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

अरेस्ट हो गया नीरव मोदी क्या वापस भारत आ पाएगा?

इस सवाल का जवाब बेहद निराश कर सकता है. नीरव मोदी को लंदन में अरेस्ट कर लिया गया है. लेकिन उसके भारत आने की संभावनाएं बहुत ज्यादा जल्दी की नहीं हैं. नीरव मोदी को Westminster कोर्ट में पेश किया जाएगा. उसे जमानत भी मिल सकती है. जैसे कि विजय माल्या को मिली थी और अप्रैल 2017 में वॉरेंट जारी होने और अरेस्ट होने के बाद भी माल्या अभी तक बेल पर ही घूम रहे हैं. माल्या का केस अब जाकर अपने आखिरी चरणों में आया है और यूके के होम सेक्रेटरी साजिद जाविद के अनुसार एक महीने का समय अभी भी लगेगा. यानी नीरव मोदी के केस में भी इतना समय लग सकता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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