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राहुल गांधी : पनौती इनकी सहेली है, ज़िन्दगी इनकी पहेली है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 नवम्बर, 2017 07:54 PM
  • 30 नवम्बर, 2017 07:54 PM
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राहुल गांधी और विवादों का चोली दामन का साथ है. वो कुछ करें विवाद उससे पहले ही उनका दामन थाम लेता है. राहुल को देख के कभी कभी लगता है उनकी कुंडली में ही कोई दोष है.

राहुल गांधी इन दिनों कुछ तूफानी करने की फ़िराक में हैं. राजनीति में कुछ तूफानी करने का मतलब होता है पूर्व की अपेक्षा ज्यादा धार्मिक बनना. राहुल गांधी इन दिनों धार्मिक हैं वो तिलक लगाकर, जनेऊ चढ़ाकर गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बात बीते दिन की है राहुल सोमनाथ में थे, मंदिर की प्रत्येक मूर्ति पर माथा टेक कांग्रेस पार्टी की जीत की दुआ करते वो बाहर निकले. बाहर निकलते वक़्त उनकी नजर एक पंडित पर पड़ी उन्होंने पंडित की छवि अपने तेज दिमाग में उतार ली और आगे बढ़ गए. सूरज ढलने के बाद एसपीजी, अपने अस्सिटेंट, ट्रांसलेटर और ट्विटर संभालने वाले लड़के को सुलाकर राहुल गांधी रात्रि भ्रमण पर निकले. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़े लोगों कि आदत होती है खाना खाकर टहलने निकलना. घूमते-घूमते राहुल फिर अकेले मंदिर पहुंचे. सुबह जो पंडित जी दिखे थे वो खाना खाके बस सोने जा रहे थे और मच्छरों से बचने के लिए मॉर्टीन सुलगा रहे थे.

राहुल गांधी का धर्म इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना है

पंडित जी को प्रणाम करने के बाद राहुल ने अपनी हथेली उनकी तरफ बढ़ाई और एक सांस में पूछ लिया, "बताइए पंडित जी इस हथेली में कौन सा राज है गहरा, कब तक रहेगा पार्टी के पंजे पर नरेंद्र मोदी का पहरा! क्या कभी वो सुबह आएगी जब कांग्रेस पार्टी फिर सत्ता पाएगी"...रात का पहर था, पंडित जी को नींद आ रही थी. मगर राहुल गांधी की आंखों में मस्ती ली हुई भोली सी सूरत पर पंडित जी मोहित हो उठे और 15 मिनट तक राहुल की हथेली को अपने हाथ में लेकर इधर-उधर, दाएं-बाएं देखते हुए पंडित जी ने कहा, "पनौती तुम्हारी सहेली है, तुम्हारी ज़िन्दगी एक पहेली है''. राहुल गांधी बड़े आदमी हैं, बड़े आदमियों में आक्रोश ज्यादा रहता है. वो गुस्सा गए और उठकर सीधे अपने कमरे में आ गए और ये बात सोचते हुए रात भर सोए नहीं.

राहुल गांधी इन दिनों कुछ तूफानी करने की फ़िराक में हैं. राजनीति में कुछ तूफानी करने का मतलब होता है पूर्व की अपेक्षा ज्यादा धार्मिक बनना. राहुल गांधी इन दिनों धार्मिक हैं वो तिलक लगाकर, जनेऊ चढ़ाकर गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बात बीते दिन की है राहुल सोमनाथ में थे, मंदिर की प्रत्येक मूर्ति पर माथा टेक कांग्रेस पार्टी की जीत की दुआ करते वो बाहर निकले. बाहर निकलते वक़्त उनकी नजर एक पंडित पर पड़ी उन्होंने पंडित की छवि अपने तेज दिमाग में उतार ली और आगे बढ़ गए. सूरज ढलने के बाद एसपीजी, अपने अस्सिटेंट, ट्रांसलेटर और ट्विटर संभालने वाले लड़के को सुलाकर राहुल गांधी रात्रि भ्रमण पर निकले. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़े लोगों कि आदत होती है खाना खाकर टहलने निकलना. घूमते-घूमते राहुल फिर अकेले मंदिर पहुंचे. सुबह जो पंडित जी दिखे थे वो खाना खाके बस सोने जा रहे थे और मच्छरों से बचने के लिए मॉर्टीन सुलगा रहे थे.

