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बालाकोट एयर स्ट्राइक: लोक सभा के बाद विधानसभा चुनाव में भी मुद्दा

    • विकास कुमार
    • Updated: 05 अक्टूबर, 2019 02:22 PM
  • 05 अक्टूबर, 2019 02:22 PM
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वायुसेना ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का वीडियो जारी किया है. ये वीडियो उस समय जारी किया गया है जब महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाली है, ऐसे में इसको लेकर सियासत गरमाने की पूरी आशंका है.

भारतीय वायुसेना के नए चीफ आरके भदौरिया ने बालाकोट एयरस्ट्राइक का प्रमोशनल वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे हमारे देश के शूरवीरों ने पुलवामा के शहीदों का बदला लिया? कैसे बालाकोट का वो अड्डा जहां भारत में आतंकी हमलों के लिए आतंकवादी तैयार किए जा रहे थे उसे तबाह किया? कैसे हमारे देश के वीर जवानों ने बालाकोट में महज 90 सेकेंड में अपने मिशन को पूरा किया और पाकिस्तान के तमाम सुरक्षा तंत्र को धता बताए हुए सुरक्षित लौट आए? इस वीडियो से पाकिस्तान को तो मिर्ची लगनी तय है. पाकिस्तान शुरू से ही इस मिशन को असफल साबित करने की कोशिश कर रहा है, अब फिर से वो इसे झूठा साबित करने की कोशिश करेगा, लेकिन भारत में भी इस पर सियासत गरमा सकती है. विपक्षी पार्टियां इसे बीजेपी के लिए फायदेमंद देखते हुए सवाल जरूर उठाएगी, जिससे दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान सियासी पारा चढ़ना तय है.

बालाकोट एयरस्ट्राइक के विडियो ने कांग्रेस को बेचैन कर दिया है

बीजेपी के जाल में फिर फंसेगी कांग्रेस?

वायुसेना द्वारा जारी वीडियो से विपक्षी विपक्षी खेमे में भी सुगबुगाहट तेज हो गयी है. विपक्षी खेमे में ये चर्चा शुरू हो गई है कि इस वीडियो को लेकर क्या प्रतिक्रिया दी जाए. प्रतिक्रिया के बाद राजनीतिक नफा-नुकसान के गुणा-भाग भी हो रहे हैं, क्योंकि विपक्ष पहले भी सेना से जुड़े मामले में कुछ गैर जिम्मेदाराना बयान देकर अपना हाथ जला चुका है. इधर बीजेपी के लिए चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा सबसे अहम मुद्दा होता है, जिसमें चाहे-अनचाहे सेना का जिक्र भी खूब होती है और अक्सर बीजेपी के बिछाए जाल में विपक्षी नेता फंस जाते हैं, वो कुछ ना कुछ ऐसे बयान दे देते हैं जिसे बीजेपी भुना ले जाती है और जबतक विपक्षी  को अपनी गलती का अहसास होता है तब-तक बहुत देर हो चुकी होती है.

भारतीय वायुसेना के नए चीफ आरके भदौरिया ने बालाकोट एयरस्ट्राइक का प्रमोशनल वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे हमारे देश के शूरवीरों ने पुलवामा के शहीदों का बदला लिया? कैसे बालाकोट का वो अड्डा जहां भारत में आतंकी हमलों के लिए आतंकवादी तैयार किए जा रहे थे उसे तबाह किया? कैसे हमारे देश के वीर जवानों ने बालाकोट में महज 90 सेकेंड में अपने मिशन को पूरा किया और पाकिस्तान के तमाम सुरक्षा तंत्र को धता बताए हुए सुरक्षित लौट आए? इस वीडियो से पाकिस्तान को तो मिर्ची लगनी तय है. पाकिस्तान शुरू से ही इस मिशन को असफल साबित करने की कोशिश कर रहा है, अब फिर से वो इसे झूठा साबित करने की कोशिश करेगा, लेकिन भारत में भी इस पर सियासत गरमा सकती है. विपक्षी पार्टियां इसे बीजेपी के लिए फायदेमंद देखते हुए सवाल जरूर उठाएगी, जिससे दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान सियासी पारा चढ़ना तय है.

बालाकोट एयरस्ट्राइक के विडियो ने कांग्रेस को बेचैन कर दिया है

बीजेपी के जाल में फिर फंसेगी कांग्रेस?

