केहू कहत है खाय का दाना नाय मिलत
केहू के शिकायत है ठेकाना नाय मिलत
येहि दौर से रफ़ीक हैं, हमहूं का शिकायत है
दिल लेहे घूमित है, निशाना नाय मिलत.
पंक्तियां एकदम बेहतरीन हैं जिन्हें लिखा है तब के फैज़ाबाद और अब के अयोध्या के शायर रफ़ीक़ शादानी ने. उपरोक्त पंक्तियों में कवि की कल्पना कुछ यूं है कि उन्होंने कटिया में चारा तो लगा दिया मगर मछली नहीं मिली. 'मछली' तो ताज नगरी आगरा के सेंट जॉन कॉलेज के लड़कों को भी नहीं मिली लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और लेटर हेड ही छाप के बता दिया कि जब बात इश्क़ और जंग की हो तो डैडी से लेकर मम्मी तक और माशूक के अब्बा से लेकर खुद माशूक तक कुछ कर लें, मन से मुलायम इन आशिकों के इरादे लोहा हैं.
तो गुरु बातें तो बहुत सी हैं पहले मैटर समझ लिया जाए, स्टूडेंट्स का जयकारा और उनकी क्रिएटिविटी को दंडवत प्रणाम करने में आसानी होगी. आगरा के सेंट जॉन कॉलेज में एक लेटर जंगल की आग की तरह वायरल हुआ. वायरल हुए इस लेटर में कॉलेज के एसोसिएट डीन अकैडमिक अफेयर्स प्रोफेसर आशीष शर्मा के हस्ताक्षर थे. लेटर कॉलेज की सेकंड, थर्ड और फाइनल ईयर की लड़कियों को संबोधित था जिसमें लिखा था कि आगामी 14 फरवरी तक हर लड़की के लिए एक बॉय फ्रेंड अनिवार्य है. ये सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है. सिंगल लड़कियों का कॉलेज में प्रवेश निषेद होगा. लड़कियों को अपने बॉयफ्रेंड के साथ हाल में ली गयी तस्वीर दिखानी होगी. प्यार फैलाएं.
लेटर आने भर की देर थी पूरे कॉलेज में सनसनी फैल गई. मिंगल लड़कियों का तो फिर भी ठीक था. बॉयफ्रेंड तो था...
केहू कहत है खाय का दाना नाय मिलत
केहू के शिकायत है ठेकाना नाय मिलत
येहि दौर से रफ़ीक हैं, हमहूं का शिकायत है
दिल लेहे घूमित है, निशाना नाय मिलत.
पंक्तियां एकदम बेहतरीन हैं जिन्हें लिखा है तब के फैज़ाबाद और अब के अयोध्या के शायर रफ़ीक़ शादानी ने. उपरोक्त पंक्तियों में कवि की कल्पना कुछ यूं है कि उन्होंने कटिया में चारा तो लगा दिया मगर मछली नहीं मिली. 'मछली' तो ताज नगरी आगरा के सेंट जॉन कॉलेज के लड़कों को भी नहीं मिली लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और लेटर हेड ही छाप के बता दिया कि जब बात इश्क़ और जंग की हो तो डैडी से लेकर मम्मी तक और माशूक के अब्बा से लेकर खुद माशूक तक कुछ कर लें, मन से मुलायम इन आशिकों के इरादे लोहा हैं.
तो गुरु बातें तो बहुत सी हैं पहले मैटर समझ लिया जाए, स्टूडेंट्स का जयकारा और उनकी क्रिएटिविटी को दंडवत प्रणाम करने में आसानी होगी. आगरा के सेंट जॉन कॉलेज में एक लेटर जंगल की आग की तरह वायरल हुआ. वायरल हुए इस लेटर में कॉलेज के एसोसिएट डीन अकैडमिक अफेयर्स प्रोफेसर आशीष शर्मा के हस्ताक्षर थे. लेटर कॉलेज की सेकंड, थर्ड और फाइनल ईयर की लड़कियों को संबोधित था जिसमें लिखा था कि आगामी 14 फरवरी तक हर लड़की के लिए एक बॉय फ्रेंड अनिवार्य है. ये सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है. सिंगल लड़कियों का कॉलेज में प्रवेश निषेद होगा. लड़कियों को अपने बॉयफ्रेंड के साथ हाल में ली गयी तस्वीर दिखानी होगी. प्यार फैलाएं.
