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भारतीय वायु सेना ने हमले के लिए बालाकोट को ही क्यों चुना

    • आईचौक
    • Updated: 27 फरवरी, 2019 04:00 PM
  • 27 फरवरी, 2019 03:58 PM
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इंडिया टुडे को बालाकोट ट्रेनिंग कैंप में हो रही गतिविधियों पर एक खुफिया रिपोर्ट मिली है. जो ये साफ करत है कि आखिर भारतीय वायु सेना ने एयर स्ट्राइक के लिए बालाकोट को ही निशाना क्यों बनाया.

26 फरवरी सुबह करीब 3.30 बजे भारतीय वायु सेना के विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इस एयर स्ट्राइक के लिए 12 मिराज 2000 विमानों का इस्तेमाल किया गया था.

बम गिराकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप तहस नहस किए गए. जिनमें कहा जा रहा है कि करीब 200-300 आतंकी मारे गए हैं. ये वही ट्रेनिंग कैंप था जहां पुलवामा आतंकवादी हमले की योजना बनाई गई थी. बालाकोट कैंप में 200-300 आतंकी हमेशा ही उपस्थित रहते थे.

लेकिन IAF ने बालाकोट को ही क्यों निशाना बनाया ये भी जान लीजिए

भारतीय वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने 15 फरवरी को एनएसए अजीत डोभाल को इस बात की जानकारी दी थी. धनोआ ने अजीत डोभाल को बालाकोट कैंप को निशाना बनाने के लिए हवाई हमले करने का विकल्प पेश किया था.

इंडिया टुडे को बालाकोट ट्रेनिंग कैंप में हो रही गतिविधियों पर एक खुफिया रिपोर्ट मिली है. जो कहती है कि- दिसंबर 2017 में, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर के बेटे अब्दुल्ला यहां एडवांस ट्रेनिंग के लिए आया था. बाद में, उसने कैंप में 10 दिन की रीफ्रेशर ट्रेनिंग भी की थी. विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि ये कैंप मसूद अजहर का बहनोई यूसुफ अजहर चलाता था.

इस रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा हमले की पूरी पटकथा यहीं लिखी गई थी. हाल ही में 60 जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों ने बालाकोट आतंकी कैंप में तीन महीने की ट्रेनिंग ली थी. इस ट्रेनिंग में कार का इस्तेमाल करके सूसाइड बॉमिबिंग भी शामिल थी, जैसा कि पुलवामा में किया गया था.

भारत ने बालाकोट में सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को उड़ा दिया

बालाकोट परिसर में 5-6 बैरेक थे. लेकिन वहां की ताकत और बढ़ाने के लिए और बैरक बनाए जा रहे थे. किसी भी समय पर बालाकोट शिविर में...

26 फरवरी सुबह करीब 3.30 बजे भारतीय वायु सेना के विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इस एयर स्ट्राइक के लिए 12 मिराज 2000 विमानों का इस्तेमाल किया गया था.

बम गिराकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप तहस नहस किए गए. जिनमें कहा जा रहा है कि करीब 200-300 आतंकी मारे गए हैं. ये वही ट्रेनिंग कैंप था जहां पुलवामा आतंकवादी हमले की योजना बनाई गई थी. बालाकोट कैंप में 200-300 आतंकी हमेशा ही उपस्थित रहते थे.

लेकिन IAF ने बालाकोट को ही क्यों निशाना बनाया ये भी जान लीजिए

भारतीय वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने 15 फरवरी को एनएसए अजीत डोभाल को इस बात की जानकारी दी थी. धनोआ ने अजीत डोभाल को बालाकोट कैंप को निशाना बनाने के लिए हवाई हमले करने का विकल्प पेश किया था.

इंडिया टुडे को बालाकोट ट्रेनिंग कैंप में हो रही गतिविधियों पर एक खुफिया रिपोर्ट मिली है. जो कहती है कि- दिसंबर 2017 में, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर के बेटे अब्दुल्ला यहां एडवांस ट्रेनिंग के लिए आया था. बाद में, उसने कैंप में 10 दिन की रीफ्रेशर ट्रेनिंग भी की थी. विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि ये कैंप मसूद अजहर का बहनोई यूसुफ अजहर चलाता था.

इस रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा हमले की पूरी पटकथा यहीं लिखी गई थी. हाल ही में 60 जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों ने बालाकोट आतंकी कैंप में तीन महीने की ट्रेनिंग ली थी. इस ट्रेनिंग में कार का इस्तेमाल करके सूसाइड बॉमिबिंग भी शामिल थी, जैसा कि पुलवामा में किया गया था.

भारत ने बालाकोट में सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को उड़ा दिया

बालाकोट परिसर में 5-6 बैरेक थे. लेकिन वहां की ताकत और बढ़ाने के लिए और बैरक बनाए जा रहे थे. किसी भी समय पर बालाकोट शिविर में करीब 200-300 आतंकी हमेशा मौजूद रहते थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलवामा के मास्टरमाइंड अब्दुल गाज़ी, जो पिछले सप्ताह पुलवामा में हुए एनकाउंटर नें मारा गया था उसने भी यहीं से ट्रेनिंग ली थी.

यह उन कैंपों में से एक है, जहां बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) सीमा पार ऑपरेशन करती है और एलओसी के पार छापे मारती है. BAT में पाकिस्तानी सेना के कमांडो और आतंकवादी शामिल होते हैं. यह वही टीम हैं जिन्होंने अतीत में भारतीय सैनिकों के सिर काटे थे.

विदेश सचिव विजय गोखले का कहना है- 'जैश-ए-मोहम्मद दूसरे आतंकी हमले करने का प्रयास कर रहा था. और भारत ने बालाकोट में सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को उड़ा दिया है. जिसमें जैश-ए-मोहम्म्द के आतंकी, प्रशिक्षक, कमांडर और जिहादियों के समूह को तबाह कर दिया गया.'

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बालाकोट ट्रेनिंग कैंप को सामान्य कैंप नहीं था. बल्कि ये कैंप बेहद एडवान्स और सैन्य सुविधाओं से लेस था. यहां IED बनाने, स्निपिंग, ड्रोन का इस्तेमाल करना और वाटर कॉम्बैट आदि की ट्रेनिंग दी जाती थी.

हालांकि पाकिस्तान इस बात को नकार रहा है कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मारे गए हैं. बल्कि पाकिस्तान तो चंद तस्वीरों के माध्यम से दुनिया को बता रहा है कि भारतीय विमानों ने केवल वड़ा खड़े पेड़ों को नुक्सान पहुंचाया है. लेकिन भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला करके कापी तादात में आतंकियों का सफाया किया है, जो भारत में दहशत फैलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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