राहुल गांधी का धर्म इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना है

पंडित जी को प्रणाम करने के बाद राहुल ने अपनी हथेली उनकी तरफ बढ़ाई और एक सांस में पूछ लिया, "बताइए पंडित जी इस हथेली में कौन सा राज है गहरा, कब तक रहेगा पार्टी के पंजे पर नरेंद्र मोदी का पहरा! क्या कभी वो सुबह आएगी जब कांग्रेस पार्टी फिर सत्ता पाएगी"...रात का पहर था, पंडित जी को नींद आ रही थी. मगर राहुल गांधी की आंखों में मस्ती ली हुई भोली सी सूरत पर पंडित जी मोहित हो उठे और 15 मिनट तक राहुल की हथेली को अपने हाथ में लेकर इधर-उधर, दाएं-बाएं देखते हुए पंडित जी ने कहा, "पनौती तुम्हारी सहेली है, तुम्हारी ज़िन्दगी एक पहेली है''. राहुल गांधी बड़े आदमी हैं, बड़े आदमियों में आक्रोश ज्यादा रहता है. वो गुस्सा गए और उठकर सीधे अपने कमरे में आ गए और ये बात सोचते हुए रात भर सोए नहीं.

गुजरात चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी रोज़ विवादों को लेकर कोई न कोई तर्क दे रहे हैं

खैर, बीते दिन के जनेऊ प्रकरण के बाद सारा देश कुछ सवालों को जानने को आतुर है. मसलन राहुल गांधी का धर्म क्या है? राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री कब बनेंगे? राहुल गांधी की शादी कब होगी? पकी दाढ़ी और डाई किये बालों के बावजूद राहुल गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वार कब तक युवा कहलाएंगे? कब राहुल जज्बात छोड़कर धीर-गंभीर बनेंगे? कब राहुल समझदारी की बातें कर देश की राजनीति में कुछ अहम बदलाव करेंगे? राहुल गांधी के बारे में इतने सवाल हैं कि अगर कोई कलम को सियाही में डुबा-डुबा के लिखे तो पूरा महाकाव्य तैयार हो जाए और इस महाकाव्य को देखकर एकता कपूर कोई डेली सोप बना दें, संजय लीला भंसाली किसी बायोपिक का निर्माण कर दें.

राहुल को लेकर यूं तो वर्तमान परिपेक्ष में सवाल कई हैं मगर जिस सवाल पर आजकल पूरी राजनीति गरमाई हुई है वो ये है कि राहुल का धर्म क्या है? लोगों के बीच जेर-ए-बहस मुद्दा ये है कि घर में राहुल किस धर्म का पालन करते हैं? उनका कोई धर्म भी है या नहीं या फिर वो सिर्फ राजनीति और मोदी विरोध को भी धर्म मानते हैं. हम बात राहुल के धर्म पर कर रहे हैं. राहुल के धर्म पर बात करते हुए हमें इंटरनेट पर विकी लीक्स के कई ऐसे दावे दिख रहे हैं जहां उन्हें हिन्दू ब्राहमण से लेकर रोमन कैथोलिक तक बताया जा रहा है. बात आगे बढ़ाने से पहले आपको बता दें कि विकी लीक्स के इन दावों की सत्यता संदेह के घेरे में हैं.

राहुल समर्थकों का मत है कि इस नए रूप में राहुल लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय हो सकते हैं

जब हमनें राहुल के धर्म को लेकर इंटरनेट की मदद लेनी चाही तो इंटरनेट से जो निकल कर आया वो ये कि इनके दादा फ़िरोज़ गांधी पारसी धर्म के अनुयायी थे जबकि इनके नाना और नाना, स्टेफनो माइनो एक कैथोलिक क्रिश्चन थे, राहुल के पिता राजीव गांधी धर्म के लिहाज से ब्राह्मण बताए जाते हैं. एक पारसी / ईसाई परिवार कैसे, कब, कहां, क्यों ब्राह्मण बना इन जानकारियों के चक्कर में आपको बहुत ज्यादा परेशान होने की ज़रुरत नहीं है न ही आपको रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा राहुल के जनेऊ दिखाए जाने से बहुत ज्यादा आहत होने की जरूरत है. बात समझिये, राजनीति में कुछ बातें बहुत मारक होती हैं, फिलहाल राहुल गांधी का जनेऊ है.

भले ही सुरजेवाला ने राहुल गांधी का जनेऊ फिजाओं में लहराकर इस बात का उद्घोष कर दिया है कि गुजरात की आंधी राहुल गांधी हैं, मगर खुद राहुल गांधी सुरजेवाला की इस हरकत पर खासे कन्फ्यूज हैं और वो मंदिर मंदिर टहल के भगवान से सवाल कर रहे हैं, हे नाथ ! बता मेरी खता क्या है ? मैं ऐसा क्यों हूं? क्या मेरे भी कभी अच्छे दिन आएँगे? शायद किसी रोज़ भगवान सपने में प्रकट हुए हों और उन्होंने भी राहुल से वही कहा हो जो पंडित जी ने कहा था..."पनौती तुम्हारी सहेली है, तुम्हारी ज़िन्दगी, एक पहेली है'.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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