लेटर आने भर की देर थी पूरे कॉलेज में सनसनी फैल गई. मिंगल लड़कियों का तो फिर भी ठीक था. बॉयफ्रेंड तो था इनके पास, लेकिन बेचारी सिंगल लड़कियां... इनको काटो तो खून नहीं. सिंगल समुदाय की जो लड़की कैंटीन में थी वो कैंटीन में जम गई. जो लड़कियां लाइब्रेरी में थीं उन्होंने अपना मुंह किताबों में छिपा लिया. लैक्चर छोड़ दिये गए पूरे कॉलेज में त्राहिमाम मच गया.
अच्छा चूंकि लेटर में विशेष तवज्जो सेकंड, थर्ड और फाइनल ईयर की लड़कियों को दी गई तो जो फर्स्ट ईयर की छात्राएं थीं उनका आहत होना स्वाभाविक था. एक दूसरे से सवाल यही हो रहे थे कि क्या ये जालिम समाज हमें मुहब्बत भी नहीं करने देगा? क्या हमारा फर्स्ट ईयर यूं ही किताबों के बीच निकल जाएगा. लैटर चूंकि वायरल हो चुका था और जैसे ही के घूमते टहलते कॉलेज प्रशासन के पास पहुंचा तो उसके होश उड़ गए.
मैनेजमेंट के सामने लाइन हाजिर न होना हो इसलिए प्रिंसिपल साहब ने एक दूसरा लेटर जारी किया और एसोसिएट डीन वाले लेटर को फर्जी करार देते हुए इसे अराजक तत्वों की शरारत बताया. प्रिंसिपल साहब वाली चिट्ठी को पढ़ा जाए तो इसमें लिखा है कि कॉलेज की लड़कियों को बरगलाने वाला पत्र पूरी तरह से फर्जी है. जिसने भी यह काम किया है, उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
प्रिंसिपल साहब और कॉलेज प्रशासन चिट्ठी भेजने वाले पर क्या एक्शन लेते हैं ये देखना तो भइया हमारे लिए भी काफी इंटरेस्टिंग है. लेकिन उससे पहले आप प्रिंसिपल साहब की पूरी बातें खुद पढ़ लीजिये और समझिए कि पहले वाले लैटर के वायरल होने के बाद प्रिंसिपल साहब कितना लाचार फील कर रहर होंगे.
बात सीधी है. कोई रॉकेट साइंस थोड़े ही है. एक ऐसे समय में जब नर्सरी और केजी तक के बच्चे न केवल गर्ल फ्रेंड बना रहे हों बल्कि ब्रेकअप तक कर रहे हों वैलेंटाइन डे आने पर आगरा जैसे छोटे शहर में लड़कों द्वारा इतना तो बनता है लेकिन हां उन्हें एसोसिएट डीन का नाम नहीं डालना चाहिए था.
अच्छा हां, एसोसिएट डीन से याद आया. जब इस मामले के मद्देनजर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एसपी सिंह से पूछा गया तो उन्होंने ये कहकर चक्कर में डाल दिया कि भइया कॉलेज में कोई आशीष शर्मा नाम का प्रोफेसर है ही नहीं.
चूंकि पत्र से कॉलेज में कोहराम बरपा हो गया था तो सवाल ये भी है कि चाहे लड़के हों या लड़कियां उन्हें ये तक पता नहीं है कि उनका डीन कौन है? कहीं ऐसा तो नहीं कि वेलेंटाइन डे का खुमार स्टूडेंट्स पर कुछ ऐसा चढ़ गया है कि उन्होंने अपना होशऔर हवास दोनों ही खो दिया है.
बहरहाल 14 फरवरी के मद्देनजर अब तक हमने जितने भी किस्से सुने ये वाला किस्सा टॉप पर है. बाकी उम्मीद यही है कि 14 फरवरी किसी के लिए खास हो या न हो मगर सेंट जॉन कॉलेज के अलावा पूरे आगरा के लिए ये इसलिए भी खास रहेगा क्यों कि जब जब वो इसे याद करेंगे उनके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान अपने आप ही आ जाएगी.
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