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प्रियंका के जरिये भगवान राम को कैश कर यूथ कांग्रेस ने 'आपदा में अवसर' तलाश लिया है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 अगस्त, 2020 03:35 PM
  • 05 अगस्त, 2020 03:35 PM
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अयोध्या (Ayodhya ) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi )ने राम मंदिर (Ram Temple) के लिए भूमि पूजन कर दिया है. ऐसे में यूथ कांग्रेस (Youth Congress) द्वारा ट्विटर पर जो छवि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की बनाई गयी है साफ़ है कि तंगहाली, मुफ़लिसी, आंतरिक गतिरोध के इस दौर में भगवान राम को कैश करके कांग्रेस पार्टी ने आपदा में अवसर तलाश लिया है.

इसे 'सेक्युलर' (Secular) बनने की होड़ कह लीजिए या फिर राजनीतिक मजबूरी अपनी शुरुआत से ही कांग्रेस (Congress) ने ऐसी छवि रखी जिससे वो अपने को अल्पसंख्यकों (Minorities) विशेषकर मुसलमानों (Muslims) के करीब दिखा सके. राजनीति अवसरवादिता का खेल है. कामयाब वही होता है जो मौकों को भुनाना या ये कहें कि मौके पर चौका मारना जानता है. चूंकि कांग्रेस अपने वोट बैंक की दिखती नब्ज़ जानती थी इसलिए इफ़्तार पार्टियों से लेकर भगवा आतंकवाद (Saffron Terrorism) की थ्योरी तक कांग्रेस ने ऐसा बहुत कुछ किया जिससे वो मुस्लिम वोटर्स का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर सके. देश के प्रधानमंत्री (PM) भव्य राम मंदिर (Ram Temple) के भूमि पूजन (Bhumi Pujan) के सिलसिले में अयोध्या (Ayodhya) पहुंच चुके हैं. ऐसे में ये बताना भी बहुत जरूरी है कि ये कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर खूब अड़ंगा लगाया. तमाम तरह के विघ्न डाले. कांग्रेस को अपनी गलतियों का खामियाजा पहले 14 फिर 19 के लोकसभा चुनावों (LokSabha Election) में भुगतना पड़ा और आज जैसी स्थिति है कांग्रेस भी समझ गयी है कि हिंदुत्व (Hindutva) और राम नाम  ही भंवर में फंसी उसकी नैया मो पार लगाएगा. यदि पार्टी इनकी क्षरण में नहीं जाते तो जैसे हालात हैं जल्द ही वो दिन भी आ जाएगा जब कांग्रेस का नामलेवा शायद ही कोई इस देश में बचे.

अपनी सेक्युलर छवि से निकलकर राम भक्त के अवतार में नजर आ रहे हैं प्रियंका और राहुल

बात बीते दिनों ही है कोरोना के मद्देनजर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर होने और आपदा में अवसर तलाशने को कहा था. पीएम द्वारा कही इस बात को किसी ने आत्मसात किया हो या न किया हो मगर जैसा रवैया कांग्रेस का रहा उसने पीएम मोदी से वो तमाम गुण ले लिए हैं जो उसे फर्श से उठाकर...

इसे 'सेक्युलर' (Secular) बनने की होड़ कह लीजिए या फिर राजनीतिक मजबूरी अपनी शुरुआत से ही कांग्रेस (Congress) ने ऐसी छवि रखी जिससे वो अपने को अल्पसंख्यकों (Minorities) विशेषकर मुसलमानों (Muslims) के करीब दिखा सके. राजनीति अवसरवादिता का खेल है. कामयाब वही होता है जो मौकों को भुनाना या ये कहें कि मौके पर चौका मारना जानता है. चूंकि कांग्रेस अपने वोट बैंक की दिखती नब्ज़ जानती थी इसलिए इफ़्तार पार्टियों से लेकर भगवा आतंकवाद (Saffron Terrorism) की थ्योरी तक कांग्रेस ने ऐसा बहुत कुछ किया जिससे वो मुस्लिम वोटर्स का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर सके. देश के प्रधानमंत्री (PM) भव्य राम मंदिर (Ram Temple) के भूमि पूजन (Bhumi Pujan) के सिलसिले में अयोध्या (Ayodhya) पहुंच चुके हैं. ऐसे में ये बताना भी बहुत जरूरी है कि ये कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर खूब अड़ंगा लगाया. तमाम तरह के विघ्न डाले. कांग्रेस को अपनी गलतियों का खामियाजा पहले 14 फिर 19 के लोकसभा चुनावों (LokSabha Election) में भुगतना पड़ा और आज जैसी स्थिति है कांग्रेस भी समझ गयी है कि हिंदुत्व (Hindutva) और राम नाम  ही भंवर में फंसी उसकी नैया मो पार लगाएगा. यदि पार्टी इनकी क्षरण में नहीं जाते तो जैसे हालात हैं जल्द ही वो दिन भी आ जाएगा जब कांग्रेस का नामलेवा शायद ही कोई इस देश में बचे.

अपनी सेक्युलर छवि से निकलकर राम भक्त के अवतार में नजर आ रहे हैं प्रियंका और राहुल

बात बीते दिनों ही है कोरोना के मद्देनजर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर होने और आपदा में अवसर तलाशने को कहा था. पीएम द्वारा कही इस बात को किसी ने आत्मसात किया हो या न किया हो मगर जैसा रवैया कांग्रेस का रहा उसने पीएम मोदी से वो तमाम गुण ले लिए हैं जो उसे फर्श से उठाकर राजनीति के अर्श तक पहुंचा सकते हैं. इस बात को समझने के लिए हम 'इंडियन यूथ कांग्रेस' का ट्विटर पेज देख सकते हैं जो फिलहाल राम नाम से भरा है.