वायुसेना द्वारा जारी वीडियो से विपक्षी विपक्षी खेमे में भी सुगबुगाहट तेज हो गयी है. विपक्षी खेमे में ये चर्चा शुरू हो गई है कि इस वीडियो को लेकर क्या प्रतिक्रिया दी जाए. प्रतिक्रिया के बाद राजनीतिक नफा-नुकसान के गुणा-भाग भी हो रहे हैं, क्योंकि विपक्ष पहले भी सेना से जुड़े मामले में कुछ गैर जिम्मेदाराना बयान देकर अपना हाथ जला चुका है. इधर बीजेपी के लिए चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा सबसे अहम मुद्दा होता है, जिसमें चाहे-अनचाहे सेना का जिक्र भी खूब होती है और अक्सर बीजेपी के बिछाए जाल में विपक्षी नेता फंस जाते हैं, वो कुछ ना कुछ ऐसे बयान दे देते हैं जिसे बीजेपी भुना ले जाती है और जबतक विपक्षी  को अपनी गलती का अहसास होता है तब-तक बहुत देर हो चुकी होती है.

NCP ने कर दी है शुरुआत

विपक्ष वायुसेना द्वारा जारी इस वीडियो पर बवाल करेगी ये हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि NCP के जरिए इस तरह की शुरुआत भी हो चुकी है. बता दें कि सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कुछ दिन पहले बालाकोट में आतंकी कैंप फिर से सक्रिय होने की बात कही थी. इसपर एनसीपी नेता माजिद मेमन भड़क गए, उन्होंने आर्मी चीफ को सरकार के चुनाव प्रचार का हिस्सा नहीं बनने की नसीहत दे दी. इसपर चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेता जरूर पलटवार करेंगे.

मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं पर रहेगी नजर

हालांकि वायुसेना ने ये वीडियो वायुसेना दिवस के अवसर पर अपने जवानों के पराक्रम को दिखाने के लिए जारी किया है, लेकिन विपक्ष एक बार फिर से बीजेपी पर महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के वक्त सेना का सियासी इस्तेमाल का आरोप लगाने से नहीं चूकेगा. विपक्ष अगर बीजेपी को ही टारगेट करके कुछ कहे तब तो किसी तरह चल जाएगा, लेकिन मणिशंकर अय्यर और बीके हरिप्रसाद जैसे किसी नेता ने अगर सीधे सेना पर ही जुबानी हमला बोल दिया तो फिर से ये कांग्रेस के लिए सेल्फ गोल साबित हो सकता है.

दरअसल, उरी हमले के बाद सेना ने जब पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की तो कांग्रेस नेता संजय निरुपम, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेताओं ने सबूतों की मांग की थी. खुद राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर सेना के खून की दलाली करने और सर्जिकल स्ट्राइक के लिए फर्जिकल स्ट्राइक जैसे शब्द का प्रयोग किया था, जिसे बीजेपी ने खूब भुनाया. गुजरात समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हार की यह बड़ी वजह बनी.

सर्जिकल स्ट्राइक वाली गलती एयरस्ट्राइक में भी दोहराई

इसी तरह पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में आतंकी कैंपों पर वायुसेना ने एयरस्ट्राइक की. इस स्ट्राइक में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की खबर आई, जिसे पाकिस्तान ने नकार दिया, फिर क्या था, विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बना दिया और सरकार से पहले की तरह ही सबूत मांग बैठी. इसी क्रम में कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने तो पीएम मोदी पर ही पुलवामा हमला करवाने का आरोप लगा दिया, जबकि वो समय लोक सभा चुनाव का समय था. उस समय देश की जनता का सेंटीमेंट पूरी तरह सेना के साथ था. बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद ये सेंटीमेंट पीएम मोदी और बीजेपी के लिए पॉजिटिव हो चुका था, जिसे देश का कोई आम आदमी भी आसानी से समझ सकता था, लेकिन विपक्ष सही से नहीं समझ पाया, और हुआ वही जो बीजेपी चाहती थी. विपक्षी नेता सबूत-सबूत की शोर मचाते रहे और बीजेपी हर शोर को अपने हिसाब से मोड़ती रही. नतीजा क्या हुआ सबके सामने है.

बीजेपी पहले ही साफ कर रखी है कि वो महाराष्ट्र और हरियाणा में कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के फैसले को प्रमुख मुद्दा बनाएगी. मतलब साफ है कि बीजेपी नेशनल सिक्योरिटी को अपने टॉप एजेंडे में रखेगी, जबकि विपक्ष के लिए देश में आर्थिक मंदी का वातावरण और बेरोजगारी जैसे मुद्दे अहम होनी चाहिए, जो बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस वही करेगी जो बीजेपी चाहेगी? या फिर पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए इस बार बीजेपी को अपने हिसाब से खेलने का मौका नहीं देगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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