• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

बधाई हो! Ayodhya verdict ने बता दिया कि सोशल मीडिया बेलग़ाम नहीं

    • नवेद शिकोह
    • Updated: 09 नवम्बर, 2019 01:13 PM
  • 09 नवम्बर, 2019 01:13 PM
offline
अयोध्या विवाद (Ayodhya dispute) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) राम मंदिर (Ram Mandir) के पक्ष में अपना फैसला सुना चुकी है. लेकिन इस लड़ाई में जीत आपसी सौहार्द्र की हुई है जिसे सोशल मीडिया पर देखा गया है.

ये बड़ा सवाल था. सोशल मीडिया क्या बेलग़ाम है? अगर बेलग़ाम है तो इसके परिणाम बेहद घातक होंगे. लेकिन ऐसा नहीं है. सोशल मीडिया बेलग़ाम नहीं है. अयोध्या मसले पर फैसला आने से पहले ही ये फैसला (Ram Mandir Babri Masjid verdict) हो गया कि सोशल मीडिया को पूरी तरह से क़ाबू में लिया जा सकता है. अयोध्या फैसले (Ayodhya faisla) से पहले शांति व्यवस्था के इंतेजामों में सोशल मीडिया पर खास ध्यान रखा गया. और फिर फैसले से पहले ही ये फैसला हो गया कि कोशिश की जाये तो सोशल मीडिया कठिन समय में घातक नहीं, बल्कि राहत दे सकती है. मौके की नजाकत के हिसाब से ये सकारात्मक और सहयोगात्मक साबित हो सकती है. शांति की अपीलों और अमन क़ायम रखने में सोशल मीडिया ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अभी तक कि इस सफलता में देशभर के पुलिस प्रशासन को श्रेय देना होगा. अयोध्या के संवेदनशील मामले पर सुरक्षा के ख़ास इंतेजामों में पुलिस ने आईटी एक्ट के सहारे सोशल मीडिया को अपने काबू में करने की कोशिश में बड़ी सफलता हासिल की है.

अयोध्या मामले में फैसला आ गया है इसलिए लोग शांति बनाए रखें

इससे पूर्व तमाम संवेदनशील मामलों में सोशल मीडिया बेलगाम  सी नजर आती थी. और हर गरमागर्मी में आग में घी का काम करती थी.लेकिन कोशिशें रंग लाती ही हैं. अयोध्या मामले (Ayodhya Land Dispute ) पर फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के जो इंतेजाम किये उसमें शांति व्यवस्था को क़ायम रखने के लिए सोशल मीडिया को नियंत्रण करना बेहद ज़रूरी भी था. अयोध्या मामले का केंद्र उत्तर प्रदेन के डीजीपी ओपी सिंह ने फैसले के एलान के साथ ही अपनी अपील में कहा था कि अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच का फैसला आ जाएगा. आप सब से अपील है कि किसी भी तरह का मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जांच लें. अन्यथा आपके द्वारा किया गया एक भी गलत मैसेज लाखों लोगों के लिए मुसीबत का सबब और प्रदेश के माहौल को खराब करने का कारण बन सकता है. जिसके जिम्मेदार पूरी तरह से आप होंगे. उत्तर प्रदेश...

ये बड़ा सवाल था. सोशल मीडिया क्या बेलग़ाम है? अगर बेलग़ाम है तो इसके परिणाम बेहद घातक होंगे. लेकिन ऐसा नहीं है. सोशल मीडिया बेलग़ाम नहीं है. अयोध्या मसले पर फैसला आने से पहले ही ये फैसला (Ram Mandir Babri Masjid verdict) हो गया कि सोशल मीडिया को पूरी तरह से क़ाबू में लिया जा सकता है. अयोध्या फैसले (Ayodhya faisla) से पहले शांति व्यवस्था के इंतेजामों में सोशल मीडिया पर खास ध्यान रखा गया. और फिर फैसले से पहले ही ये फैसला हो गया कि कोशिश की जाये तो सोशल मीडिया कठिन समय में घातक नहीं, बल्कि राहत दे सकती है. मौके की नजाकत के हिसाब से ये सकारात्मक और सहयोगात्मक साबित हो सकती है. शांति की अपीलों और अमन क़ायम रखने में सोशल मीडिया ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अभी तक कि इस सफलता में देशभर के पुलिस प्रशासन को श्रेय देना होगा. अयोध्या के संवेदनशील मामले पर सुरक्षा के ख़ास इंतेजामों में पुलिस ने आईटी एक्ट के सहारे सोशल मीडिया को अपने काबू में करने की कोशिश में बड़ी सफलता हासिल की है.

