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दिल्ली की सड़क पर 30 लोग बारिश में फंसे तो सरकार डूब ही क्यों न गई!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 02 सितम्बर, 2018 12:39 PM
  • 02 सितम्बर, 2018 12:39 PM
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सड़क पर पानी भर जाए, उसमें कोई बस फंस कर खराब हो जाए और फिर यात्रियों को निकालने के लिए फायर ब्रिगेड के लोग आएं, तो सरकार को इस बदहाली पर शर्म आनी चाहिए.

दिल्ली की सड़कें ट्रैफिक नहीं संभाल पातीं और यहां की नालियां पानी नहीं निकाल पातीं. तभी तो बारिश आते ही सबसे पहले सड़कों पर ही पानी भर जाता है और लगभग हर सड़क पर लंबा जाम लग जाता है. सड़क पर पानी भर जाए, उसमें कोई बस फंस कर खराब हो जाए और फिर यात्रियों को निकालने के लिए फायर ब्रिगेड के लोग आएं, तो सरकार को इस बदहाली पर शर्म आनी चाहिए. दिल्ली के यमुना बाजार एरिया में हनुमान मंदिर के पास रिंग रोड पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां सड़क पर कमर तक के पानी में बस फंस गई, जिसमें 30 यात्री सवार थे. यूं तो वहां पुलिस वाले पहुंच गए, लेकिन लोगों को निकालने के लिए फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को पानी में उतरना पड़ा और यात्रियों को भी पानी में उतरकर ही बाहर आना पड़ा. राजधानी की सड़क पर बस का फंसना और यात्रियों को बचाने के लिए फायर ब्रिगेड की मदद लेना सरकार को उसके कामों का आइना दिखाने के लिए काफी है.

दिल्ली में चंद घंटों की बारिश ने सरकारी इंतजामों की पोल खोल दी है. दिल्ली में हर तरफ सड़कें पानी से लबालब हैं. हर ओर जाम के हालात पैदा हो चुके हैं. सड़कों के गड्ढों और किनारों पर हुई खुदाई ने बची-खुची कसर भी पूरी कर दी है. सड़कों पर फैले पानी की वजह लोगों को यह भी नहीं दिख रहा कि कहां सड़क है और कहां नहीं. जगह-जगह गाड़ियां फंसी पड़ी हैं, जिनकी वजह से जाम और बढ़ रहा है. यहां ध्यान देने की बात ये है कि ये जाम शनिवार को है, जब अधिकतर दफ्तरों की छुट्टी होती है. अगर यही हालत सप्ताह के बीच में होती, तो सड़कों का नजारा भयावह हो सकता था.

बारिश ने दिल्ली की क्या हालत कर दी है, ये तो आपको ऊपर के वीडियो देखकर ही समझ आ गया होगा. दिल्ली के...

दिल्ली की सड़कें ट्रैफिक नहीं संभाल पातीं और यहां की नालियां पानी नहीं निकाल पातीं. तभी तो बारिश आते ही सबसे पहले सड़कों पर ही पानी भर जाता है और लगभग हर सड़क पर लंबा जाम लग जाता है. सड़क पर पानी भर जाए, उसमें कोई बस फंस कर खराब हो जाए और फिर यात्रियों को निकालने के लिए फायर ब्रिगेड के लोग आएं, तो सरकार को इस बदहाली पर शर्म आनी चाहिए. दिल्ली के यमुना बाजार एरिया में हनुमान मंदिर के पास रिंग रोड पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां सड़क पर कमर तक के पानी में बस फंस गई, जिसमें 30 यात्री सवार थे. यूं तो वहां पुलिस वाले पहुंच गए, लेकिन लोगों को निकालने के लिए फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को पानी में उतरना पड़ा और यात्रियों को भी पानी में उतरकर ही बाहर आना पड़ा. राजधानी की सड़क पर बस का फंसना और यात्रियों को बचाने के लिए फायर ब्रिगेड की मदद लेना सरकार को उसके कामों का आइना दिखाने के लिए काफी है.

दिल्ली में चंद घंटों की बारिश ने सरकारी इंतजामों की पोल खोल दी है. दिल्ली में हर तरफ सड़कें पानी से लबालब हैं. हर ओर जाम के हालात पैदा हो चुके हैं. सड़कों के गड्ढों और किनारों पर हुई खुदाई ने बची-खुची कसर भी पूरी कर दी है. सड़कों पर फैले पानी की वजह लोगों को यह भी नहीं दिख रहा कि कहां सड़क है और कहां नहीं. जगह-जगह गाड़ियां फंसी पड़ी हैं, जिनकी वजह से जाम और बढ़ रहा है. यहां ध्यान देने की बात ये है कि ये जाम शनिवार को है, जब अधिकतर दफ्तरों की छुट्टी होती है. अगर यही हालत सप्ताह के बीच में होती, तो सड़कों का नजारा भयावह हो सकता था.

बारिश ने दिल्ली की क्या हालत कर दी है, ये तो आपको ऊपर के वीडियो देखकर ही समझ आ गया होगा. दिल्ली के सिविल लाइन्स में तो कारें आधी-आधी तक डूब चुकी हैं. चिंता की बात ये है कि मौसम विभाग ने अभी आने वाले दिनों में भी बारिश होने की आशंका जताई है. अगर बूंदाबांदी हुई तब तो ठीक है, लेकिन अगर बारिश थोड़ी भी तेज हुई तो दिल्ली की धीमी हुई रफ्तार थम सकती है.

शनिवार की सुबह दिल्ली वासियों के लिए ठंडक भरी तो थी, लेकिन खिड़की से बाहर झांकने पर सड़कें हकीकत बयां कर रही थीं. हर तरफ पानी ही पानी और उस पानी में रेंगती गाड़ियां. सुबह से ही #DelhiRains भी ट्रेंड करना शुरू हो गया और पूरी दिल्ली के तमाम फोटो और वीडियो ट्विटर पर छा गए. दिल्ली की सड़कों पर भरा पानी सरकारी की नाकामी को दिखाने के लिए काफी है. अगर राजधानी में चंद घंटों की बारिश बाढ़ जैसे हालात पैदा कर देगी, तो भारी बारिश से कितना नुकसान होगा, इसकी तो बस कल्पना ही की जा सकती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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