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'लव यू मोदी जी, लव यू टू माइनॉरिटी!'

    • नवेद शिकोह
    • Updated: 30 मई, 2019 01:45 PM
  • 30 मई, 2019 01:45 PM
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दोबारा चुनाव जीतने के बाद जिस तरह पीएम मोदी मुसलमानों से संबोधित हुए हैं उससे साफ हो गया है कि पीएम मोदी मुसलमानों के करीब आने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं. जैसी उम्मीद जताई जा रही है, दोनों जल्द ही एक हो जाएंगे.

बदले बदले हुए सरकार नज़र आते हैं. बदली-बदली हुई सरकार नज़र आती है. मोदी सरकार 'पार्ट वन' ने देश के अल्पसंख्यकों को ग़ैर नहीं समझा था और सबको साथ लेकर चलने के वादे के साथ नारा दिया था- 'सबका साथ सबका विकास'. संकेत मिल रहे हैं कि मोदी सरकार 'पार्ट टू' अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समाज को पूरी तरह से अपना बनाकर रहेगी. दूसरी बार जबरदस्त जीत के बाद नरेंद्र मोदी को लेकर मुसलमानों का नर्म रुख भी नज़र आने लगा. गौरतलब है कि चुनावी नतीजों के दिन दो मुस्लिम परिवारों के घर पैदा हुए बच्चे का नाम मोदी रखा गया. एनडीए का नेता चुने जाने के बाद नरेंद मोदी ने जीत के बाद मुस्लिम समाज का दिल जीतने और उन्हें विश्वास में लेने वाला वक्तव्य दिया.1857 से लेकर 1947 में देश की आजादी की लड़ाई में मुसलमानों की भागीदारी का जिक्र किया.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के बोहरा वर्ग की मजलिस में शिरकत कर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद कर खुद नौहा पढ़ा. एक तकरीर में उन्होंने कुरआन की आयत पढ़ी. बताया कि कुरआन शरीफ में अल्लाह के बाद सबसे ज्यादा जिक्र इल्म का हुआ है. इसलिए हर लिहाज से मुसलमानों को तालीम यानी इल्म के क्षेत्र में आगे आने की सख्त जरूरत है.

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों के करीब आने के लिए अपनी तरफ से भरसक प्रयास करते नजर आ रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुस्लिम प्रेम और मोदी पर मुस्लिम समाज की उमड़ती मोहब्बतें सोशल मीडिया पर दिलचस्प चर्चा का विषष बनी हैं. तमाम बातों में कुछ गीत भी इस चर्चा को दिलचस्प बना रहे हैं.

पास वो आने लगे ज़रा..ज़रा

अपना बनाने लगे ज़रा..ज़रा

दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके-चुपके...

प्रचंड बहुमत की जीत के...

बदले बदले हुए सरकार नज़र आते हैं. बदली-बदली हुई सरकार नज़र आती है. मोदी सरकार 'पार्ट वन' ने देश के अल्पसंख्यकों को ग़ैर नहीं समझा था और सबको साथ लेकर चलने के वादे के साथ नारा दिया था- 'सबका साथ सबका विकास'. संकेत मिल रहे हैं कि मोदी सरकार 'पार्ट टू' अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समाज को पूरी तरह से अपना बनाकर रहेगी. दूसरी बार जबरदस्त जीत के बाद नरेंद्र मोदी को लेकर मुसलमानों का नर्म रुख भी नज़र आने लगा. गौरतलब है कि चुनावी नतीजों के दिन दो मुस्लिम परिवारों के घर पैदा हुए बच्चे का नाम मोदी रखा गया. एनडीए का नेता चुने जाने के बाद नरेंद मोदी ने जीत के बाद मुस्लिम समाज का दिल जीतने और उन्हें विश्वास में लेने वाला वक्तव्य दिया.1857 से लेकर 1947 में देश की आजादी की लड़ाई में मुसलमानों की भागीदारी का जिक्र किया.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के बोहरा वर्ग की मजलिस में शिरकत कर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद कर खुद नौहा पढ़ा. एक तकरीर में उन्होंने कुरआन की आयत पढ़ी. बताया कि कुरआन शरीफ में अल्लाह के बाद सबसे ज्यादा जिक्र इल्म का हुआ है. इसलिए हर लिहाज से मुसलमानों को तालीम यानी इल्म के क्षेत्र में आगे आने की सख्त जरूरत है.

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों के करीब आने के लिए अपनी तरफ से भरसक प्रयास करते नजर आ रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुस्लिम प्रेम और मोदी पर मुस्लिम समाज की उमड़ती मोहब्बतें सोशल मीडिया पर दिलचस्प चर्चा का विषष बनी हैं. तमाम बातों में कुछ गीत भी इस चर्चा को दिलचस्प बना रहे हैं.

पास वो आने लगे ज़रा..ज़रा

अपना बनाने लगे ज़रा..ज़रा

दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके-चुपके...

प्रचंड बहुमत की जीत के बाद देश के मुस्लिम समाज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मिठास घुलने का सिलसिला कुछ ज्यादा ही तेज हो गया है. जिन लोगों का मुंह मोदी विरोध में नहीं थकता था वो कह रहे हैं कि हमने तो मोदी को ही वोट दिया था. कोई लिख रहा है कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल हमें मोदी का नाम लेकर डराते रहे. महागठबंधन बनाकर भी मोदी को शिकस्त नहीं दे पाये. यादवों की पार्टी यादवों और दलितों की पार्टी दलितों को नहीं संभाल पायी.

पिछड़े,दलित, यादव-जाटव सब मोदिमय हो गये तो फिर मुसलमान क्यों कांगेस, सपा और बसपा के पिछलग्गू बने रहें? मुस्लिम समाज भी अब पूरे देश के साथ मोदी जी पर ही विश्वास करेगा. हम सत्ता के साथ रहेंगे. इसलिए भी क्योंकि विपक्ष नाकारा है. ताबड़तोड़ चुनाव जीतने के बाद नरेंद मोदी ने भी देश की अकलियत का दिल जीतने की ठान ली है. फिर एक बार मोदी सरकार आने के बाद मोदी विरोधियों के मुंह बंद हो गये हैं.मुस्लिम समाज से आवाजे बलंद होने लगी हैं कि हमें मोदी से कोई डर और दिक्कत नहीं. बल्कि इनपर पूरा भरोसा है.

सबका साथ सबका विकास की प्रतिज्ञा सिद्ध हो चुकी है. सोशल पर मोदी विरोध में सक्रिय तमाम लोग प्रधानमंत्री से मुखातिब होकर लिखने लगे हैं - आप मुझे अच्छे लगने लगे. हालांकि बदले-बदले से ख़्यालों पर भी व्यंग्यात्मक पलटवार भी किए जा रहे हैं. एक ने लिखा - मोदी पार्ट टू की नयी फिल्म का शीर्षक होगा- 'विरोधी बने समर्थक'. पलटूराम और मरता क्या ना करता, जैसे तंज भी नये मोदी भक्तों पर कसे जा रहे हैं.

व्यंगात्मक और हंसी मजाक की बातें कुछ भी हों. किंतु यदि सचमुच देश के अल्पसंख्यकों के मन में मोदी ने जगह बना ली तो नरेंद्र मोदी राष्ट्रपिता महत्मा गांधी जैसे विश्व के शीर्ष जननेताओं की कतार में खड़े हो सकते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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