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चाचा मनीष सिसौदिया को रिहा करने के लिए मोदी ताऊ के नाम एक मासूम भतीजे की चिट्ठी!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 28 फरवरी, 2023 03:06 PM
  • 28 फरवरी, 2023 03:06 PM
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शराब मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी से सिर्फ केजरीवाल ही नहीं वो बच्चे भी उदास हैं जो उनके फैन थे. ऐसे ही एक फैन ने पीएम मोदी को पत्र लिख अपने मन की बात की है.

ताऊजी प्रणाम,

मन ठीक नहीं है. रोना आ रहा है.

मैं तो अपने एक्जाम की तैयारी कर रहा था तभी टीवी पर नजर पड़ी. पुलिस हमारे चाचा मनीष सिसौदिया को पकड़कर ले जा रही है. हमेशा मुस्‍कुराते रहने वाले हमारे चाचा को पुलिस क्यों पकड़कर ले गई?

चाचा राघव चड्ढा का ट्वीट देखकर तो दिल ही बैठा गया था. कह रहे थे- 'कल सुबह भी स्कूल खुलेंगे, बच्चे भी आएंगे… बस सुबह सुबह स्कूलों में सब ठीक है कि नहीं, ये देखने वाला शिक्षा मंत्री नहीं होगा.' एक पल को तो ऐसा लगा मानो चाचा मनीष दुनिया छोड़कर चले गए. खैर, तसल्‍ली ये है कि वे सही सलामत हैं. सलाखों के पीछे ही सही.

लेकिन मैं तो कहता हूं 'कल सुबह भी शराब के ठेके खुलेंगे, पीने वाले भी आयेंगे, बस सुबह सुबह ठेकों में सब ठीक है की नहीं, ये देखने वाला शराब मंत्री नहीं आयेगा.' सब जलते हैं मनीष चाचा से.

वैसे जरा ये बताइये मुझे कि उन्‍होंने आखिर किया क्‍या है? सुनने में आ रहा है कि सबके सामने शिक्षा की बात करने वाले मनीष चाचा पर्दे के पीछे शराब की दलाली करते थे. मेरे सामने जो सबसे बड़ा क्वेश्चन इस समय है वो ये, कि क्या इतने बड़े एजुकेशनिस्ट मनीष चाचा शराब नहीं बेच सकते? या क्राइम ये है कि दिन में शिक्षा की बात करने वाला रात में शराब कैसे बिकवा लेता था?

जरा आप मनीष चाचा के बारे में भी तो सोचिए. एक पल को वे ये सोचते होंगे कि स्‍कूलों में ज्‍यादा से ज्‍यादा बच्‍चोंं को अच्‍छी शिक्षा मिले. तो दूसरे पल वे ये भी ख्‍याल रखते होंगे कि दिल्‍ली के ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को सस्‍ती शराब मिले. कक्षा और कलाली दोनों भरी रहें.

तमाम लोग हैं जो शराब मामले में सिसोदिया की गिरफ्तारी से गंभीर रूप से आहत हैं...

ताऊजी प्रणाम,

मन ठीक नहीं है. रोना आ रहा है.

मैं तो अपने एक्जाम की तैयारी कर रहा था तभी टीवी पर नजर पड़ी. पुलिस हमारे चाचा मनीष सिसौदिया को पकड़कर ले जा रही है. हमेशा मुस्‍कुराते रहने वाले हमारे चाचा को पुलिस क्यों पकड़कर ले गई?

चाचा राघव चड्ढा का ट्वीट देखकर तो दिल ही बैठा गया था. कह रहे थे- 'कल सुबह भी स्कूल खुलेंगे, बच्चे भी आएंगे… बस सुबह सुबह स्कूलों में सब ठीक है कि नहीं, ये देखने वाला शिक्षा मंत्री नहीं होगा.' एक पल को तो ऐसा लगा मानो चाचा मनीष दुनिया छोड़कर चले गए. खैर, तसल्‍ली ये है कि वे सही सलामत हैं. सलाखों के पीछे ही सही.