ट्विटर पर जैसा रुख यूथ कांग्रेस का है साफ है कि राम नाम को कांग्रेस पार्टी की तरफ से कैश किया जा रहा है और पार्टी की तरफ से देश को यही बताने का प्रयास किया जा रहा है कि राम पर जितना अधिकार भाजपा का है उतना ही अधिकार कांग्रेस का भी है.

गौरतलब है कि फिलहाल जो वक़्त चल रहा है वो कांग्रेस के लिए एक मुश्किल वक़्त है. तंगहाली, मुफ़लिसी और आंतरिक गतिरोध के इस दौर में कांग्रेस के लिए अपनी विरासत को बचाना काफी मुश्किल होता चला जा रहा है. ऐसे में वो राम का नाम ही है जो बीच मझधार में फंसी कांग्रेस की नैया को पार लगा सकता है. कुल मिलाकर ये समय कांग्रेस पार्टी के लिए आपदा के समय है और राम का नाम अवसर. कांग्रेस इस बात से वाकिफ है कि अगर आगे आने वाले सालों तक उसे देश की सियासत में बने रहना है तो उसे हिंदुत्व और राम का दामन थामना ही होगा.

राम मंदिर भूमि पूजन के मद्देनजर युथ कांग्रेस ने प्रियंका को लेकर जी ट्वीट किया है यदि उसका अवलोकन किया जाए तो मिलता है भगवान राम की तस्वीर के आगे भगवा वस्त्र धारण किये हुए प्रियंका गांधी के कट आउट को लगाया गया है जो कि आकार में भगवान राम की फ़ोटो से बड़ा है. साफ है कि इस तस्वीर को दिखाकर कांग्रेस ने अपनी असली नीयत जनता को बता दी है.

जैसा कि हम बता चुके हैं यूथ कांग्रेस के ट्विटर पेज पर रामराज आया हुआ है तो हमें उस ट्वीट को भी देखना चाहिए जिसमें एक तस्वीर के जरिये मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए दिखाया गया. भले ही वो इसके जरिये प्रदेश की खसुहाली का हवाला दे रहे हों मगर मकसद साफ़ है कमलनाथ भी राम का नाम लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देना चाहते हैं जिन्होंने भूमि पूजन से ठीक पहले ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदलकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की है.

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री और हालिया दिनों में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से लोहा लेकर सुर्ख़ियों में आए अशोक गहलोत ने भी राम नाम में अपनी मुक्ति का मार्ग ढूंढ लिया है.

जिस वक़्त राम मंदिर का फैसला आ रहा था रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी तमाम तरह की बातें कहीं थीं मगर अब जबकि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए भूमि पूजन हो गया है तो उन्होंने भी अपने सुर बदल लिए हैं.

राम मंदिर और भूमि पूजन को लेकर सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी वाड्रा की एक चिट्ठी भी खूब सुर्खियां बटोर रही है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने चिट्ठी पोस्ट करते हुए लिखा है कि सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है. राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं. भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने

जिक्र राम मंदिर और भूमि पूजन को लेकर कांग्रेस और गांधी परिवार का हुआ है तो हमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी के ट्वीट का भी अवलोकन करना चाहिए. राहुल ने लिखा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं. वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं. राम प्रेम हैं. वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते. राम करुणा हैं. वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते. राम न्याय हैं.वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते.

राहुल गांधी के इस ट्वीट को देखें तो साफ़ है कि इतने पावन मौके पर भी राहुल गांधी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे और इस ट्वीट के जरिये कहीं न कहीं उन्होंने भाजपा पर एक बड़ा व्यंग्य कसा है.

अब चूंकि प्रियंका गांधी और कांग्रेस का ये अवतार सुर्ख़ियों बटोर ही रहा है तो आलोचकों को भी आलोचना करने का मौका मिल गया है. अगर हम सोशल मीडिया का रुख करें तो ऐसे तमाम यूजर्स ने जिनको कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं का ये बर्ताव हरगिज समझ में नहीं आया है. कहा यही जा रहा है कि ऐसा करके कांग्रेस पार्टी देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.

बता दें कि अपनी इस ताज़ी रामभक्ति को कांग्रेस व्हाट्स ऐप पर भी शेयर कर रही हैं ताकि वो लोगों को इस बात का एहसास करा दे कि उसे हिन्दुओं और हिंदुत्व की कद्र है.

बहरहाल, कांग्रेस पार्टी का ये नया अवतार उसे 22 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और 24 के आम चुनावों में कितना फायदा पहुंचाएगा इसका फैसला वक़्त करेगा लेकिन जो वर्तमान है वो इसलिए भी दिलचस्प प्रतीत हो रहा है. क्योंकि यही वो कांग्रेस पार्टी थी जिसमें कपिल सिब्बल दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने राम मंदिर की राहों में रोड़े अटकाए थे.

कुल मिलाकर पीएम मोदी द्वारा किये गए इस भूमि पूजन से कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं को एक बड़ा सबक मिला है. सबक ये है कि राजनीति किसी एक समुदाय को पकड़ कर नहीं होती उसके लिए सबका साथ चाहिए होता है. सबका विकास करना पड़ता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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