अयोध्या मामले में फैसला आ गया है इसलिए लोग शांति बनाए रखें

इससे पूर्व तमाम संवेदनशील मामलों में सोशल मीडिया बेलगाम  सी नजर आती थी. और हर गरमागर्मी में आग में घी का काम करती थी.लेकिन कोशिशें रंग लाती ही हैं. अयोध्या मामले (Ayodhya Land Dispute ) पर फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के जो इंतेजाम किये उसमें शांति व्यवस्था को क़ायम रखने के लिए सोशल मीडिया को नियंत्रण करना बेहद ज़रूरी भी था. अयोध्या मामले का केंद्र उत्तर प्रदेन के डीजीपी ओपी सिंह ने फैसले के एलान के साथ ही अपनी अपील में कहा था कि अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच का फैसला आ जाएगा. आप सब से अपील है कि किसी भी तरह का मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जांच लें. अन्यथा आपके द्वारा किया गया एक भी गलत मैसेज लाखों लोगों के लिए मुसीबत का सबब और प्रदेश के माहौल को खराब करने का कारण बन सकता है. जिसके जिम्मेदार पूरी तरह से आप होंगे. उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया (व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि) की पूरी निगरानी कर रही है. बावजूद इसके अगर कोई यह सोचकर कि पकड़ा नहीं जाऊंगा और गलत मैसेज फॉरवर्ड करता है तो यह उसकी गलतफहमी होगी.

इसी तरह लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ कलानिधि नैथानी का संदेश भी सोशल मीडिया पर जारी हुआ-

(फेसबुक/व्हाट्सप्प बन सकता है जेल जाने का कारण)

कृपया आप सभी को अवगत कराना है कि अगर कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक सामग्री (जैसे लेख,फोटो,वीडियो आदि ) व्हाट्सप्प whatsapp या फेसबुक facebook पर डालेगा या आगे फॉरवर्ड (forward) करेगा या ग्रुप में अग्रसारित करेगा तो उसके विरुद्ध प्रक्रिया अनुसार आईपीसी की धारा 505/153A/295A /298 का अभियोग पंजीकृत किया जायेगा.

उसके विरुद्ध NSA तक की कार्यवाही भी की जा सकती है. यह भी देख ले की भ्रमित करने के लिए किसी दूसरे जिला/ राज्य या देश की सामग्री (जैसे लेख,फोटो,वीडियो आदि) भी शेयर किया जा सकता है अत: ऐसी पोस्ट्स आदि पर ध्यान न दे. ग्रुप ऐड्मिन का यह कर्तव्य है ऐसी सामग्री डालने वाले को तुरन्त ग्रुप से बाहर करे व इसकी सूचना तुरन्त पुलिस को दें.

पुलिस महकमे के इन संदेशों का लोगों ने अक्षरश: पालन किया है. कुछ अपवादों को छोड़ दें तो सोशल मीडिया पर यूजर्स ने जबर्दस्‍त धैर्य का पालन किया. कुछ राजनीतिक या भड़काऊ पोस्‍ट आई भी, तो पुलिस ने तुरंत ही उसे डिलीट करने के लिए कहा. कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर शांति कायम है. और यदि यहां शांति है, तो समझ लीजिए कि समाज भी शांति है.

ये भी पढ़ें -

Ram Mandir verdict: मुस्लिम और हिंदू पक्ष की तैयारियों में है जबर्दस्‍त समानता!

Ram Mandir verdict आने को है लेकिन असली अलर्ट सोशल मीडिया को लेकर!

Ayodhya Ram Mandir Verdict: 10 दिलचस्‍प सवालों के घेरे में आए भगवान राम और बाबर


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