लेकिन मैं तो कहता हूं 'कल सुबह भी शराब के ठेके खुलेंगे, पीने वाले भी आयेंगे, बस सुबह सुबह ठेकों में सब ठीक है की नहीं, ये देखने वाला शराब मंत्री नहीं आयेगा.' सब जलते हैं मनीष चाचा से.

वैसे जरा ये बताइये मुझे कि उन्‍होंने आखिर किया क्‍या है? सुनने में आ रहा है कि सबके सामने शिक्षा की बात करने वाले मनीष चाचा पर्दे के पीछे शराब की दलाली करते थे. मेरे सामने जो सबसे बड़ा क्वेश्चन इस समय है वो ये, कि क्या इतने बड़े एजुकेशनिस्ट मनीष चाचा शराब नहीं बेच सकते? या क्राइम ये है कि दिन में शिक्षा की बात करने वाला रात में शराब कैसे बिकवा लेता था?

जरा आप मनीष चाचा के बारे में भी तो सोचिए. एक पल को वे ये सोचते होंगे कि स्‍कूलों में ज्‍यादा से ज्‍यादा बच्‍चोंं को अच्‍छी शिक्षा मिले. तो दूसरे पल वे ये भी ख्‍याल रखते होंगे कि दिल्‍ली के ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को सस्‍ती शराब मिले. कक्षा और कलाली दोनों भरी रहें.

तमाम लोग हैं जो शराब मामले में सिसोदिया की गिरफ्तारी से गंभीर रूप से आहत हैं

दुनिया मनीष चाचा को लाख बेईमान, घपलेबाज/ घोटालेबाज क्यों न कह दे लेकिन मेरा मन किसी भी हाल में ये मानने को तैयार नहीं है. ताऊजी आप खुद बताइये वो आदमी जिसके द्वारा बनवाए गए स्कूलों का डंका वहां विदेशों में बज रहा है. कोई अड़ंगा न लगे जो शिक्षा के नोबेल का प्रबल दावेदार है. तो अगर उसने केजरीवाल चाचा के कहने पर शराब को Buy One Get One के हिसाब से बिकवा दिया तो कौन सा कहर पड़ गया?

केजरी चाचा बता रहे थे कि वो मनीष चाचा के घर गए थे. वहां चाची बहुत बीमार है. लंबे समय से बीमार है. उनकी देखभाल मनीष चाचा ही करते थे. पता नहीं, केजरी चाचा को ये सब पता था तो उन्‍होंने मनीष चाचा को शराब की दलाली में क्‍यों लगाया? लेकिन अब आपको ही ध्‍यान रखना है. चाचा को छुड़वा दीजिये न प्‍लीज.

ताऊजी, मुझे तो अब गुस्‍सा आ रहा है आप पर. पता है मेरे पड़ोसी गुप्ता अंकिल का लड़का जो फिफ्थ क्लास पढ़ता है. बचपन से आज तक हर परीक्षा में टॉप आया. लेकिन, आज सुबह हुए क्लास टेस्ट में फेल हो गया. बस, एक ही रट लगाए है कि मनीष चाचा को वापस लाओ. फूट फूट कर रो रहा है. ये कहते हुए मेरा भी गला भर रहा है. 

ताऊजी आप कुछ तो समझिए. केजरी चाचा बार-बार कह रहे थे कि दम है तो मनीष सिसौदिया को पकड़कर दिखाओ. हिम्‍मत है तो उसे जेल में डालकर दिखाओ. केजरी चाचा के चैलेंज को आपने इतना सीरियसली क्यों ले लिया? आपको तो पता है कि उन्‍होंने इससे पहले सत्‍येंद्र जैन चाचा के मामले को भी उचका-उचकाकर उन्‍हें निपटा दिया था.

केजरी चाचा अपने पास तो कोई रिस्‍पांसिबिलिटी नहीं रखते. 18 डिपार्टमेंट मनीष चाचा को दे रखे थे. ताकि काला-पीला हो तो वे ही निपटें. इसलिए आप से रिक्वेस्ट है कि केजरी चाचा की बात को ज्‍यादा गंभीरली मत लिया करिए.

चाचा को अरेस्‍ट कर ही लिया है तो उनसे जल्‍दी से जल्‍दी पूछताछ करके छोड़ दीजिये. 

आपका प्यारा भतीजा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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