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BJP का दोहरा रूप : नॉर्थ ईस्ट में बीफ बैन का इरादा नहीं

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 29 मार्च, 2017 06:53 PM
  • 29 मार्च, 2017 06:53 PM
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बीजेपी एक तरफ यूपी में अवैध बूचड़खानों पर रोक लगा रही है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी बीफ बैन का विरोध कर रही है. आखिर बीजेपी का ये दोहरा रूप क्यों?

बीजेपी ने यूपी चुनाव में अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वो सत्ता में आने के बाद सबसे पहले अवैध बूचड़खानों पर रोक लगाएगी और सरकार बनते ही सरकार ने वो वादा पूरा भी किया. लेकिन अगले साल नॉर्थ ईस्ट में तीन राज्यों में होने वाले चुनाव में पार्टी उससे उलट ही कह रही है. नागालैंड, मेघालय और मिजोरम में बीजेपी बीफ बैन होने के विरोध में है.

उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के बाद वहां अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू की. उस वजह से पार्टी की इमेज बीफ विरोधी बन गई. बीजेपी पहले से भी गौ हत्या और गौ मांस के विरोध में रही है. यानी जहां एक तरफ बीजेपी गौ हत्या विरोधी है तो वहीं इन तीन राज्यों में बीजेपी की ऐसी सोच क्यों? माना इन तीन राज्यों में लोगों का खाने का सहारा ही बीफ है. लेकिन एक तरफ विरोध तो दूसरी तरफ समर्थन. ये बाच गले से नीचे नहीं उतर रही है.

क्या है पीछे की वजह?

वहां रहने वाले ज्यादातर लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं. इसको देखकर ही यह ऐलान किया है. वहां पर मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में ईसाईयों की संख्या बहुत ज्यादा है और वे सभी लोग बीफ खाते हैं. पार्टी ने पूर्वोत्तर के राज्यों में सभी आशंकाओं पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि वह यहां बीफ बैन नहीं करेगी.

मेघालय के भाजपा के जनरल सेक्रेटरी डेविड खरसती ने एक बयान जारी करके कहा है कि कुछ लोग हमारे बारे में अफवाह फैला रहे हैं. उन्होंने साफ किया है कि अगर अगले साल हमारी सरकार सत्ता में आती है तो नागालैंड में यूपी की तरह गो हत्या पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है और इस बात से केंद्रीय नेता वाकिफ हैं.

तीन राज्य में से 2 राज्य में...

बीजेपी ने यूपी चुनाव में अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वो सत्ता में आने के बाद सबसे पहले अवैध बूचड़खानों पर रोक लगाएगी और सरकार बनते ही सरकार ने वो वादा पूरा भी किया. लेकिन अगले साल नॉर्थ ईस्ट में तीन राज्यों में होने वाले चुनाव में पार्टी उससे उलट ही कह रही है. नागालैंड, मेघालय और मिजोरम में बीजेपी बीफ बैन होने के विरोध में है.

उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के बाद वहां अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू की. उस वजह से पार्टी की इमेज बीफ विरोधी बन गई. बीजेपी पहले से भी गौ हत्या और गौ मांस के विरोध में रही है. यानी जहां एक तरफ बीजेपी गौ हत्या विरोधी है तो वहीं इन तीन राज्यों में बीजेपी की ऐसी सोच क्यों? माना इन तीन राज्यों में लोगों का खाने का सहारा ही बीफ है. लेकिन एक तरफ विरोध तो दूसरी तरफ समर्थन. ये बाच गले से नीचे नहीं उतर रही है.

क्या है पीछे की वजह?

वहां रहने वाले ज्यादातर लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं. इसको देखकर ही यह ऐलान किया है. वहां पर मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में ईसाईयों की संख्या बहुत ज्यादा है और वे सभी लोग बीफ खाते हैं. पार्टी ने पूर्वोत्तर के राज्यों में सभी आशंकाओं पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि वह यहां बीफ बैन नहीं करेगी.

मेघालय के भाजपा के जनरल सेक्रेटरी डेविड खरसती ने एक बयान जारी करके कहा है कि कुछ लोग हमारे बारे में अफवाह फैला रहे हैं. उन्होंने साफ किया है कि अगर अगले साल हमारी सरकार सत्ता में आती है तो नागालैंड में यूपी की तरह गो हत्या पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है और इस बात से केंद्रीय नेता वाकिफ हैं.

तीन राज्य में से 2 राज्य में कांग्रेस की सरकार

नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में से मेघालय और मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है. वहीं नागालैंड में भाजपा ने गठबंधन के साथ सरकार बनाई हुई है. ऐसे में इस फैसले के बाद बीजेपी जीत की हूंकार भर रही है. क्योंकि बीजेपी पहले ही एलान कर चुकी है कि वो कांग्रेस मुक्त भारत बनाना चाहती है. इसलिए वो फैसले भी उसी हिसाब से ले रही है जिससे पार्टी को कोई नुकसान न हो.

बता दें, हाल में मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने सरकार बना ली है. वहां पहले कांग्रेस की सरकार थी. असम में बीजेपी पिछले साल जीती थी. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी ने 2016 में राजनीतिक उठा-पटक के बाद सरकार बनाई थी.

चुनाव तो 2018 में हैं, लेकिन बीजेपी ने इसकी तैयारी अभी से कर दी है. लेकिन इन तीन राज्यों में बीफ बैन का विरोध करके कहीं, बाकी राज्यों में ये बात न फैल जाए कि बीजेपी जीत के लिए दौहरा रूप अपना रही है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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